Mummy maine chori nahi ki books and stories free download online pdf in Hindi

मम्मी ! मैंने चोरी नहीं की।

मम्मी ! मैंने चोरी नहीं की।

नीलम कुलश्रेष्ठ

स्कूल से आई बोनी की अध्यापिका की भेजी हुई स्लिप देखकर उसके तनबदन में आग लग गई। वह किसी हिस्टीरिया के मरीज़ की तरह चीखी," बोनी ------."

बोनी बालकनी में अपनी मिनी कार ज़मीन पर चला रहा था। वह कार के पहिये को हाथ से घुमाता उसके सामने आ खड़ा हुआ, मासूम सूरत लिए कि मम्मी इतने जोए से क्यों चीख रही है ?

"यह क्या है ?"मम्मी के हाथ में पकड़े कागज़ को देखकर वह भोलेपन से बोला,"मैडम का लैटर है,मैंने ही तो आपको दिया था। "

"इसमें तेरी शिकायत है। "कभी न मारने वाला हाथ अचानक ज़ोर से बोनी के चेहरे पर चांटा मार बैठा। उस चांटे को वह किसी नासमझ की तरह हजम कर गया लेकिन उसके स्वयं की आँखें नम हो आईं,"तू नीरव के पास बैठता है ?तू ने उसके पास खिलौना देखा था ?"

"हाँ -----."बोनी चाँटे के दर्द को एक क्षण में भूल खिल उठा। उसकी आँखों में चुलबुली चमक दौड़ गई,"हाँ,मम्मी! वह इतना बड़ा रोबोट लेकर आया था। उसका बटन दबाते ही उसकी आँखों से रेड लाइट निकलती थी। वह खट खट चलने लगता था। "

बोनी स्वयं भी मशीन की तरह तनकर ठुमक ठुमक कर चलने लगा।

" तुझे वह बहुत अच्छा लगा ?" उसने दांत पीसते हुए पूछा।

"हाँ,बहुत अच्छा। "उसने उत्साह में हाथ फैलाकर बताया,"मुझे भी दिला दो न ऐसा रोबोट। "उसके चेहरे पर सारा लालच व आकर्षण रोबोट के लिए भर गया।

"अभी दिलाती हूँ तुझे रोबोट।ले रोबोट ---ले रोबोट ----.."उसके हाथ बोनी को बुरी तरह पीटने लगे।

बोनी रोये जा रहा था,"मम्मी --मम्मी --मुझे क्यों मार रही हो?"

"तू चोरी करेगा ? मेरा बेटा चोर बनेगा ? तू नीरव का रोबोट चोरी करेगा ?"

"मम्मी !मैं क्यों उसका रोबोट चोरी करूंगा ?मैं चोर नहीं हूँ। मैं चोर नहीं हूँ। "हिचकियों के बीच उसने रोते हुए कहा।

"तेरी टीचर ने ये स्लिप भेजी है जिसमें लिखा है कि तू नीरव का खिलौना कल चोरी करके घर ले आया था। "

वह अपने आंसु पोंछते हुए बोला,"मम्मी !मैं क्या आपको चोर नज़र आता हूँ ?कल मैंने आपके सामने ही तो अपना बैग साफ़ किया था। "

उसे भी ये बात याद आ गई,"इस स्लिप में तो टीचर ने साफ़ लिखा कि तू ने उनके सामने मान लिया था कि तूने ही नीरव का खिलौना चोरी किया था। क्या टीचर ने तुझे अपने पास बुलाकर कुछ पूछा था ?"

बोनी ने अपने लाल पड़े चेहरे से कहा,"कल टीचर ने मुझे अपने पास बुलाकर कुछ पूछा था लेकिन वह तो अंग्रेज़ी में पता नहीं क्या पूछे जा रहीं थीं। मैं तो बाद `यस `-`यस `करता गया। "

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नीलम कुलश्रेष्ठ

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