The Accidental Marriage book and story is written by ss ss in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. The Accidental Marriage is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
The Accidental Marriage - Novels
by ss ss
in
Hindi Love Stories
पाखी बेटा कहा हो इतने देर से हम आपको आवाज दिए जा रहे हैं । आप हैं की कोई जवाब ही नहीं दे रही हो । सुन भी रही हो हमारी बात कहां हो बेटा,,,, बाबा हम सुन रहे हैं। हम बस आ रहे हैं, "पाखी ने कहा। थोड़ी देर में पाखी बाहर आती हैं एक हाथ में बैग दूसरे हाथ में चश्मा लिए । पाखी के बाबा ( मोहन दास ) जी कहते हैं,,,,"बेटा तुम्हे कैसे पता की हम तुम्हे इसके लिए ही बुला रहे थे ?
"बाबा हम आपकी बेटी हैं । हम नही जानेंगे तो और कोन जानेगा" , पाखी ने कहा। "अच्छा हम चलते है, हमे देर हो रही हैं आपके लिए नाश्ता हमने टेबल पर लगा दिया हैं।बाबा हमे आज ऑफिस से थोरी देर हो जायेगी आने में आप परेशान मत होना ।हम आजायेंगे"। पाखी की बातें सुन कर मोहन दास ने कहा, "अरे बेटा वो मिश्रा जी आए थे । उन्होंने एक बहुत अच्छे घर में तुम्हारे रिश्ते की बात की है तुम्हारी तस्वीर मांग रहे थे। लड़के वालों को दिखाने के लिए। तुम हां कहो तो हम देदे तुम्हारी तस्वीर" । "बाबा आपसे हमने कितनी बार कहा हैं नहीं करनी हमे अभी शादी कोई जरूरत नही हैं किसी को कोई तस्वीर देने की", पाखी गुस्से से मुंह फूलाते हुए कहती हैं।
पाखी बेटा कहा हो इतने देर से हम आपको आवाज दिए जा रहे हैं । आप हैं की कोई जवाब ही नहीं दे रही हो । सुन भी रही हो हमारी बात कहां हो बेटा,,,, बाबा हम सुन रहे ...Read Moreहम बस आ रहे हैं, "पाखी ने कहा। थोड़ी देर में पाखी बाहर आती हैं एक हाथ में बैग दूसरे हाथ में चश्मा लिए । पाखी के बाबा ( मोहन दास ) जी कहते हैं,,,,"बेटा तुम्हे कैसे पता की हम तुम्हे इसके लिए ही बुला रहे थे ?"बाबा हम आपकी बेटी हैं । हम नही जानेंगे तो और कोन जानेगा"
कार में बैठे दोनों ही लोग एक - दूसरे से बिल्कल अनजान थे उन्हें नहीं पता था आज किस्मत उन्हें एक बंधन में हमेशा के लिए बांधने वाली है । थोड़ी ही देर में दोनो पाखी के घर पहुंच ...Read Moreहै , पाखी कार से उतरती है वो जेसे ही उसे थैंक्स कहने के लिए झुकने ही वाली थी तभी उसे रघु की चीख सुनाई देती है ,ये सुनते ही पाखी कुछ कहे बिना ही अंदर चली जाती है । अरुण उसे ऐसे करते देख कर अपने मन में ही कहता है , "अजीब लड़की है , थैंक्स बोले बिना
शादी की बात सुन कर अरूण के जैसे पैर जमीन पर ही जम गए थे। वो गहरी सोंच में ही डूब गया ..............। पाखी ने जैसे ही अरूण के कंधे पर हाथ रखा । तो जेसे अरूण अपने ख्यालों ...Read Moreबाहर आया । तब तक डॉक्टर भी जा चुके थे । वहां पाखी , अरूण, रघु और मोहन दास ही थे ।तभी बाहर से किसी के आने की आहट आती है सब उस तरफ देखते है सामने से एक औरत आती हुई दिखती है। पाखी जल्दी से जाकर उस औरत के गले से लग गई और रोने लगी । उसे
दो साल बाद......,दिल्ली_______________,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,खुराना मेंशन :आज सब अरुण की पसंद का होना चाहिए । एक औरत सभी को ऑर्डर देते हुए कहती है ....... तभी पीछे से आवाज आती है मां आप सबसे ज्यादा भाई से प्यार करती है ,आप ...Read Moreलिए तो इतना कुछ नही करती है। झूठ - मूठ का गुस्सा करते हुऐ अरूण की छोटी बहन माही अर्पणा से कहती है ।अर्पणा खुराना अरूण खुराना की मां है ,.......अर्पणा खुराना - तुम दोनों ही मेरे लिए एक जैसे हो बेटा । अब चलो जल्दी से मेरी हेल्प करो । ...........अरूण के नीचे आने से पहले सारी तैयारियां हो
अरूण जैसे ही ऑफीस में एंटर होता है उसके सारे एम्प्लॉय उसे विश करते है , ,,,,,,,,,,,,अरूण सबको एक एडोरेबल स्माईल देते हुए अपने कैबिन की तरफ चला जता है ,,,,,,,,,कैबिन के अंदर आते ही अरूण जैसे पीछे पलटता ...Read Moreकोई उसके आगे आते हुए उसे टाइटली हग करता है गले लगाते हुए वो शक्स अरूण से कहता है हैप्पी बर्थडे मेरे यार अरूण उसे थैंक्स कहते हुए उससे पुछता है तु यहां कब आया मुंबई से ।......रोहित जो अरूण का दोस्त है उसके सवालों का जवाब देते हुए कहता है तेरे बर्थडे और मैं न आऊं ऐसा हो सकता