Its matter of those days - 4 books and stories free download online pdf in Hindi

ये उन दिनों की बात है - 4

मम्मा!!!! दिवाली आने वाली है, "कौन-कौनसी मिठाइयां बनाओगी इस बार आप ?", समर ने पूछा |

तुम लोग बताओ इस बार क्या बनाएं ?

मम्मा, इस बार कुछ अलग बनाओ, कुछ डिफरेंट!!! नॉट ट्रेडिशनल!!!! और मेरे लिए चॉकलेट फ़ज, तिरामिसू और एप्पल पाई, स्वरा ने तुरंत अपनी फरमाइश रखी |

और तू समर!!!!!!

श्रीखंड, रस मलाई और नारियल की मिठाई |

पास्ता, पनीर रोल्स एंड मशरूम रिसोतो, स्वरा ने जोड़ा |

हर बार की तरह इस बार भी मेरी फ्रेंड्स आ रही है | एंड सम न्यू ऑल्सो, क्योंकि आपको तो पता ही है, आपके हाथ का खाना उनको बहुत पसंद है | सच में जब कोई मेरे खाने की तारीफ करता है तो दिल बाग़ बाग़ हो जाता है मेरा |

धीरज भी मेरे खाने के क़ायल हैं | इसका क्रेडिट मैं अपनी मम्मी को देना चाहूंगी | मैंने खाना बनाना उन्ही से सीखा | वे कहती थी | चाहे कुछ भी हो जाये, किसी का मूड कितना ही ख़राब क्यों ना हो, उसे उसकी पसंद का खाना खिला दो | फिर देखो जादू !!!! ख़राब से ख़राब मूड भी कैसे अच्छे मूड में बदल जायेगा |

बस 15 दिन ही बचे थे दिवाली आने में | घर की सफाई तो कर ली थी | अब बस शॉपिंग और स्वीट्स बनाने बाकी थे | बच्चों ने फरमाइश कर ही दी थी |

आज संडे है तो हम सब शॉपिंग के लिए निकल पड़े |

स्वरा ने पहले ही बता दिया था कि उसको क्रॉप टॉप और स्कर्ट चाहिए |

हम मॉल में पहुंचे |

दिव्या!!!!!

एक आवाज़ मेरे कानों को सुनाई दी | ऐसा लगा जैसे किसी ने मिश्री घोल दी हो | आवाज़ चिर परिचित थी और मैं इस आवाज को अच्छी तरह से पहचानती थी | मैंने पीछे पलट कर देखा और मेरी बचपन की सहेली मुझे नजर आई | कामिनी शेखावत !!!!!

"ओह माय गॉड"!!! "कामिनी!!!!", "तू"!!!, हम दोनों ही खुश के मारे चिल्लाये और भागकर एक दुसरे के गले लगे |

कितने सालों बाद !!!! मुझे अपनी आँखों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था कि मेरी सहेली, मेरी बचपन की सबसे अच्छी दोस्त, कामिनी, मेरे सामने ही खड़ी थी, ठीक बिलकुल मेरे सामने और हमारी आँखों से आंसू छलक गए | हम दोनों बचपन से साथ ही पढ़े हैं | प्राइमरी से लेकर कॉलेज तक | वो तो फिर शादी के बाद भले ही एक दुसरे से अलग हो गए, पर हमारे दिल अभी भी एक दुसरे से ही जुड़े हुए हैं | तभी तो इतने सालों बाद हम फिर से जो मिल गए |

कितने सालों बाद तुझे देख रही हूँ, "टचवुड"! दोनों ने ही कहा

कामिनी ने जीन्स टॉप पहना हुआ था, वाओ!!!!! तू तो बिलकुल मेम लग रही है, मैंने कहा |

तू भी सूट में मस्त लग रही है |

और तेरे बाल पहले कितने लम्बे हुआ करते थे | अब तो काफी छोटे हो गए, कामिनी हैरान थी |

सब पॉलुशन की वजह से हुआ है, झड़ने लगे थे, फिर मैंने कटवा ही लिये, मैं हँस पड़ी |

मम्मा!!, कहाँ हो आप ? सी हाउ डू ऍम आई लुकिंग ? स्वरा अपनी पसंद की हुई ड्रेस पहनकर आई |

वाओ! यू लुकिंग गॉर्जियस, बेटा!, कामिनी बीच में बोल पड़ी |

बेटा, ये तुम्हारी कामिनी मौसी है, मैंने परिचय करवाया |

"हेलो मौसी" |

व्हाट्स योर नेम ?

स्वरा |

एक ही है |

अरे, नहीं, नहीं, एक और है |

समर, समर |

और ये मेरा बेटा समर |

समर बेटा, मौसी के पैर छुओ |

उसने बारी बारी से दोनों बच्चों के सर पर हाथ फेरा |

और तुम्हारे ?

दो बेटियां है, रिया और सिया |

तू यहाँ कैसे ? कामिनी ?

एक्चुअली मेरे रिश्तेदार यहीं रहते हैं और इस बार दिवाली हम सब साथ ही मना रहे हैं |

मुझे तो अभी भी विश्वास ही नहीं रहा कि तू मेरे सामने खड़ी है | ऐसा लग रहा है जैसे, मैं कोई सपना देख रही हूँ

कामिनी ने मुझे चिकोटी काटी और फिर कहा, मुझे भी, वो हंसी |

कहाँ रहती है तू ?

वैशाली नगर, मैंने बताया |

मेरे रिश्तेदार विद्याधर नगर में रहते हैं |

मैंने तुझे फेसबुक पर भी बहुत ढूँढा |

यार, मैं फेसबुक पर नहीं हूँ, मैंने कहा |

क्यों? कामिनी चकित थी | क्योंकि आजकल हर कोई फेसबुक पर है |

बस ऐसे ही ज्यादा इंटरेस्ट नहीं है |

हाँ, लेकिन व्हॉट्सएप अकाउंट बना रखा है मैंने |

तो फिर ऐसा कर अपना फेसबुक अकाउंट तू खोल ही ले, क्योंकि हमारी क्लास की सभी लड़कियाँ है उस पर |

मानसी, निशा, सोनिया, राधिका, सब की सब है |

इतने में कामिनी का फ़ोन आ गया |

सॉरी दिव्या, अभी तो मुझे जाना है पर हम जल्द ही मिलेंगे | ये ले मेरे नंबर सेव करले मोबाइल में, ढेर सारी बातें करनी है तुझसे |

ओके बाय |

बाय कामिनी | फिर से हम दोनों गले मिले और जुदा हुए

उसको देखते ही पुरानी यादें ताज़ा हो गयी | मुझे आज भी याद है स्कूल का वो पहला दिन | जब हम दोनों एक साथ एक ही बेंच पर बैठे थे | मैं अपनी पानी की बोतल लाना भूल गई थी | फिर कामिनी ने ही अपनी बोतल से मुझे पानी पिलाया था और एक दिन वो अपनी पेंसिल लाना भूल गई थी | मेरे पास दो पेंसिल थी | एक छोटी और एक बड़ी | छोटी पेंसिल से मैंने काम किया और बड़ी पेंसिल उसको दे दी | बस उसके बाद से ही हम पक्के दोस्त बन गए | वो भी क्या दिन थे! जब हम स्कूल में थे, खूब मस्ती करते थे | हम दोनों की दोस्ती पूरे स्कूल में मशहूर थी | सब कहते वो देखो जय वीरू की जोड़ी आ रही है | जय वीरू यानी शोले के अमिताभ और धर्मेंद्र !!!