सुहागिन या विधवा - Novels
by Kishanlal Sharma
in
Hindi Moral Stories
"थप। थप-------दरवाजे पर पड़ने वाली दस्तको ने राधा की नींद में विघ्न डाला था।कौन हो सकता है इतनी रात को? यह सोचती हुई वह दरवाजे तक आयी थी।दरवाजा खोलने से पहले उसने पूछा था,"कौन ...Read Moreपर खड़े आगुन्तक ने अपना नाम बताया था।नाम सुनकर भी उसे याद नही आया कि आनेवाला कोंन है?फिर भी उसने दरवाजा खोल दिया। दरवाजे के बाहर उसे एक मानव आकृति खड़ी नज़र आई।अंधेेेरे की वजह से उसका चेहरा नज़र नही आ रहा था। इसलिय राधा ने एक बार फिर पूछा था।"कौन हो?किससे मिलना है?""मै राघव हूँ।"अपना नाम फिर दोहराते हुए वह बोला,"तुम कौन
"थप। थप-------दरवाजे पर पड़ने वाली दस्तको ने राधा की नींद में विघ्न डाला था।कौन हो सकता है इतनी रात को? यह सोचती हुई वह दरवाजे तक आयी थी।दरवाजा खोलने से पहले उसने पूछा था,"कौन ...Read Moreपर खड़े आगुन्तक ने अपना नाम बताया था।नाम सुनकर भी उसे याद नही आया कि आनेवाला कोंन है?फिर भी उसने दरवाजा खोल दिया। दरवाजे के बाहर उसे एक मानव आकृति खड़ी नज़र आई।अंधेेेरे की वजह से उसका चेहरा नज़र नही आ रहा था। इसलिय राधा ने एक बार फिर पूछा था।"कौन हो?किससे मिलना है?""मै राघव हूँ।"अपना नाम फिर दोहराते हुए वह बोला,"तुम कौन
राघव की आवाज सुनकर राधा अतीत से वर्तमान में लौट आयी।आवाज सुनकर उसे विश्वास हो गया कि आगुन्तक उसका पति ही है।जिसे उसने एक दिन आरती उतारकर विदा किया था।उसने अपना पल्लू सम्हाला और अंदर की तरफ भागी थीं।अपने ...Read Moreको हाथ पकड़कर उठाते हुए बोली,"जल्दी उठो।"" क्या हुआ?"आंखे खोलते ही माधव की नज़र राधा पर पड़ी थी,"तुम इतनी घबराई हुई क्यो हो?""वो आये है।""वो कौन?"माधव ने पूूूछा था।"तुम्हारे बडे भैया।""राघवभैया आये है?"पत्नी की बात सुनकर माधव अविश्वास से बोला,"कैैैसी बहकी बहकी बातें कर रही हो।पागल हो गई होो।""उठो तो औऱ बाहर जाकर खुद ही देेेख लोो।" राधा के कहने
राधा का हरा भरा संसार फलने फूलने से पहले ही उजड़ गया।राघव की मौत का समाचार मिलते ही राधा के हाथ की चूड़ियां तोड़ डाली गई।मांग का सिन्दूर मिटा दिया गया।माथे की बिंदी पोंछ दी गई।राधा पति के साथ ...Read Moreही दिन रही थी।पति के संग गुज़ारे दिनों की याद करके वह रात दिन रोती रहती।लोग सांत्वना देने आते और चले जाते। समय गतिशील है।वह कभी नही रुकता।अपनी गति से चलता रहता है।समय गुज़रने के साथ पति की यादे भी धुंधली पड़ने लगी।राधा अभी जवान थी।शादी के बाद पति के साथ कुछ ही दिन तो उसने गुज़ारे थे।राधा के सामने
उसकी राधा के छोटे भाई की पत्नी बन जाने पर उसे गहरा सदमा लगा था।उसे एक ही बात कचोटती रहती।राधा ने इस निर्णय का विरोध क्यो नही किया?राधा की यादों को दिल से निकालने के लिए उसने शराब ...Read Moreसहारा लिया।वह रात दिन शराब के नशे में डूबा रहने लगा।राधा के मा बाप भी इससे चिंतित हो उठे।वह चाहते थे।राघव फिर से शादी करके घर बसा ले।लेकिन उसने दूसरी शादी करने से साफ इंकार कर दिया।राघव के इस फैसले से राधा को भी दुख हुआ।दुनिया की नज़रों में राधा अब राघव की पत्नी नही रही थी।लेकिन राधा का विवाह राघव