Akbar - Birbal books and stories free download online pdf in Hindi

अकबर - बीरबल

कहानी संख्या - 01.
चोर की दाढ़ी में तिनका, अकबर - बीरबल की कहानी

एक बार की बात है, बादशाह अकबर की सबसे प्यारी अंगूठी अचानक गुम हो गई । जब बहुत ढूंढने पर भी अंगूठी नहीं मिली तो बादशाह अकबर चिंतित हो गए और बीरबल को अपनी समस्या का समाधान निकालने के लिए बुलाया । बीरबल ने अकबर से पूछा, "महाराज, आपने अंगूठी कब उतारी थी और उसे कहाँ रखा था ?" बादशाह अकबर बोले, "मैंने नहाने से पहले अपनी अंगूठी को अलमारी में रखा था और जब वापस आया तो अंगूठी अलमारी में नहीं थी ।"
बादशाह की पूरी बात सुनने के बाद बीरबल ने कहा, "तब तो अंगूठी गुम नहीं चोरी हुई है और यह सब महल में साफ - सफाई करने वाले किसी कर्मचारी ने ही किया होगा ।" यह सुनकर बादशाह ने सभी सेवकों को हाजिर होने को कहा । उनके कमरे में साफ - सफाई करने के लिए कुछ पाँच कर्मचारी तैनात थे और पाँचों हाजिर हो गए ।
सेवकों के हाजिर होने के बाद बीरबल ने उन सभी से कहा, "महाराज की अंगूठी चोरी हो गई है, जो अलमारी में रखी थी । अगर आप में से किसी ने उठाई है तो बता दे, वरना मुझे अलमारी से ही पूछना पड़ेगा ।" जब कोई नहीं बोला तो थोड़ी देर बाद बीरबल अलमारी के पास जाकर कुछ फुसफुसाए और फिर अलमारी में कान लगा कर सुनने लगे। इसके बाद मुस्कुराते हुए पाँचों सेवकों से कहा, "चोर मुझसे बच नहीं सकता है, क्योंकि चोर की दाढ़ी में तिनका है ।"
यह बात सुनकर उन पाँचों में से एक ने सबसे नजर बचाकर दाढ़ी में हाथ फेरा जैसे कि वह तिनका निकालने की कोशिश कर रहा हो । इसी बीच बीरबल की नजर उस पर पड़ गई और सिपाहियों को तुरंत चोर को गिरफ्तार करने का आदेश दिया । इसी के बाद से यह एक प्रसिद्ध कहावत बन गई कि...

"चोर की दाढ़ी में तिनका"


कहानी संख्या - 02.

चंदा मामा का पैजामा

धरती पर आये चंदा मामा,
सबको देख शरमाए मामा ।
दर्जी के पास पहुंचे मामा,
बोले सिल दो एक पाजामा ।
नाप लेकर सिला पाजामा,
पर पहन चकराए मामा ।
पाजामा नहीं पूरा आया,
दर्जी का भी सिर चकराया ।
तभी बात समझ में आई,
दर्जी ने फिर यूं समझाई ।
पाजामा कैसे पूरा आए,
हर दिन नाप बदलता जाए ।

कहानी संख्या - 03.
गिनना...

एक - एक - एक
छोटा बच्चा एक
खा रहा है सेब ।

दो - दो - दो
छोटे बच्चे दो
पहुँचे चिड़ियाघर को ।

तीन - तीन - तीन
नन्हें तोते तीन
उड़कर गए चीन ।

चार - चार - चार
छोटे पिल्ले चार
खाएँ अपना आहार ।

पाँच - पाँच - पाँच
मधुमक्खियाँ पाँच
छत्ते के पास रही हैं नाच ।


छ: - छ: - छ:
सुनीता के पास कीलें छः
ठोक रही है ठक ठक ठक ।

सात - सात - सात
छोटे बौने सात
जाते साथ - साथ ।

आठ - आठ - आठ
मोटे चूहे आठ
गाएँ बिल्ली साथ साथ ।

नौ - नौ - नौ
लाल चींटियाँ नौ
खाना रही हैं ढो ।

दस - दस - दस
कुल बसें दस
निकली बस निकली बस ।