Pratishodh book and story is written by S Sinha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Pratishodh is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
प्रतिशोध - Novels
by S Sinha
in
Hindi Short Stories
भाग - 1 कहानी - प्रतिशोध प्लस टू की बोर्ड परीक्षा समाप्त हो चुकी थी . रूपाली अपने क्लास की कुछ लड़कियों के साथ जबलपुर के भेड़ाघाट गयी थी .जबलपुर में रहते हुए भी उसने अभी तक नर्मदा फॉल्स नहीं देखा था .रूपाली वहीँ के संत जोसेफ स्कूल में पढ़ती थी .फॉल्स देखने के बाद वे सभी मार्बल रॉक्स की पहाड़ियों के बीच बोटिंग का आनंद ले रही थीं . नाव रुकने के बाद भी नर्मदा की लहरों पर हल्का सा हिचकोले ले रहा था .नाव से उतरते समय रूपाली अपना संतुलन खोने से पानी में गिरने ही
भाग - 1 ...Read More कहानी - प्रतिशोध प्लस टू की बोर्ड परीक्षा समाप्त हो चुकी थी . रूपाली अपने क्लास की कुछ लड़कियों के साथ जबलपुर के भेड़ाघाट गयी थी .जबलपुर में रहते हुए भी उसने अभी तक नर्मदा फॉल्स नहीं देखा था .रूपाली वहीँ के संत जोसेफ स्कूल में पढ़ती थी .फॉल्स देखने के बाद वे सभी मार्बल रॉक्स की पहाड़ियों के बीच बोटिंग का आनंद ले रही थीं . नाव रुकने के बाद भी नर्मदा की लहरों पर हल्का सा हिचकोले ले रहा था .नाव से उतरते समय रूपाली अपना संतुलन खोने से पानी में गिरने ही
क्रमशः अंतिम भाग 2 में पढ़िए क्या रूपाली और शिवम फिर मिल सकते हैं ! भाग 2 - कहानी - प्रतिशोध इसके बाद दोनों में बातचीत तक बंद ...Read More. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद शिवम् ने हैदराबाद के एक होटल में नौकरी ज्वाइन किया और रूपाली मुंबई के एक होटल में . रूपाली ने जबलपुर का अपनी माँ का बुटीक और घर बेच दिया था .वह खुद अपना निजी बिजनेस करना चाहती थी . एक दिन उसने अखबार में एक रेस्टॉरंट की बिक्री का विज्ञापन पढ़ा .उसने मन में उसे खरीदने की ठानी .वह रेस्टॉरंट के