The Accidental Marriage - 3 books and stories free download online pdf in Hindi

The Accidental Marriage - 3

शादी की बात सुन कर अरूण के जैसे पैर जमीन पर ही जम गए थे। वो गहरी सोंच में ही डूब गया ..............।
पाखी ने जैसे ही अरूण के कंधे पर हाथ रखा ।
तो जेसे अरूण अपने ख्यालों से बाहर आया ।
तब तक डॉक्टर भी जा चुके थे । वहां पाखी , अरूण, रघु और मोहन दास ही थे ।तभी बाहर से किसी के आने की आहट आती है सब उस तरफ देखते है सामने से एक औरत आती हुई दिखती है। पाखी जल्दी से जाकर उस औरत के गले से लग गई और रोने लगी । उसे चुप कराते हुए उस औरत ने कहा रो मत बेटा में हूं ना क्या मेने तुझमें और काव्या में कभी कोई फर्क किया हैं।तु भी मेरी ही बेटी है । तेरे बाबा को कुछ नही होगा। वो जल्दी ही ठीक हो जाएंगे। तभी रघु आगे आकर अपनी पत्नी सुलोचना देवी जो मायके से अभी अभी आई थीं।
उसे सब बता देता है , वो मोहन के पास आते हुए कहती है , भाई साहब पर इतनी जल्दी शादी की सभी तैयार कैसे होंगी । जब वो लोग बात कर रहे थे।इसी बीच पाखी अरूण का हाथ पकड़कर उसे बाहर ले आती है , और उसे सारा सच बता देती है । सब सुनने के बाद अरूण उसे अपनी एक भोहे उठाकर देखते हुए कहता है ,
तो तुम चाहती मैं तुमसे शादी करू ।
देखो मिस मैं यहां अपने दोस्त की शादी में आया था ।
खुद की शादी करवाने नही ।तुम किसी ओर को धुंडलो
क्योंकि । मैं इसमें तुम्हारी कोई हेल्प नही कर सकता आई एम सॉरी ।
हम किसी लड़के को नहीं जानते और न ही कोई हमारा दोस्त है तो किस्से मदद ले हम आप ही बताईए । पाखी कहती है ।
अरूण पाखी की तरफ देखते हुए कहता है जानती तो तुम मुझे भी नहीं हो । फिर मुझसे शादी के लिए क्यों तैयार हो पाखी - आप हमे जानते भी नही फिर भी आपने हमारी मदद की हमे घर तक छोड़ने आए । आप एक अच्छे इंसान है यह आपके व्यवहार से हमे पता चल गया है ।
तो तुम अब मेरी तारीफ करके मुझे शादी के लिए फोर्स करना चाहती हो ।
पाखी. - नहीं आप गलत समझ रहे है आप चाहे तो यहां से जा सकते है बस जाने से पहले एक बार हमारी बात सुन लीजिए ।
अरूण - कहो क्या कहना है, अपने दोनों हाथों को फोल्ड करते हुए कहता है ।
पाखी - ये शादी सिर्फ हमारे बाबा के लिए करेंगे हम
शादी होने के बाद आप जा सकते है यहां से हम भी नहीं रोकेंग आप को ये सिर्फ एक नाटक होगा ।जिसे ना आप सच मानेंगे और न हम शादी तो असली होगी । अरूण कहता है
पाखी - हां शादी असली होगी । पर जिस शादी को दोनों ही लोग निभाना नहीं चाहते हो वो शादी असली हो या नकली क्या फर्क पड़ता है ।
अरूण - मन में कुछ सोचता है उसे पाखी के बाबा की कंडीशन याद आती है ।
पाखी -. अरूण को देखते हुए उसके जवाब का इंतजार करने लगती है वो मन ही मन कहती है । है भगवान प्लीज ये हां कह दे । देखो मैं तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार हुं । ये सुनते हुए ही पाखी अपने ख्यालों से बाहर आती है ।.......................
अब उसके चेहरे पर तनाव थोड़ा कम दिख रहा था ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
तभी अरूण कहता है मेरी कुछ कंडीशन है अगर वो तुम मानलो तो मैं शादी के लिए रेडी हुं ।
पाखी - झट से कहती है हमे मंजुर है ।
अरूण -. पहले सुन तो लो ।
पाखी - बोलिए।
अरूण - फ्यूचर में अगर तुम्हारा मन बदला और तुम इस शादी को सच मानने लगी । तो भी इस शादी को में स्वीकार नहीं करूंगा । और न ही तुम मुझे इसके लिए फोर्स करोगी।
पाखी खुद्से ही कहती है , क्या इसे ऐसा लगता है , मैं इसके पीछे पड़ जाऊंगी।🙄कितनी बड़ी गलतफेमी है इसे । ओके आगे कहो ।
अरूण - आज के बाद हम दोनों एक दुसरे से नहीं मिलेंगे । और तुम आगे मुझसे मिलने की कोशिश भी नही करोगी। बोलो मंजूर है
तुम्हें।
पाखी आंखें बड़ी करके अपने सामने खड़े उस इंसान को देखे ही जा रही थी। ये अपने आपको समझता क्या है । , ..................😳क्या ये हमारा कोई फेवरेट हीरो है जिसके पीछे हम पागल हो जाएंगे । ......☹️
तभी एक आवाज से पाखी अपने ख्यालों से बाहर आती है
बोलो क्या तुम्हें मंजूर है , ................पाखी - हां , लेकिन ये सारी बाते आपको भी माननी होगी ।
अरूण - ओके।
जब दोनों घर के पीछे से अंदर की तरफ आते है तो उन्हें वहां काफी सारे लोग दिखे जो पहले वहा मौजूद नहीं थे।
ये देखते हुऐ पाखी कहती है , काकी ये सब क्या है ............तभी कुछ औरते आती है और अरूण को अपने साथ ले जाती है और कुछ औरते आकर पाखी को ।
सुलोचना कहती है - बेटा आज साम को ही तुम्हारी शादी है ये सब तो करना ही होगा । ज्यादा कुछ नहीं तो पर थोड़ी बहुत रस्में तो करनी ही होगी। ये सुनकर पाखी को कोई हैरानी नही होती । वो हालात को अच्छे से समझ रही थीं । ये जल्दबाजी भी हालातों के वजह से थी। तभी कुछ औरते आती है और अरूण को अपने साथ ले जाती है और कुछ औरते आकर पाखी को ।थोड़ी देर बाद दोनों को ही हल्दी लग रही होती है
अरूण जो औरतों के बीच बैठा हुआ था उसके चेहरे के भाव किसी को समझ ही नहीं आ रहे थे । एक औरत अरूण से कहती है ।
बेटा आज तुम्हारी शादी है चेहरे पर थोड़ी तो खुशी लाओ ऐसे मुंह लटका हुआ है , जैसे शादी जबरदस्ती करवाई जा रही हो । .............अरूण हल्की सी मुस्कान के साथ मन में ही कहता है
सही कहा आपने जबादस्ती तो हो रही है मेरे साथ
कहा दोस्त की शादी में एंजॉय करने आया था । अब देखो खुद की बरबादी होते होते हुए देख रहा हुं।.............😒ये सोचते हुए अरूण के चेहरे के भाव बदल जाते है ..............
वहीं अरूण से थोड़ी दूर पर बैठी पाखी को भी हल्दी लग रही थीं । वो अरूण के चेहरे के बदलते हुए भाव को देख रही थी उसकी हालत को भी समझ रही थीं ........
वो खुद भी इस चीज को महसूस कर रही थीं ।देखते ही देखते समय बीत रहा था पहले हल्दी फिर मेंहदी और अब वो घड़ी अगायी । जिसमे दो अनजान लोग एक दुसरे से बंधन में बंधने जा रहे थे । जिसे वो दोनों चहकर भी नहीं तोड़ पाएंगे ।
इस बात से अनजान दोनों ही लोगो को पंडित जी मंडप में बुलाते है ।
सुलोचना पाखी को लेने चली जाती है ।..........शादी बहुत ही सिंपल तरीके से हो रही थीं ऐसे माहौल की वजह से सब बहुत सादा था ।
कुछ औरते अरूण को लेकर आती है अरूण खुदसे ही कहता है , ये मैं कहा फंस गया ।...........😝
सुलोचना पाखी को देखते हुए कहती है बहुत प्यारी लग रही हो बिल्कुल अपनी मां की तरह मां शब्द सुनते ही पाखी के आंखो से आंसु बहने लगते है । जिसे देख सुलोचना पाखी के आंसु पोछते हुए कहती है हम भी तो तुम्हारी मां जैसी है ।सुलोचना काजल का टीका पाखी के कान के नीचे लगाते हुए कहती है नजर न लगे मेरी बच्ची को अब रोना नही । आंखों से सारा काजल बह जाएगा।
सीडियो से नीचे उतरते हुई पाखी पर अरूण की नजर पड़ती है , वो उसे देख कर कहीं खो सा जाता है ।🤔
इतनी खुबसूरत लड़की उसने अभी तक नही देखी थीं
उसकी बड़ी बड़ी आंखें गुलाब की पंखुड़ियों जैसे होठ सुंदर चेहरा लाल रंग की बनारसी साड़ी में वो किसी खिले हुए लाल गुलाब के जैसे लग रही थीं ।................🥰ये पहले इतनी खुबसूरत थी या अभी लग रही है अरूण खुदसे ही कहता है ।............😂बेटा तुम्हारी ही पत्नी है शादी के बाद जी भर के देखते रहना अभी शादी करलो । ये सुनते ही अरूण घबरा जाता है और अपनी नजरे नीचे कर लेता है ।😜
थोड़ी देर में सभी वहा आजाते है मोहन दास को विल चेयर पर लाया जाता है ।
एक एक कर शादी की सभी रस्में होती है । सभी अपने हाथों से वर वधु पर फुल फेंक रहे होते है ।कुछ देर बाद शादी की सभी रस्में हो जाती है
तभी पंडित जी कहते है शादी स्मपन हुई । ..................🥰