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वह चेहरा - Novels
by Roop Singh Chandel
in
Hindi Love Stories
वह चेहरा (1) मध्य दिसम्बर का एक दिन. सुबह की खिली-खिली धूप और लॉन में पड़ी बेंचें. बेंचों पर बैठे कई चेहरे..... धूप में नहाये चेहरे.... धूप सेकते चेहरे. खिड़की का पर्दा उन्होंने थोड़ा-सा खिसका दिया था,जिससे लॉन का दृश्य स्पष्ट दिख रहा था. उनकी नजर एक चेहरे पर टिक गयी और वह गौर से उसे देखते रहे. चेहरे पर उम्र की लकीरें स्पष्ट थीं. उन्होंने कुर्सी एक ओर खिसकाई और खिड़की पर जा खड़े हुए.... निर्निमेष उस चेहरे को देखते हुए. 'वही हैं......लेकिन यहां क्यों ? ' मस्तिष्क में तंरगें दौड़ने लगीं. कुछ क्षण खिड़की पर खड़े रहकर वह
वह चेहरा (1) मध्य दिसम्बर का एक दिन. सुबह की खिली-खिली धूप और लॉन में पड़ी बेंचें. बेंचों पर बैठे कई चेहरे..... धूप में नहाये चेहरे.... धूप सेकते चेहरे. खिड़की का पर्दा उन्होंने थोड़ा-सा खिसका दिया था,जिससे लॉन का ...Read Moreस्पष्ट दिख रहा था. उनकी नजर एक चेहरे पर टिक गयी और वह गौर से उसे देखते रहे. चेहरे पर उम्र की लकीरें स्पष्ट थीं. उन्होंने कुर्सी एक ओर खिसकाई और खिड़की पर जा खड़े हुए.... निर्निमेष उस चेहरे को देखते हुए. 'वही हैं......लेकिन यहां क्यों ? ' मस्तिष्क में तंरगें दौड़ने लगीं. कुछ क्षण खिड़की पर खड़े रहकर वह
वह चेहरा (2) उन दिनों वह दिल्ली में विदेश मंत्रालय में अनुवादक थे. अपने को पी-एच.डी. के लिए पंजीकृत करवाने में दो बार असफल हो चुके थे. यह उन दिनों की बात है जब दूसरी बार विश्वविद्यालय ने उनके ...Read Moreविषय को खारिज किया था. वह परेशान थे और यह बात मानसी को बताना चाहते थे. बताना इसलिए चाहते थे क्योंकि पिछली मुलाकात में मानसी ने पहले विषय के खारिज होने के कारणों पर गहरी रुचि प्रदर्शित की थी और उसके हर प्रश्न के उत्तर में उन्होंने एक ही बात कही थी कि विश्वविद्यालय ने विषय के खारिज होने का
वह चेहरा (3) उनके पिता पारंपरिक सोच के थे और अपनी बढ़ती उम्र से चिन्तित. एक दिन वह दिल्ली आ पहुंचे और उन्हें धमकाने के अंदाज में बोले,''तपिश,मैं उस रिश्ते को तोड़ने जा रहा हूं.... हद ही हो गयी. ...Read Moreहुए डेढ़ साल से ऊपर हो चुका है.... उनके बहानों का अंत ही नहीं.... मुझे तो दाल में कुछ काला नजर आ रहा है .'' ''क्या ?'' धीमे स्वर में उन्होंने पूछा था . ''यही कि वे लोग किसी आई.ए.एस. -पी.सी.एस. के चक्कर में हैं. वहां से उन्हें स्पष्ट उत्तर नहीं मिल रहा होगा.... और तुम्हें उन्होंने स्थानापन्न के रूप