Triyachi - 23 books and stories free download online pdf in Hindi

त्रियाची - 23

भाग 23

यश- त्रियाची और उसकी सेना हमारे सामने हैं अब हमें क्या करना है ? 

प्रणिता- करना क्या है सीधे इनसे मुकाबला करना है। 

तुषार - हां मुकाबला करो और उन्हें खत्म कर दो, तभी हमारा यह मिशन पूरा होगा। 

अनिकेत- नहीं इस तरह से नहीं। अगर हम सीधा उनका मुकाबला करेंगे तो वो लोग हम पर भारी पड़ सकते हैं। हम एक योजना बनाकर उन पर हमला करना होगा। 

प्रणिता- पर कैसी योजना ? वो हजारों में हैं और हम सिर्फ पांच है। 

रॉनी- अनिकेत सही कह रहा है उनकी संख्या ज्यादा है इसलिए हमें योजना बनाकर ही उन पर हमला करना होगा। 

तुषार - पर इनकी एक टूकड़ी हमसे मुकाबले के बजाय दूसरी ओर क्यों जा रही है ? 

अनिकेत- मुझे लगता है यह उनकी कोई चाल है। 

यश- कैसी चाल ? 

अनिकेत- शायद वो हम सभी की शक्तियों को परखने का प्रयास कर रहे है। 

प्रणिता- मतलब ? 

अनिकेत- मतलब यह है कि त्रियाची ने मेरी और मगोरा ने रॉनी की शक्तियों को देखा है। यह टूकड़ी मानवों पर हमला करने के लिए जा रही है ताकि उसे तुम लोगों की शक्तियों के बारे में भी पता चल सके। 

यश- तो अब क्या करना चाहिए ? 

अनिकेत- तुम तीनों यही रहना। उनका मुकाबला करने के लिए मैं या रॉनी में से ही कोई जाएगा। 

रॉनी- मैं जाता हूं, तुम यहां रूको। 

अनिकेत- ठीक है रॉनी तुम मगोरा और उसके साथियों को रोको तब तक हम त्रियाची को संभालते हैं। 

रॉनी मगोरा और उसकी सेना को रोकने के लिए दूसरी ओर चल देता है। 

अनिकेत- अब तुम लोग ध्यान से सुनो। हमें उन पर हमला तब तक नहीं करना है जब तक कि वो हम पर हमला नहीं करते। परंतु उन लोगों को भ्रमित करना है। 

प्रणिता- वो कैसे करेंगे ? 

अनिकेत- तुम धरती से पत्थर, धूल की आंधी चलाओ और उसका रूख उन लोगों की ओर ही रखना। और यश तुम उस आंधी के बीच आकाशीय बिजली गिराना। बिजली इस तरह से गिराना कि वे आसमान में बहुत अधिक देर तक टिक ना सके। मैं भी बहुत तेज बारिश करता हूं जिससे ये लोग तितर बितर हो जाएंगे, उसके बाद हम एक साथ उन पर हमला करेंगे तो उनकी सेना पर असर होगा। 

प्रणिता- ठीक है। 

इसके बाद प्रणिता धरती से बड़े पत्थर और धूल की आंधी त्रियाची की सेना पर करने लगती है, वहीं यश भी अपनी शक्ति का प्रयोग कर उनकी सेना पर बिजली गिराता है। अनिकेत द्वारा की जाने वाली तेज बारिश से त्रियाची की सेना संभल नहीं पाती है। त्रियाची यह सब देखकर अपनी सेना को उन पांचों पर हमला करने के लिए आदेश देता है। त्रियाची का आदेश मिलते ही अत्याधुनिक हथियारों से त्रियाची की सेना उन पांचों पर हमला कर देती है। त्रियाची की सेना को हमला करते देख अनिकेत बचाव के लिए पानी की एक बहुत बड़ी दीवार खड़ी कर देता है। पानी की दीवार होने के कारण त्रियाची की सेना का हमला लगभग नाकाम हो जाता है। वे कई बार हमला करते हैं, परंतु वे हर बार नाकाम हो जाते हैं। यह देखते हुए त्रियाची एकदम से गुस्से में आ जाता है और इस बार वो अनिकेत पर हमला करता है। त्रियात्री का हमला इतना ताकतवर था कि पानी की दीवार ढल जाती है और अनिकेत त्रियाची के हमले में घायल हो जाता है। यह देखते हुए यश एक आकाशीय बिजली सीधे त्रियाची पर गिराता है, परंतु त्रियाची यश की सोच से कहीं अधिक शक्तिशाली था और त्रियाची उस आकाशीय बिजली के हमले को आसानी से सह जाता है। यह देखकर प्रणिता पृथ्वी से एक बहुत बड़ा पत्थर उठाकर त्रियाची की ओर फेंकती है, परंतु त्रियाची एक ही प्रहार उस पत्थर को भी तोड़ देता है। इसके बीच तुषार उस पर हवा का बहुत तेज प्रहार करता है, हालांकि यह प्रहार त्रियाची को थोड़ा पीछे धकेल देता है, पंरतु उसे घायल नहीं कर पाता है। तीन हमले एक साथ होने के बाद भी त्रियाची को बहुत अधिक नुकसान नहीं हुआ था, यह सब देखकर प्रणिता, यश और तुषार सोच में पड़ जाते हैं। इसी बीच रॉनी भी मगोरा पर हमला कर उसे अपनी लेकर आने में कामयाब हो जाता है। वो आकर देखता है कि अनिकेत घायल हो गया है। हालांकि अनिकेत फिर से उठ कर खड़ा हो जाता है। प्रणिता रॉनी को बताती है कि त्रियाची बहुत ताकतवर है और उस पर हम तीनों के हमलों का ही असर नहीं हुआ है। इस बार रॉनी ना सिर्फ त्रियाची को बल्कि उसकी पूरी सेना पर अग्निवर्षा करता है। यह अग्निवर्षा भी त्रियाची को बहुत अधिक विचलित नहीं करती है, परंतु उसकी सेना कुछ देर के लिए घबरा जाती है। अपनी सेना को इस तरह से घबराया हुआ देखकर त्रियाची एक बार फिर उन पांचों पर हमला करता है। इस बार वो पांचों पर एक साथ वार करता है और पांचों की त्रियात्री के इस वार से घायल हो जाते हैं और जमीन पर गिर पड़ते हैं। 

त्रियाची- तुम पांचों के पांच के पास कुछ विशेष शक्तियां जरूर है परंतु वो त्रियाची का सामना करने के लिए काफी नहीं है। इसलिए यदि अपनी जान बचाना चाहते हो तो यहां से भाग जाओ। 

अनिकेत- भागना तो तुम्हें पड़ेगा त्रियाची। हम पांचों ने ही अब तक तुम्हारी हर योजना को असफल किया और आगे भी करेंगे। 

त्रियाची- तुम इन शक्तियों के सहारे त्रियाची को रोकना चाहते हो ? तुम जानते हो हजारों साल पहले भी हम तुम लोगों से ज्यादा विकसित थे और आज भी है। इस कारण ही हजारों साल पहले हम धरती छोड़कर चले गए थे। 

रॉनी- तुम कितने ही विकसित क्यों ना हो जाओं त्रियाची पर तुम धरती के मानवों से हार मानना ही पड़ेगी। 

त्रियाची- त्रियाची ना कभी हारा है ना कभी हारेगा। मैं यहां शक्तिपूंज लेने के लिए आया हूं और वो लेकर ही जाउंगा, चाहे उसके लिए मुझे तुम पांचों को मौत के पास ही क्यों ना भेजना पड़े। 

प्रणिता- शक्तिपूंज लेकर जाना तो दूर तुम उसे छू भी नहीं सकोगे त्रियाची। 

त्रियाची- अगर ऐसा तो पहले तुम खुद को बचाकर दिखाओ। 

इसके साथ त्रियाची एक बार फिर उन पर एक शक्तिशाली वार करता है। इस कारण यश उस वार को अपनी शक्ति से आकाश की ओर भेज देता है। फिर त्रियाची पर वार करता है परंतु उसके इस वार को त्रियाची पर कोई असर नहीं होता है। पांचों अलग-अलग त्रियाची पर वार करते हैं, परंतु वे त्रियाची को मामूली चोट भी नहीं दे पा रहे थे। ये पांचों त्रियाची की सेना को तभी खत्म कर सकते थे जब वे उन्हें धरती पर आने पर या तो मजबूर कर दे या फिर उन्हें धरती पर लेकर आए। ये बात अभी उन लोगों को पता नहीं थी और वे नाकाम हमले कर रहे थे। त्रियाची ने एक वार धरती पर किया, जिससे धरती में दरार आ गई थी। 

त्रियाची- ये देखों शक्तिपूंज तक पहुंचने के लिए मैंने रास्ता बनाना शुरू कर दिया है। तुम लोग अगर त्रियाची को रोक सकते हो तो रोककर दिखाओ। 

प्रणिता- अनिकेत अब क्या करें इस पर तो हमारे किसी भी हमले का कोई असर नहीं हो रहा है। 

अनिकेत- मैं भी वहीं सोच रहा हूं कि आखिर इसे रोके कैसे ? अगर इसे नहीं रोक सके तो यह हमारे रहते हुए भी धरती से शक्तिपूंज हासिल कर लेगा और हम इसका कुछ नहीं कर सकेंगे। 

रॉनी- पर क्या करें इसके रोकने के लिए ?

इसी बीच त्रियाची एक ओर वार धरती पर करता है और धरती पर हुई दरार और भी अधिक गहरी हो जाती है। अब त्रियाची लगातार धरती पर वार करता है और धरती धीरे-धीरे फटने लगती है। प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश और तुषार कुछ कर नहीं पा रहे थे। उनकी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर त्रियाची को कैसे रोका जाए। 

त्रियाची अपनी शक्तियों के साथ प्रणिता, अनिकेत, रॉनी, यश ओर तुषार पर लगातार भारी पड़ता जा रहा था। त्रियाची के पृथ्वी पर लगातार वार करते रहने के कारण पृथ्वी भी अब फटने लगी थी और वहां उपस्थित मानवों पर खतरा मंडराने लगा था। पृथ्वी के फटने से पृथ्वी से लावा भी बाहर आने लगा था जो बहते हुए शहर की ओर बढ़ रहा था। हालांकि लावा को रोकने के लिए प्रणिता ने पृथ्वी से ही निकलते पत्थरों की एक बड़ी दीवार बना दी थी, जिससे लावा कुछ हद तक रूक गया था। हालांकि त्रियाची के रहने तक खतरा टला नहीं था। त्रियाची हर हाल में शक्तिपूंज को हासिल करना चाहता था। उन पांचों को त्रियाची को रोकने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा था। तभी अनिकेत ने रॉनी को कहा 

अनिकेत- रॉनी यह स्थिति गंभीर होती जा रही है, हम त्रियाची को धरती को नष्ट करने से नहीं रोक पा रहे हैं और ना ही हमारी शक्ति उस पर असर कर रही है। 

रॉनी- यही बात मैं भी सोच रहा हूं कि आखिर इसे कैसे रोके ? 

प्रणिता- त्रियाची को तो छोड़ों हम तो उसकी सेना को भी परास्त नहीं कर पा रहे हैं। त्रियाची को तो हम तब रोकेगे ना जब उसकी सेना हमें उस तक पहुंचने देगी। 

यश- कोई तो बताओ कि आखिर क्या करें ? 

अनिकेत- प्रणिता, रॉनी, यश और तुषार तुम सब एक काम करो कि तुम सभी लोग त्रियाची और उसकी सेना का ध्यान भटकाकर रखो तब तक मैं सप्तक जी से इस संबंध में बात करता हूं, हो सकता है कि वे हमारी कुछ मदद कर सके। 

रॉनी- ठीक है अनिकेत तुम उनसे बात करो और उनसे कहो कि कोई तो उपाय बताएं, ताकि हम त्रियाची को हरा सके और धरती को बचा सके। 

तुषार - पर उन्होंने तो कहा था कि वे युद्ध में हमारी कोई मदद नहीं कर सकेंगे। 

अनिकेत- युद्ध में मदद नहीं कर सकेंगे परंतु त्रियाची को हराने का कोई उपाय तो बता सकते हैं ना। 

रॉनी- तुम जाओ अनिकेत और उनसे बात करो तब तक मैं त्रियाची को रोकने की कोशिश करता हूं। 

इसके बाद अनिकेत वहां से कुछ दूरी पर चला जाता है और मानसिक रूप से सप्तक से संपर्क करने की कोशिश करता है। इधर रॉनी त्रियाची का ध्यान भटकाने के लिए उससे बात करता है। 

रॉनी- रूक जाओ त्रियाची। इस तरह धरती को नष्ट करके तुम क्या हासिल कर लोगे। 

त्रियाची- मुझे बस को शक्तिपूंज चाहिए, मुझे वो मिल जाए तो मुझे धरती को मानवों से कोई लेना-देना नहीं है। 

रॉनी- पर तुम्हें उस शक्तिपूंज से भी क्या मिल जाएगा ?