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रंग थे मेरे पास लेकिन… - Novels
by Hetal
in
Hindi Short Stories
रंग थे मेरे पास लेकिन… भाग 1हमारे जिंदगी में कुछ रंग इतने मायने रखते हैं कि जैसे वोही हमारे जीने का जरिया बन जाते हैं । है मेरी भी जिंदगी में ऐसे ही कुछ रंग थे,हा सही पढ़ा थे जो सिर्फ अब खयालो में ही हैं जिंदगी से मिट चुके हैं लेकिन यादो में युही बरकरार हैं।बेरंगी जिदगी तो सिर्फ बिताई जा सकती हैं। खुशी के पल हो तो हसीन बन जाती हैं,गम की छांव हो तो फाँसी बनके गले मे ही अटक जाती हैं ना मर सकते हैं ना जी सकते हैं। पढ़ लीजिए अब कुछ रंगोंके मायने ऐसे भी में
रंग थे मेरे पास लेकिन… भाग 1हमारे जिंदगी में कुछ रंग इतने मायने रखते हैं कि जैसे वोही हमारे जीने का जरिया बन जाते हैं । है मेरी भी जिंदगी में ऐसे ही कुछ रंग थे,हा सही पढ़ा थे ...Read Moreसिर्फ अब खयालो में ही हैं जिंदगी से मिट चुके हैं लेकिन यादो में युही बरकरार हैं।बेरंगी जिदगी तो सिर्फ बिताई जा सकती हैं। खुशी के पल हो तो हसीन बन जाती हैं,गम की छांव हो तो फाँसी बनके गले मे ही अटक जाती हैं ना मर सकते हैं ना जी सकते हैं। पढ़ लीजिए अब कुछ रंगोंके मायने ऐसे भी में
में वहा जा पोहोची जहा.....मुझे इस देखे हुए नजारेसे ये लगरहा था की शायद वहा मेरी दोस्त एक कोने में बेठी होगी सहमी हुई सी में उस कमरे में गई मेने पुकारा उसे, लगाकि वो सामने से आकर मुझे ...Read Moreलगा कर रो पड़ेगी क्युकी इस हालात में सबसे ज्यादा जरुरत एक दोस्त को अपने दोस्त की होती हैं | कई आवाज लगानेके बावजूद वो बाहर नहीं आई बस कोने मेसे रोने की आवाज सुनाई दे रही थी वो आवाज मेरी दोस्त की नहीं थी कोई बुजुर्ग के जेसी आवाज थी मैंने आगे चलकर देखा तो वो बुजुर्ग ओर कोई