SAFETY ( NATIONAL SAFETY DAY SPECIAL DRAMA ) books and stories free download online pdf in Hindi

SAFETY ( NATIONAL SAFETY DAY SPECIAL DRAMA )

दृश्य - 1

( रिपेयर ऑफिस में रिंग बजती है । )

टेक्निशियन 1 : हॅलो ।
सुपरवाइजर : हॅलो मैं --- प्लांट से बात कर रहा हूँ । एक मशिन में ज्यादा नॉईज हो रहा है ।
आप थोडा चेक करेंगे प्लिज ।
टेक्निशियन 1 : ठिक है, हम आ रहे हैं । ( फोन रखता है । )
टेक्निशियन 2 : चलो, मैं बॅग लेता हूँ।

(पास खडी सेफटी भी उनके साथ चलती है । )

दृश्य - २

( वे टेक्निशियन्स उस प्लांट पर आते हैं । सेफटी भी उनके साथ होती है । )

सुपरवाइजर : यही वह मशिन है जिस में से आवाज आ रही है ।
टेक्निशियन 1 : (टेक्निशियन 2 से ) सुनो, जरा बॅग खोलना ।

( दस मिनट काम करने के बाद हुटर बजने लगता है । )

टेक्निशियन 2 : चलो, लंच ब्रेक हुआ है । बाकी काम ब्रेक के बाद करेंगे ।
टेक्निशियन 1 : अरे पांच मिनट का काम बाकी है । उसके लिये पुरा सेकंड हाफ चला जायेगा ।
थोडा रुको, मैं कर देता हूँ।
सेफटी : सुनो, यह जल्दबाजी ठिक नही । दुर्घटना से देर भली होती है । दोपहर का समय
बचाने की कोशिश में तुमसे दोषयुक्त काम भी हो सकता है । मेरी बात मानो ।

( वह फिर भी काम करता रहता है । )

दृश्य - ३

कर्मचारी १ : क्या हुआ, आज काम नहीं है क्या ?
कर्मचारी २ : अरे कम्प्युटर अपने आप ऑन ऑफ हो रहा है । कुछ प्रॉब्लेम है शायद ।
कर्मचारी १ : ( वायर को देखते हुए ) अरे लगता है चुहे ने केबल कुतर दी है ।
कर्मचारी २ : तो इलेक्ट्रिकल सेक्शन फोन करे क्या ?
कर्मचारी १ : छोटा सा तो काम है । डॅमेज हुई वायर को काट निकालकर फिर जॉईन कर देंगे ।
इलेक्ट्रिकल सेक्शन में कम्प्लेंट डालेंगे कब ; वो आयेंगे कब ; और ठिक करेंगे कब ।
इससे बेहतर है कि मैं दो मिनट में कर देता हूँ ।
सेफटी : यह ठिक नहीं है । हर काम उस क्षेत्र के जानकार को करना चाहिये । अधुरी जानकारी
घातक हो सकती है।

( वह फिर भी काम करता रहता है । )

दृश्य – ४

सुपरवाइजर : ( कर्मचारी से ) सुनो, अगर तुम्हे फस्ट या सेकंड हाफ में मशिन नहीं मिल रही तो
तुम्हे लंच ब्रेक में अॅड्जस्ट करना चहिये । माना के सेटिंग के लिये मशिन बार बार
रुक रही है लेकिन हमें प्रोडक्शन पे भी ध्यान देना है ना !
सेफटी : यह ठिक नही है । हर मशिन की अपनी क्षमता होती है । कौनसी मशिन को कितनी
देर निरंतर चलाना चाहिये इसके भी नियम हैं। किसी मशिन को उसकी क्षमता से
ज्यादा चलाना न केवल मशिन को बल्कि मशिन को चलानेवाले व्यक्ति को भी
नुकसानदेय हो सकता है । अत: एक निश्चित समय पश्चात हर मशिन को बंद रखना
चाहिये।

( वह फिर भी बोलता रहता है ।

दृश्य - ५

वक्ता : तो इसिलिये हमें काम करते वक्त सुरक्षा के प्रति जागरुक रहना चाहिये । इतना कहकर मैं
मेरे दो शब्दो को विराम देता हूँ । ( नारा लगाता है । ) सुरक्षा हमारी जिमेदारी है । सुरक्षा
हमारी जिमेदारी है । धन्यवाद । (तालिया बजती हैं । )

( सेफटी एक कोने में खडी यह सब देख रही है । )

( सभी उठने लगते हैं तभी वह माईक पर आती है । )

सेफटी : कृपया दो शब्द मेरे भी सुन लिजिये । आज राष्ट्रिय सुरक्षा दिवस है । आज के दिन हम
जगह जगह सुरक्षा निती के बॅनर्स लगायेंगे, जोरो शोरो से नारे लगायेंगे, निबंध –
वक्तृत्व प्रतियोगिता रखेंगे, सुरक्षा के प्रति सजग रहने की प्रतिज्ञा लेंगे । पर जरा एक मिनट रुककर
अपने मन से प्रश्न किजिये – क्या बस इतना ही पर्याप्त है ? क्या यह प्रतिज्ञा बस एक
दिन पढने के लिये है ? क्या हमारी दिनचर्या में इसका कोई मुल्य नहीं ? क्या हम जानते
नहीं के भारत में ९०% से ज्यादा हादसे केवल हमारे केयरलेस होने की वजह से होते हैं?
हम सभी इन प्रश्नो के उत्तर भलीभांती जानते हैं । हमे यह भी पता है की इन सभी
नितीयो को अपनाने से हमारा उत्पादन घटेगा नहीं : अपितु बढेगा | बस हम थोडे से
आलसी हो गये हैं । तो आज इस सुरक्षा दिवस पे उसी आलस्य को दूर फेंककर हम जागृत
होते हैं और सुरक्षा के बारे में जो ज्ञान हमें है उसे अपने जीवन में शामिल करते हैं ।