Baate adhuri si book and story is written by Priyanka Taank Bhati in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Baate adhuri si is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
बाते अधूरी सी... - Novels
by Priyanka Taank Bhati
in
Hindi Fiction Stories
मई का महीना था, रात काफी हो चुकी थी यही कोई लगभग रात के साढ़े ग्यारह बजे होंगे, सिद्धार्थ सड़क पर चला जा रहा था, तभी उसे कही से डॉगी के भौंकने की आवाज सुनाई दी, आवाज सुनते ही उसके चेहरे पर हल्की सी स्माइल के साथ आंखो से आंसू छलक पड़े.
उसे अपनी सुनिधि की याद आ गई, जब भी वो दोनो फ्री हो कर घूमने जाते थे ना और कही से सुनिधि को डॉगी दिख जाता था, तो वह डर के मारे जोरो से सिद्धार्थ का हाथ पकड़ लेती थी, सुनिधि को डॉगी से बहुत डर लगता था.
सिद्धार्थ और सुनिधि दोनो कॉलेज के फ्रेंड्स थे, लेकिन उनकी ये फ्रेंडशिप कब प्यार में बदल गई उन दोनो को पता ही नही चला.
( कुछ साल पहले)
1 जुलाई 2019 बारिश का मौसम था, हल्की धूप निकली हुई थी, आज सिद्धार्थ के कॉलेज का पहला दिन था, सिद्धार्थ ने अभी अभी अपने बोर्ड एग्जाम क्लियर किए थे और अब उसने कॉलेज में एडमिशन लिया था, सिद्धार्थ आर्ट्स का स्टूडेंट था और वह एक एडवोकेट बनना चाहता था, हालांकि सिद्धार्थ के पापा और चाचाजी शहर के एक बड़े कारोबारी थे, लेकिन सिद्धार्थ को अपने फैमिली बिजनेस में कोई रुचि नहीं थी, वो तो बस अपना सपना पूरा करना चाहता था.
मई का महीना था, रात काफी हो चुकी थी यही कोई लगभग रात के साढ़े ग्यारह बजे होंगे, सिद्धार्थ सड़क पर चला जा रहा था, तभी उसे कही से डॉगी के भौंकने की आवाज सुनाई दी, आवाज सुनते ही ...Read Moreचेहरे पर हल्की सी स्माइल के साथ आंखो से आंसू छलक पड़े.उसे अपनी सुनिधि की याद आ गई, जब भी वो दोनो फ्री हो कर घूमने जाते थे ना और कही से सुनिधि को डॉगी दिख जाता था, तो वह डर के मारे जोरो से सिद्धार्थ का हाथ पकड़ लेती थी, सुनिधि को डॉगी से बहुत डर लगता था.सिद्धार्थ और
सिद्धार्थ और रोहन अपनी कार से कॉलेज जाने के लिए निकले और लगभग आधे घंटे बाद वे दोनो अपने कॉलेज के गेट के बाहर पहुंच गए."रॉयल यूनिवर्सिटी" इंडिया की टॉप यूनिवर्सिटीज में से एक थी और सिद्धार्थ का सपना ...Read Moreकी वह इसी यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई पूरी करे, उसे इंडिया का नामी एडवाहोकेट बनना था, और इस यूनिवर्सिटी में टॉप टीचर्स थे इसलिए उसने इसी यूनिवर्सिटी को चुना, वैसे तो सिद्धार्थ पढ़ने में एक एवरेज ही था लेकिन इस यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने के लिए उसने बहुत मेहनत की थी और अच्छे मार्क्स से पास हुआ था और बाकी
सिद्धार्थ के कॉलेज के दो महीने पूरे होने वाले थे, इन दो महीनो में सिद्धार्थ और रोहन ने कॉलेज में अपनी अच्छी खासी पहचान बना ली थी, इन दो महीनो के दौरान सिद्धार्थ और रोहन पढ़ाई में ही व्यस्त ...Read Moreजाहिर सी बात है कॉलेज के स्टार्टिंग में पढ़ाई तो थोड़ी टाइट होती ही है, सिद्धार्थ और रोहन ने अपने अपने प्रोजेक्ट भी सबमिट कर दिए थे और अब उनके कॉलेज में पांच दिन का हॉलीडे था, इसीलिए सिद्धार्थ और रोहन ने कही बाहर जाने का प्लान बनाया......सिद्धार्थ और रोहन ने मुंबई जाने का प्लान बनाया.... दोनो ने अपनी अपनी
होटल रूम में आने के बाद भी सिद्धार्थ जब सोने की कोशिश कर रहा था तब भी उसके दिमाग में उस लड़की का ही ख्याल बार बार आ रहा था, ना चाहते हुए भी वो बस उस लड़की के ...Read Moreमें ही सोच रहा था, सिद्दार्थ उससे कभी मिला भी नही था उसने उस लड़की को पहली बार ही देखा था, लेकिन ना जाने क्यों वो उस लड़की से एक खीचाव महसूस कर रहा था, कुछ तो ऐसा था जिससे सिद्धार्थ को उस लड़की के लिए बहुत अपनापन लग रहा था.अगले दिन सुबह ग्यारह बजे ही सिद्धार्थ और रोहन की
सिद्धार्थ अभी वही खड़ा कुछ सोच रहा था, की तभी रोहन भी वहा आ गया, रोहन को देख कर सिद्धार्थ अपने ख्यालों से बाहर आया.सिद्धार्थ, शुक्ला सर ने मुझे एक स्टेज परफॉर्मेंस के बारे में बताया है, ये एक ...Read Moreहै, लेकिन इसकी खास बात यह है की इसमें डायलॉग्स , नही रहेंगे, रोहन ने सिद्धार्थ से कहा.अरे.. ये क्या बात हुई?? ड्रामा में डायलॉग्स ही नहीं रहेंगे तो ये भी कोई ड्रामा लगेगा क्या?? तू भी न रोहन कुछ भी बकवास करता है, अरे.. ये ड्रामा है कोई कठपुतली का खेल थोड़े ना है जो इसमें डायलॉग ही नहीं