Vasundhara gaav by Sohail K Saifi | Read Hindi Best Novels and Download PDF Home Novels Hindi Novels वसुंधरा गाँव - Novels Novels वसुंधरा गाँव - Novels by Sohail K Saifi in Hindi Horror Stories (130) 6.9k 14.4k 9 एक 12 वर्ष का बालक डरा सहमा खुद को एक अंधेरे स्टोर रूम बन्द करके बैठा है। उससे देख कर पता लगता है। वो किसी के भय से छुपा बैठा है। थोड़ी देर के बाद वहां बेहद शांति हो ...Read Moreथी। बालक को लगा जिनसे वो छुप रहा है। शायद वो चले गए, और वो काँपता हुआ दरवाज़े की तरफ आगे बढ़ने लगता है। तभी दरवाज़े पर एक जोर दार कुल्हाड़ी का प्रहार होता है। जिसपर वो बच्चा दहशत से वही वापिस बैठ गया। और कुछ ही क्षणों में उस लकड़ी के दरवाजे को कुल्हाड़ी से चीर कर एक महिला Read Full Story Download on Mobile New Episodes : Every Wednesday वसुंधरा गाँव - 1 (35) 1.3k 2.8k एक 12 वर्ष का बालक डरा सहमा खुद को एक अंधेरे स्टोर रूम बन्द करके बैठा है। उससे देख कर पता लगता है। वो किसी के भय से छुपा बैठा है। थोड़ी देर के बाद वहां बेहद शांति हो ...Read Moreथी। बालक को लगा जिनसे वो छुप रहा है। शायद वो चले गए, और वो काँपता हुआ दरवाज़े की तरफ आगे बढ़ने लगता है। तभी दरवाज़े पर एक जोर दार कुल्हाड़ी का प्रहार होता है। जिसपर वो बच्चा दहशत से वही वापिस बैठ गया। और कुछ ही क्षणों में उस लकड़ी के दरवाजे को कुल्हाड़ी से चीर कर एक महिला Read वसुंधरा गाँव - 2 (25) 1k 2.2k रेस्टोरेंट में घुसते ही इन्द्र और भानु देखते है। एक आदमी रेस्टोरेंट के मालिक से बेहस कर रहा था उनके बीच गरमा गर्मी इतनी अधिक हो गई थी कि किसी भी पल हातापाई हो जाती मोके की गंभीरता को ...Read Moreहुए इन्द्र और भानु दोनों बीच में आ गए। और हालातों को संभालते हुए। लड़ाई का कारण पूछने लगे जिस पर पता चला कि बात केवल इतनी सी थी कि जो कुछ वो व्यक्ति प्रति दिन खाने में लेता था उसका उलट आज उसको परोसा गया। मगर रेस्टोरेंट मालिक का कहना था कि वो रोज जो कुछ खाते है। वही Read वसुंधरा गाँव - 3 (21) 2.7k 3.8k अगली सुबह इन्द्र अपने घर पर लेटा हुआ था, वो अपने साथ घट रही अजीब घटनाओं के चलते इतना परेशान था कि लाख कोशिश पर भी उसको नींद नही आ रही थी, वो बेचैनी से रात भर करवटें बदलता ...Read Moreऔर जब भी उसकी आंख लगती तो किसी भयंकर स्वप्न के कारण वो जाग जाता।इसी प्रकार की पीड़ा को भोगते भोगते कब सुबह हो गई, इन्द्र को पता ही नही चला, वो अपनी लाल सुर्ख आँखो से अपनी छत को घूरते हुए किनी खयालों में खोया होता है, तभी उसके फ़ोन की तेज़ बेल बजने लगी, और उसके शरीर मे Read वसुंधरा गाँव - 4 (23) 1k 2.7k इन्द्र और भानु उस अज्ञात कॉलर की बताई जगह के पास पहुँच कर रुकते है।" भानु उसने अकेले आने की शर्त रखी थी, तुम यहाँ मेरा इंतजार करो अगर मुझे कोई गड़बड़ लगी तो तुम्हें वायरलेस से कॉन्टेक्ट करूँगा।इन्द्र ...Read Moreबोल कर भानु को कुछ दूरी पर खड़ा कर उस अज्ञात व्यक्ति के बताए स्थान पर पहुँच जाता है।इन्द्र देखता है, वो एक पुराना गेराज है जो लम्बे अरसे से बंद पड़ा हुआ था।इन्द्र बड़ी सावधानी से आगे बढ़ता है, उसके चारों ओर देखने पर उसको सिर्फ सन्नाटा ही नज़र आया, उसने दो तीन बार :कोई है: कह कर पुकारा Read वसुंधरा गाँव - 5 (26) 899 2.9k इन्द्र को भानु की पत्नी यानी संगीता की बातों ने बेहद हैरान परेशान सा कर दिया, इन्द्र के मुताबिक वो आज से पहले कभी नही जानता था की भानु की कोई पत्नी भी है।लेकिन इन्द्र ने संगीत की आवाज़ ...Read Moreएक ख़ौफ़ महसूस किया था, एक ऐसा डर जो बनावटी नही हो सकता था। अब तक आधी रात हो चुकी थी लेकिन इन्द्र इसकी परवाह किए बिना पहले वो सीधा पुलिस चौकी जाता है ताकि भानु का पता ले सके, उसके बाद उसको जो पता मिलता है सीधा उसकी ओर निकल जाता है।इस बीच रास्ते में वो लगातार संगीता के Read More Interesting Options Hindi Short Stories Hindi Spiritual Stories Hindi Novel Episodes Hindi Motivational Stories Hindi Classic Stories Hindi Children Stories Hindi Humour stories Hindi Magazine Hindi Poems Hindi Travel stories Hindi Women Focused Hindi Drama Hindi Love Stories Hindi Detective stories Hindi Social Stories Hindi Adventure Stories Hindi Human Science Hindi Philosophy Hindi Health Hindi Biography Hindi Cooking Recipe Hindi Letter Hindi Horror Stories Hindi Film Reviews Hindi Mythological Stories Hindi Book Reviews Hindi Thriller Hindi Science-Fiction Hindi Business Hindi Sports Hindi Animals Hindi Astrology Hindi Science Hindi Anything Sohail K Saifi Follow