आत्मा - प्रेतात्मा - Novels
by Rajveer Kotadiya । रावण ।
in
Hindi Horror Stories
सुबह सुबह पागलो के अस्पताल के सामने ऑटो रुका रवि ने ऑटो वाले को पैसे दिये और गेट के पास जाकर गार्ड को आवाज़ दी.पर वह कोई नहीं था. इसलिय वह ख़ुद ही बस गेट खोलने ही वाला था. ...Read Moreसामने से एक आदमी दौड़ता हुआ आया. और उसने गेट खोलकर रवि को अन्दर लिया.
और हँसते हुए पूछा तुम TV ठीक करने वाले होना.रवि बोला नहीं. नहीं ये शब्द सुनके उस आदमी के चहरे के भाव बदले और उसने रवि को कस के एक लाफा लगाया. रवि के आँखों के सामने अँधेरा छा गया.
वो आदमी बोला मेरा टीवी खराब है. तो इस गेट से टीवी ठीक करने वाला आना चाहिए तुम क्यों आगये. रवि ने ख़ुद को संभला फिर अचानक 1 डॉक्टर 4 कंपाउंडर वहा दौड़ते हुए आये. और उस आदमी को पकड लिया. फिर डॉक्टर ने कहा ले जाव इसे और शॉक ट्रीटमेंट के तैयारी करो.
डॉक्टर को देखके रवि बोला हेल्लो सर मैं रवि हूँ आज इस अस्पताल में मेरी नौकरी का पहला दिन है. मुझे डॉक्टर पाटिल से मिलना है. डॉक्टर बोले हाँ में ही हूँ पाटिल. तुम्हारे बारे में मुझे बतया गया है.
तुम अपना अपॉइंटमेंट लैटर ऑफिस में जमा करो. और वर्दी पहनकर सामने वाले ऑफिस में आकार मिलो. रवी थोड़ी हो देर में कंपाउंडर की ड्रेस पहनके ऑफिस में हाज़िर हुआ.
सुबह सुबह पागलो के अस्पताल के सामने ऑटो रुका रवि ने ऑटो वाले को पैसे दिये और गेट के पास जाकर गार्ड को आवाज़ दी.पर वह कोई नहीं था. इसलिय वह ख़ुद ही बस गेट खोलने ही वाला था. ...Read Moreसामने से एक आदमी दौड़ता हुआ आया. और उसने गेट खोलकर रवि को अन्दर लिया.और हँसते हुए पूछा तुम TV ठीक करने वाले होना.रवि बोला नहीं. नहीं ये शब्द सुनके उस आदमी के चहरे के भाव बदले और उसने रवि को कस के एक लाफा लगाया. रवि के आँखों के सामने अँधेरा छा गया.वो आदमी बोला मेरा टीवी खराब है.
रात को 2:30 शशिकांत के मोबाइल की घंटी बजी.और नींद में ही उसने वह उठाया. सामने से उसे उसके फैक्ट्री सिक्यूरिटी हेड राहुल की आवाज़ आयी. वह डरा काफी हुआ था. और सिर्फ़ 3 ही लफ़्ज़ बोल पाया.फैक्ट्री…भूत… आत्मा… ...Read Moreबाद एक दर्द भरी चीख के साथ कॉल कट्गाया. शिशिकांत की नीदं पल भर में ही उड़गई. उसे समझ में नहीं आ रहा था कि क्या अब करू. बचपन में ही उसकी माँ उसे जन्म देते वक़्त गुजर गइ.उसके बाद उसके पिताजी ने उसे पढाई के लिए विदेश भेज दिया था. और अब पिताजी कि मौत के बाद बस एक
कालका से शिमला तक जाने वाले रेल रूट पर वैसे तो कई सारी टनल पड़ती हैं, लेकिन उनमें सबसे खास और खौफनाक है टनल नंबर 33। कहा जाता है कि इस टनल में आज भी उस इंजीनियर की आत्मा ...Read Moreवास है, जिसने टनल के ठीक सामने आत्महत्या कर ली थी। क्या है इस टनल की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं हॉन्टेट प्लेस की सीरीज की इस कड़ी में । टनल का नाम है दि बरोग टनल, जिसे टनल नंबर 33 भी कहते हैं। 1143.61 मीटर लंबी यह टनल कालका-शिमला मार्ग पर बरोग रेलवे स्टेशन के पास स्थित
गर्भवती महिला की आत्मा ये कहनी एक सत्य घटना पर आधारित है.जो मेरी मम्मी ने मुझे बताई थी. बचपन में मेरी माँ जॉइंट फॅमिली के साथ अहमदनगर जिल्हे में वडनेर नाम के एक छोटेसे गाँव में रहती थी. ...Read Moreपरिवार काफ़ी बड़ा था. इसलिए बड़े बूढ़े और जानकर लोगों की कमी नहीं थी. उसवक़्त गाँव में पानी के नल नहीं थे. इसलिए सभी औरते कपडे धोने के लिए. कुएँ पर जाती थी. सुबह ज़्यादा काम होने की वज़ह से मेरी दादी कपडे धोने के लिए. श्याम 6 बजे कुएँ पर अकली ही गइ थी. आने में उन्हें काफी देर
चेहरे को अस्पष्ट करने से उसके चेहरे पर कफन जब तक आप इसके करीब नहीं होते. दुःखी दूत के बारे में एक जीवित हवा थी, जैसे कि उसके हथियार वास्तव में बाहर तक पहुंच सकते हैं और आपको पकड़ ...Read Moreहैं यदि आप सावधान नहीं थे. शहर और आस-पास के ग्रामीण इलाकों में अफवाहें फैलाने के लिए यह लंबे समय तक नहीं ले गया. उन्होंने कहा कि मूर्ति एक अनुचित पत्नी की भावना से प्रेतवाधित था जो उसके पैरों के नीचे रखती थी. मूर्ति की आँखें आधी रात के झटके पर लाल रंग में चमकती थीं, और किसी भी जीवित
यह सच्ची कहानी एक ट्रक ड्राइवर के द्वारा भेजी गयी है। हरीश नाम का एक आदमी ट्रक ड्राइवर का काम करता था। वह एक ट्रांसपोर्ट कंपनी में सामान डिलीवरी का काम पुरे इंडिया में किया करता था। एक दिन ...Read Moreसामान की डिलीवरी लेकर महाराष्ट्र में जा रहा था। वैसे तो हमेशा हरीश के साथ कोई न कोई हेल्पर डिलीवरी के समय रहता था।लेकिन उस दिन उसका हेल्पर बहुत बीमार था इसलिए वह बिना हेल्पर के ही वह डिलीवरी करने जा रहा था क्योकि हरीश को उस सामान की बहुत जल्दी client को डिलीवरी देनी थी। रास्ते में शाम को
यह बात बांग्लादेश की है। शाह आलम जो बांग्लादेश में रहते है उन्होंने यह Real Ghost Horror स्टोरीज हमें भेजी है। शाह आलम के एक चाचा थे जो कब्रिस्तान में रखवाली का काम करते थे। वह कब्रिस्तान में रखवाली ...Read Moreके साथ साथ वहाँ पर कब्र भी खोदा करते थे। एक दिन शाह आलम के चाचा ने रात के समय शाह आलम के घर का दरवाजा खटखटाया। शाह आलम ने दरवाजा खोला तो देखा उनके चाचा बहुत डरे हुए थे और काँप रहे थे।शाह आलम ने जब डरने का कारण पूछा तो उन्होंने सारी बात सुबह बताने की बात कही
एक समय की बात है एक गांव में सोनू नाम का एक सब्जियों का व्यापारी रहता था वह अपने खेत में सब्जियां लगाता था पर दिक्कत यह थी कि उसका खेत कब्रिस्तान के पास था गांव में खबर थी ...Read Moreएक चुड़ैल जिसके लंबे काले बाल और आंखें लाल थी रोज रात को अपने कब्र से निकलकर भटकती रहती थी सोनू गांव वालों को कहता है कि कभी-कभी तो मुझे भी सब्जियां तोड़ने में डर लगता है और इस तरह सोनू रोज सुबह-सुबह सब्जियां तोड़ता और पूरे गांव में भेजता और इस तरह वह अपनी जिंदगी का गुजर-बसर करता था