love Vs ego book and story is written by Alone Soul in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. love Vs ego is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
love Vs ego - Novels
by Alone Soul
in
Hindi Love Stories
बस एक बार पलट जाओ बस एक बार लौट आओमै भी मान लू गलतियों को बस तुम लौट आओ!! बस तुम लौट आओ!!(साहब .....साहब गेट खोल दो)हां आ रहा हूं ........ ( रोहन) बस थोड़ा सा थका हुआ रूम के सारे कपड़े एक जगह इक्कठा करने लगता है और तैयार होने के लिए चला जाता है।सीमा(maid)- क्या साहब मेडम नहीं आई रोहन - गुस्से से( मर गई तेरी मेडम ) खाना बनना कर फ्रिज में रख देना थोड़ा गुस्सा खुद पर थोड़ा कम्बक्त दिल पर था दोपहर 11:20 पर जी सर तो फिर मीटिंग कब की जाए ,रोहन जी जल्दी ही आप जब बोलेतो डील पक्की समझे हम
बस एक बार पलट जाओ बस एक बार लौट आओमै भी मान लू गलतियों को बस तुम लौट आओ!! बस तुम लौट आओ!!(साहब .....साहब गेट खोल दो)हां आ रहा हूं ........ ( रोहन) बस थोड़ा सा थका हुआ रूम ...Read Moreसारे कपड़े एक जगह इक्कठा करने लगता है और तैयार होने के लिए चला जाता है।सीमा(maid)- क्या साहब मेडम नहीं आई रोहन - गुस्से से( मर गई तेरी मेडम ) खाना बनना कर फ्रिज में रख देना थोड़ा गुस्सा खुद पर थोड़ा कम्बक्त दिल पर था दोपहर 11:20 पर जी सर तो फिर मीटिंग कब की जाए ,रोहन जी जल्दी ही आप जब बोलेतो डील पक्की समझे हम
#fiker { aaj bhi he}बस यू ही खामोशी, से रिद्धिमा ने उन्ही आखों से इजाज़त लगी जिनके साथ वो , कई लम्हे रहती थी , बस दोनो एक दुसरे को जी भर के देख रहे थे !"साहब आपका बिल ...Read Moreवेटरआचनक आखों ने आखों जैसे बोल दिया हो बस करो कोई देख लेगा ,फिर रोहन ने गुस्से से वेटर को देखा और पैसे देते हुए बोला – अब कुछ नही चाहिए वापस न आना !काफी देर बाद रिद्धिमा खुद को आपने दायरे में करते हुए बोली – तुमरी मीटिंग कितने बजे की ही !रोहन हमेशा की तरह उसके बालो को निहार
सुनो अब पहले जैसी कोई बात नही,चाहे लाख कोशिश कर लो पर दिल में वो जस्बात नही!!! कितन आसान होता है , न एक पल में किसी को कह देना की अब हम साथ नही , मेरे साथ मत ...Read Moreक्यू नही सोचते हम की उसी के लिए कई राते कई दिन बिना खाए पिए सोए गुजरे है सिर्फ उस एक शख्स को पाने के लिए हमने कई मील का सफर बिना कोई सहारे के तय किया है , क्यों सब एक पल में बिखर कर दुबारा सब , नहीं करते हैं क्यों ?रिद्धिमा अब रिद्धिमा नही रही (अपने जस्बातो को काबू