Best Children Stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Children Stories in All books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


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એક હતો રાજા સોનેરી ચક્લી - ભાગ 4 By Amir Ali Daredia

એક હતો રાજા સોનેરી ચકલી=4 (વહાલા બાળ મિત્રો.અમિષા અને રુપશા નામની પરી બહેનો પૃથ્વી લોકમા આવીને એક સુમ સામ જગ્યાએ ખાડો ખોદવા લાગે છે શા માટે? જાણો છો? નહી ને?તો વાંચો આગળ.) "આ જ...

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डरावनी गुड़िया By sarita baghela

आशा अपने दोस्तों के साथ में गुड़िया से खेल रही थी।"आशा! जल्दी से मैरे पास आओ, बड़ी दीदी के घर चलना है। वहाँ पर कार्यक्रम है। तैयार हो जाओ।"मां ने प्यार से समझाया।"नहीं मुझे कहीं नह...

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The Tale of Squeaky the Squirrel and Sparrow the Sparrow By MB (Official)

In a grand old oak tree, deep in the heart of a sun-dappled forest, lived a lively squirrel named Squeaky and a cheerful sparrow named Sparrow. Squeaky had a fluffy tail and bright...

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मोर और तितलियों की कहानी By MB (Official)

घने जंगल में एक विशाल नदी बहती थी, जिसका पानी नीला और साफ था। नदी के किनारे हरे-भरे पेड़, रंग-बिरंगे फूल और अनेक प्रकार के जानवर रहते थे। उस जंगल में एक सुंदर और आकर्षक मोर रहता था...

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সূর্য By SANJIB ROY

একদিন সূর্য হাসপাতালের জন্য এসে দাঁড়িয়ে গেল। সূর্য হাসপাতালের এক সকালের পরিবেশ সান্ত্বনাদায়ক ছিল। বাতাস পরিষ্কার, ফুল ফুটে উঠছিল আসমানে, কিন্তু এতদিন ধরে সূর্য জানতে পারতেন যে হাসপ...

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माझ्या गोष्टी By Xiaoba sagar

१) सकाळ मनाला स्पर्श करणारी रवी आणि शर्वरी हे एक सुखी जोडपं होतं. दोघंही आपापल्या नोकऱ्यांमध्ये व्यस्त असत, पण एकमेकांसाठी वेळ काढणं त्यांना फार महत्वाचं वाटायचं. रवीला रोज सकाळी उ...

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आपकी मुस्कान By DINESH KUMAR KEER

1. विकास और विशालविकास - "विशाल! तुम्हारे पास मेरी पेन्सिल है क्या?"विशाल - "नहीं दोस्त! मेरे पास तुम्हारी पेन्सिल नहीं है।... ये देखो, केवल मेरे पास मेरी ही पेन्सिल है, जो कि मैंन...

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खरगोश और कछुआ की दोस्ती By DINESH KUMAR KEER

दोस्तीएक समय की बात है। बीहड़ में खरगोश और कछुआ रहते थे। दोनों में दोस्ताना थी। दोनों सुन्दर से बीहड़ में दूर - दूर तक सैर करते। दोनों में से कोई भी अगर समय पर एक निश्चित स्थान पर...

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बाल वाटिका By DINESH KUMAR KEER

बाल वाटिकाएक सुदूर गाँव में एक विद्यालय था। वहाँ ग्रामवासियों का मुख्य कार्य खेती और दिहाड़ी मजदूरी का था। माता - पिता के काम पर जाने के बाद उनके छोटे - छोटे बच्चे वहीं मोहल्ले में...

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असर उत्सव का By DINESH KUMAR KEER

1. असर उत्सव काअगस्त महीने की पन्द्रह तारीख थी। पूरे देश में स्वतन्त्रता दिवस का उत्सव लगभग एक सप्ताह से चल रहा था। विद्यालय तथा ग्राम सभा से निकलने वाली रैलियाँ सबको आकर्षित कर रह...

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कबूतरों का झुण्ड By DINESH KUMAR KEER

1. कबूतरों का झुण्डकबूतरों का झुण्ड भोजन की तलाश में इधर - उधर भटक रहा था। वहीं दूसरी तरफ एक शिकारी पक्षियों को पकड़ने की योजना बना रहा था। बहुत कोशिश करने के बाद भी कबूतरों का झुण...

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कथा मानवी जठराची By Balkrishna Rane

कथा मानवी जठराची हर्ष सकाळी उठला तो पोट धरुन व तोंड वेडेवाकडे करतच. "असं तोंड वेडेवाकडे का करतोस?" आईने विचारले. " पोटात प्रचंड दुखतेय. काहीतरी औषध दे.आई..आई..ग्..." हर्ष वेदनेने क...

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बगुला और सांप By DINESH KUMAR KEER

बगुला और सांप की कहानी - अनीश और अमितएक बार एक सुंदर व सुशील लड़का था, जिसका नाम अनीश था । वह बहुत ही नेक और ईमानदार और दयालु था । वह सदा पढ़ाई में आगे रहता था । वह सभी गुरुजनों, अ...

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लोमड़ी और मुर्गी By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी :- लोमड़ी और मुर्गीएक बार एक जंगल में एक मुर्गी और लोमड़ी कहीं बाहर भोजन की तलाश में जा रही थीं। उन दोनों में गहरी दोस्ती थी। मुर्गी पेड़ पर चढ़ जाती और जैसे ही उसे लोमड़...

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एक - दूसरे का सहयोग By DINESH KUMAR KEER

किसानबहुत दिनों की बात है । एक गाँव में एक किसान रहता था । उसका स्वभाव बहुत अच्छा था । वह सबकी मदद करता था । किसान के पास एक गाय थी । किसान को गाय बहुत प्रिय थी । खेती का काम करने...

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अमन और चमन By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी - अमन और चमनशरारती अमनअमन और चमन दो बहुत अच्छे दोस्त थे। चमन थोड़ा शान्त और सरल स्वभाव का था, पर अमन को कभी - कभी शरारत सूझती। वह किसी को भी अटपटे से झूठ बोलकर डरा देता औ...

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वापरातील म्हणी व त्यांच्याशी निगडित बोधकथा - भाग 1 By Balkrishna Rane

वापरातील म्हणी व त्यांच्याशी निगडित बोधकथा : भाग 1आजच्या युगात कोण कुणाशी आपल्या फायद्यासाठी कसा संबंध जोडेल ते सांगता येत नाही. अगदी ओढून-ताणून असे नातेसंबंध तयार करतात की, ज्यामु...

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A STORY OF AN UNDEFINED GIRL By JAHNAVI KATTI

Once upon a time there was girl named Jahnavi who had recently came to Banglore during corona time(she was 5th when she came to Banglore). As she had joined other branch of Podar I...

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पर-कटी पाखी - 10. पर-कटी फुर्र. By Anand Vishvas

10. पर-कटी फुर्र. *पर-कटी चिड़िया* से चिरौंटे के मिलने का सिलसिला आज भी बन्द नहीं हुआ था। हाँ, इतना तो जरूर था कि कभी कभार चिरौंटे की जगह *पर-कटी* के बेटा-बेटी आ जाया करते थे। शायद...

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अनोखी सभा By DINESH KUMAR KEER

1. अनोखी सभा आधी रात का समय था। एकदम शान्त सा वातावरण लग रहा था, लेकिन कुछ आवाजें जो नदी तट से आ रही थी, मानों कोई मीटिंग चल रही हो। मैंने बिस्तर से उठकर देखा, वहाँ तो सचमुच मीटिंग...

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दो दोस्त By DINESH KUMAR KEER

दो दोस्त(नीकु और नीशू दोनों दोस्त आपस में वार्तालाप कर रहे हैं)निकु - ये बताओ नीशू दोस्त! आज कई दिनों के बाद हम दोनों दोस्त विद्यालय जा रहे हैं। क्या तुमने गृहकार्य पूरा किया है?नी...

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Kabir's Cleverness By Anand Vishvas

“Kabir's Cleverness” -Anand Vishvas For a long time, Kabir and his mother had been desiring to visit Somnath Temple. But sometimes Kabir’s father's office work and sometimes Kabir’...

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એક હતો રાજા સોનેરી ચક્લી - ભાગ 4 By Amir Ali Daredia

એક હતો રાજા સોનેરી ચકલી=4 (વહાલા બાળ મિત્રો.અમિષા અને રુપશા નામની પરી બહેનો પૃથ્વી લોકમા આવીને એક સુમ સામ જગ્યાએ ખાડો ખોદવા લાગે છે શા માટે? જાણો છો? નહી ને?તો વાંચો આગળ.) "આ જ...

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डरावनी गुड़िया By sarita baghela

आशा अपने दोस्तों के साथ में गुड़िया से खेल रही थी।"आशा! जल्दी से मैरे पास आओ, बड़ी दीदी के घर चलना है। वहाँ पर कार्यक्रम है। तैयार हो जाओ।"मां ने प्यार से समझाया।"नहीं मुझे कहीं नह...

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The Tale of Squeaky the Squirrel and Sparrow the Sparrow By MB (Official)

In a grand old oak tree, deep in the heart of a sun-dappled forest, lived a lively squirrel named Squeaky and a cheerful sparrow named Sparrow. Squeaky had a fluffy tail and bright...

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मोर और तितलियों की कहानी By MB (Official)

घने जंगल में एक विशाल नदी बहती थी, जिसका पानी नीला और साफ था। नदी के किनारे हरे-भरे पेड़, रंग-बिरंगे फूल और अनेक प्रकार के जानवर रहते थे। उस जंगल में एक सुंदर और आकर्षक मोर रहता था...

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সূর্য By SANJIB ROY

একদিন সূর্য হাসপাতালের জন্য এসে দাঁড়িয়ে গেল। সূর্য হাসপাতালের এক সকালের পরিবেশ সান্ত্বনাদায়ক ছিল। বাতাস পরিষ্কার, ফুল ফুটে উঠছিল আসমানে, কিন্তু এতদিন ধরে সূর্য জানতে পারতেন যে হাসপ...

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माझ्या गोष्टी By Xiaoba sagar

१) सकाळ मनाला स्पर्श करणारी रवी आणि शर्वरी हे एक सुखी जोडपं होतं. दोघंही आपापल्या नोकऱ्यांमध्ये व्यस्त असत, पण एकमेकांसाठी वेळ काढणं त्यांना फार महत्वाचं वाटायचं. रवीला रोज सकाळी उ...

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आपकी मुस्कान By DINESH KUMAR KEER

1. विकास और विशालविकास - "विशाल! तुम्हारे पास मेरी पेन्सिल है क्या?"विशाल - "नहीं दोस्त! मेरे पास तुम्हारी पेन्सिल नहीं है।... ये देखो, केवल मेरे पास मेरी ही पेन्सिल है, जो कि मैंन...

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खरगोश और कछुआ की दोस्ती By DINESH KUMAR KEER

दोस्तीएक समय की बात है। बीहड़ में खरगोश और कछुआ रहते थे। दोनों में दोस्ताना थी। दोनों सुन्दर से बीहड़ में दूर - दूर तक सैर करते। दोनों में से कोई भी अगर समय पर एक निश्चित स्थान पर...

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बाल वाटिका By DINESH KUMAR KEER

बाल वाटिकाएक सुदूर गाँव में एक विद्यालय था। वहाँ ग्रामवासियों का मुख्य कार्य खेती और दिहाड़ी मजदूरी का था। माता - पिता के काम पर जाने के बाद उनके छोटे - छोटे बच्चे वहीं मोहल्ले में...

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असर उत्सव का By DINESH KUMAR KEER

1. असर उत्सव काअगस्त महीने की पन्द्रह तारीख थी। पूरे देश में स्वतन्त्रता दिवस का उत्सव लगभग एक सप्ताह से चल रहा था। विद्यालय तथा ग्राम सभा से निकलने वाली रैलियाँ सबको आकर्षित कर रह...

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कबूतरों का झुण्ड By DINESH KUMAR KEER

1. कबूतरों का झुण्डकबूतरों का झुण्ड भोजन की तलाश में इधर - उधर भटक रहा था। वहीं दूसरी तरफ एक शिकारी पक्षियों को पकड़ने की योजना बना रहा था। बहुत कोशिश करने के बाद भी कबूतरों का झुण...

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कथा मानवी जठराची By Balkrishna Rane

कथा मानवी जठराची हर्ष सकाळी उठला तो पोट धरुन व तोंड वेडेवाकडे करतच. "असं तोंड वेडेवाकडे का करतोस?" आईने विचारले. " पोटात प्रचंड दुखतेय. काहीतरी औषध दे.आई..आई..ग्..." हर्ष वेदनेने क...

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बगुला और सांप By DINESH KUMAR KEER

बगुला और सांप की कहानी - अनीश और अमितएक बार एक सुंदर व सुशील लड़का था, जिसका नाम अनीश था । वह बहुत ही नेक और ईमानदार और दयालु था । वह सदा पढ़ाई में आगे रहता था । वह सभी गुरुजनों, अ...

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लोमड़ी और मुर्गी By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी :- लोमड़ी और मुर्गीएक बार एक जंगल में एक मुर्गी और लोमड़ी कहीं बाहर भोजन की तलाश में जा रही थीं। उन दोनों में गहरी दोस्ती थी। मुर्गी पेड़ पर चढ़ जाती और जैसे ही उसे लोमड़...

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एक - दूसरे का सहयोग By DINESH KUMAR KEER

किसानबहुत दिनों की बात है । एक गाँव में एक किसान रहता था । उसका स्वभाव बहुत अच्छा था । वह सबकी मदद करता था । किसान के पास एक गाय थी । किसान को गाय बहुत प्रिय थी । खेती का काम करने...

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अमन और चमन By DINESH KUMAR KEER

बाल कहानी - अमन और चमनशरारती अमनअमन और चमन दो बहुत अच्छे दोस्त थे। चमन थोड़ा शान्त और सरल स्वभाव का था, पर अमन को कभी - कभी शरारत सूझती। वह किसी को भी अटपटे से झूठ बोलकर डरा देता औ...

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वापरातील म्हणी व त्यांच्याशी निगडित बोधकथा - भाग 1 By Balkrishna Rane

वापरातील म्हणी व त्यांच्याशी निगडित बोधकथा : भाग 1आजच्या युगात कोण कुणाशी आपल्या फायद्यासाठी कसा संबंध जोडेल ते सांगता येत नाही. अगदी ओढून-ताणून असे नातेसंबंध तयार करतात की, ज्यामु...

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A STORY OF AN UNDEFINED GIRL By JAHNAVI KATTI

Once upon a time there was girl named Jahnavi who had recently came to Banglore during corona time(she was 5th when she came to Banglore). As she had joined other branch of Podar I...

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पर-कटी पाखी - 10. पर-कटी फुर्र. By Anand Vishvas

10. पर-कटी फुर्र. *पर-कटी चिड़िया* से चिरौंटे के मिलने का सिलसिला आज भी बन्द नहीं हुआ था। हाँ, इतना तो जरूर था कि कभी कभार चिरौंटे की जगह *पर-कटी* के बेटा-बेटी आ जाया करते थे। शायद...

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अनोखी सभा By DINESH KUMAR KEER

1. अनोखी सभा आधी रात का समय था। एकदम शान्त सा वातावरण लग रहा था, लेकिन कुछ आवाजें जो नदी तट से आ रही थी, मानों कोई मीटिंग चल रही हो। मैंने बिस्तर से उठकर देखा, वहाँ तो सचमुच मीटिंग...

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दो दोस्त By DINESH KUMAR KEER

दो दोस्त(नीकु और नीशू दोनों दोस्त आपस में वार्तालाप कर रहे हैं)निकु - ये बताओ नीशू दोस्त! आज कई दिनों के बाद हम दोनों दोस्त विद्यालय जा रहे हैं। क्या तुमने गृहकार्य पूरा किया है?नी...

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Kabir's Cleverness By Anand Vishvas

“Kabir's Cleverness” -Anand Vishvas For a long time, Kabir and his mother had been desiring to visit Somnath Temple. But sometimes Kabir’s father's office work and sometimes Kabir’...

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