Me and my feelings - 78 books and stories free download online pdf in Hindi

में और मेरे अहसास - 78

कृष्ण के रंग में रंग गई राधा रानी l
प्रीत के रंग में रंग गई राधा रानी ll

साथ न रहने पर भी साथ जन्मों का l
जीत के रंग में रंग गई राधा रानी ll

सुबह शाम बासुंरी सुनाये एक नाम l
गीत के रंग में रंग गई राधा रानी ll

युग युगांतर कृष्णा के हृदय में रहीं l
नीत के रंग में रंग गई राधा रानी ll

मनमीत मनमोहन चितचोर सखी l
मीत के रंग में रंग गई राधा रानी ll
१-५-२०२३

ये कैसी आजादी जो पंख काट दिये l
अब एसी जिंदगी जिये तो कैसे जिये ll

करने को आसान सुबह शाम को l
बारहा हर लम्हा गम के घूंट पिये ll

आज की खुशी के लिए अगला पिछला l
कुछ भी सोचे बिना जा निसार लिये ll

जो आया सामने चुपके से स्वीकारा l
आंखे खुली रखकर होठों को सिये ll

खुद को दिलासे देकर जीको बहलाया l 
रिस्तों को निभाने अपनों के जतन किये ll
२-५-२०२३

निगाहें मिलाने से डरते हैं वो l
फ़िर प्यार क्यूँ करते हैं वो ll

दिन रात बहकी बहकी बातों से l
मुहब्बत का भ्रम भरते हैं वो ll

 

 

निगाहें चार हुईं कि मन आवारा हो गया l
दिलों दिमाग़ प्यार की गली में खो गया ll

छत पर गया था एक नजर देखने और l
हृश्न का इंतज़ार करते करते सो गया ll

क़ासिद ख़बर लाया है बेवफाई की l
फ़िर मिलने की उम्मीद भी धो गया ll

मार देगे या खुद को मार देने की l
धमकी देनेवाला जान से वो गया ll

देर रात सपनों में वादा दे गई प्यार से
सखी फिर मिलन की उम्मीद बो गया ll
३-५-२०२३

महके रात की रानी तो यादों को महका जाती है l
फ़िर से जिंदगी के बाग को बहका जाती है ll

जीभरके भीगने की ख्वाहिश है ना जाने कब से l
हिचकियाँ शुरू हो जाती है जब बरखा जाती है ll

घंटों तक एक नज़र देखने की तमन्ना में खड़े हो l
पलभर खिड़कीमें आकर लौटना तरसा जाती है ll

४-५-२०१३


फक्क्ड़ बने क्यूँ फिरते हो l
बिन पीये क्यूँ गिरते हो ll

सुनो कल किसने देखा है l
सखी जुबां क्यूँ सिलते हो ll

अपने आप को सभालो l
जगह पे क्यूँ हिलते हो ll

सभी को अपना समझ के l
सखी गले क्यूँ मिलते हो ll

नादां हो, जूठी चाहत में l
गुलाबों सा क्यूँ खिलते हो ll

बंध कर दो सब दरवाजे l
वार दिलपे क्यूँ ज़िलते हो ll
सखी
दर्शिता बाबूभाई शाह
४-५-२०२३

ख्वाबी इश्तिहार ना किया करो l
आराम से चुपचाप जिया करो ll

गहरी नींद में सोने के लिये l
थोड़ी थोड़ी शराब पिया करो ll

ग़म देने वाले बहोत सारे मिलेगे l
जहां से मिले खुशी लिया करो ll

अकेले नहीं काटी जाती उम्र तो l
जरूरी हो तो रिसते सिया करो ll

बात की खाल निकालते हैं तो l
जमाने से थोड़ा सा बिया करो ll


 


सिफ़ारिश

आज की है रब से एक सिफारिश l
करेगा पूरी जरूर देख सिफारिश ll

सब के भले की सोचकर की है l
होनी ही चाहिए नेक सिफारिश ll

गभराना मत बहोत बड़ी नहीं है l
एक पन्ने की है लेख सिफारिश ll

हो सके तो ख्वाईश मुकम्मल हो l
कभी नहीं करेगे फ़िर सिफारिश ll

भरोसा है खुद से ज्यादा रब पे l
भेजा खुदा को संदेश सिफारिश ll
७-५-२०२३


है कमल सा मुख तेरा l
वो लुटता है दिल मेरा ll

ज़ुल्फ़े बिखरे गालों पे l
तब होता है सवेरा ll

पर्दे में निकला करो जरा l
खुलेआम घूमता लुटेरा ll

तालाब तो खाली पड़ा है l
क्यूँ लगाते हो वहां डेरा ll

हम न आ सकेंगे मिलने l
वादा रोज मारोगे फेरा ll


अनमोल रतन है मेरा बेटा l
सुनो मेरी जान है मेरा बेटा ll

मेरी आन बान और शान l
सखी फितूर है मेरा बेटा ll

बूरी नजरों से बचाये रखूंगी l
जग में सुरूर है मेरा बेटा ll

क़ायनात में एक ही सहारा l
जीने का जुनून है मेरा बेटा ll

है कृष्ण सा नटखट वो l
मेरा गुरूर है मेरा बेटा ll
९-५-२३


तेरे जाने से आंखें गिली है l
तेरे कहने से होठों पे हसी है ll

खूबसूरत सी गज़ल लिखी है l
महफिलों में कलम खिली है ll

चढ़ा है आवरदगी का जुनून l
अदांओ की नजाकत नीली है ll

बेपन्हा, बेइंतिहा, पाकीज़गी में l
बहकी सी दिवानगी गिली है ll

प्यार तो है पर जूठे गुस्से में l
महबूब की आँखें पीली है ll

झुकी हुई नज़र और खामोशी l
ख़ूबसूरत भावनाएं भीगी है ll
९-५-२०२३

फूलों का राजा बनके दिखाओ l
गुलों का राजा बनके दिखाओ ll

प्यार से चुभने वाले कोमल सा l
शूलों का राजा बनके दिखाओ ll

रेगिस्तान में रात की शीतल सी l
धूलों का राजा बनके दिखाओ ll

बाग में नन्हे मुन्ने बच्चों के लिए l
झूलों का राजा बनके दिखाओ ll

सच पे चलना आसां है शायद l
भूलों का राजा बनके दिखाओ ll
११-५-२०२३


नजरों के इशारे पहचाने l
तब से हम हुईं हैं दीवाने ll

सुनो कब आ रहे हो यहाँ l
दिल से दिल को मिलाने ll

न आओ कोई बात नहीं l
पाती न भेजना रुलाने ll

हो सके तो थोड़ी देर को l
आना मीठी बातेँ सुनाने ll

गर मुलाकात नामुमकिन हो l
फोटो भेजो दिल बहलाने ll
११-५-२०२३


मन मोर नाच रहा है l
पिया के साथ रहा है ll

बुला रहा है साथी को l
देख आसपास रहा है ll

अच्छे बुरे सभी पल l
हमेशा पास रहा है ll
१२-५-२०२३


चितचोर ने चित चुराया l
कहीं लागे न अब जिया ll

वादा करो एक बार फिर l
मिलने जरूर आओगे पिया ll

कब से आँगन मे राह टिकती l
जलाये बैठी आश का दिया ll

साथ साथ जीने के लिए l
युगों से इंतखाब है किया ll

प्यार में दीवानी होकर l  
दिल पर है रोग लिया ll
१३-५-२०२३


देख ख्वाबों की चूनर ओढ़ी है रात ने l
अरमानो की महफिल सजाई रात ने ll

वस्ल-ए-यार की उम्मीद जगाकर सखी l
दिल में ख्वाइशों बारात जगाई रात ने ll
१४-५-२०२३

बात भी न करेगे अगर तुम न चाहो l
पास भी न आएंगे अगर तुम न चाहो ll

अकेले रहना चाहते हो रहकर दिखाओ l
साथ भी न रहेगे अगर तुम न चाहो ll

हिचकियाँ परेशान करती है तो वादा l
याद भी न करेगे अगर तुम न चाहो ll

तुम्हारी खुशी के लिए हसतें रहेगे l
दर्द भी न सहेंगे अगर तुम न चाहो ll

प्यार की बातेँ सुकूं न छीने इसलिये l
दिल की न कहेगे अगर तुम न चाहो ll
१५-३-२०२३


वो एक चहरा जो आज तक नहीं भूल सके l
पर्दों का पहरा जो आज तक नहीं भूल सके ll

ढ़ेर सारे प्यार के बदले जो तूने दिये हुए हैं l
वो घाव गहरा जो आज तक नहीं भूल सके ll

१५-३-२०२३