NAINA KA BADLA.. book and story is written by Vandan Patel in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. NAINA KA BADLA.. is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
नैना का बदला. - Novels
by Vandan Patel
in
Hindi Fiction Stories
नैना बेहद खूबसूरत नाम है। जैसा उसका नाम वैसे ही उसका मीनिंग होता है, "आंखें"। आँखों का काम होता है, देखना चाहे अच्छा या बुरा! या फिर सपने देखना? नैना का भी एक सपना था कि अपने बाबा की तरह खुद अपने ही पैरों पर खड़ी हो। अपने पुरखों के जमाने से दौलत तो थी उसके पास, पर जब उसके बाबा की मृत्यु हो गई। फिर उसके मौसा मौसी पूरे परिवार के साथ उसके पास रहने आ गए। मौसा की मां कमला देवी बहुत ही लालची औरत थी। एक हफ्ते तक तो सब ठीक चला पर जैसे ही मेहमान कम
यह कहानी नैना के बारे मे है।यह कहानी पूरी तरह से काल्पनिक है। नैना के बाबा के गुजरने के बाद वो बुरे हालातो से गुजरती है। नैना को अपने ही प्रॉपर्टी के लिए मारने की कोशिश करते है। पर ...Read Moreबचती हुयी कैसे बदला लेती है। वो जानने के लिए आपको यह स्टोरी पढ़नी पड़ेगी।
"कृपया यात्री गण ध्यान दे मुंबई जाने वाली ट्रेन प्लेटफार्म न. 3 से रवाना होने वाली हैं।" "अरे यार लगता हे, ट्रैन निकलने वाली हे। अब मुझे बैठ जाना चाहिए। चल फिर मिलते हे!" राजू। "हाँ प्रेम", अपना ख्याल ...Read Moreऔर पोहचते ही फ़ोन ज़रूर करना, राजु मुश्कुराके बोला। "चलो खैर अब फ़िलहाल डब्बे में पोहच ही गया हूँ! तो क्यों न कुछ पढ़ लिया जाये" प्रेम मन में सोचते हुए बोला। ट्रैन निकल पड़ी। राजू ने ये सुनते ही की चैन सांस ली अब मेरा दोस्त अपने घर पहुँच जायेगा। साथ में प्रेम भी खुश था की अपने परिवार