My life jerney book and story is written by Devesh Gautam in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. My life jerney is also popular in Biography in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मेरी जिंदगी का सफर - Novels
by Devesh Gautam
in
Hindi Biography
13 जनवरी रुद्रपुर के एक हॉस्पिटल में मेने इस दुनिया को पहली बार देखा।बहुत यादगार था वो पल लेकिन बहुत दुखदायी भी।मेरी हालत बहुत दयनीय थी।डाक्टर्स ने मुझे एमरजेंसी वार्ड में सिफत किया। वहां 21 दिन काच के बॉक्स में बंद रहने के बाद मुझे घर भेज गया। वहां पहुंच कर मेने पहली बार दुनिया को जाना। कितने सारे लोग वहां मेरा इंतेज़ार कर रहे थे। धीरे धीरे समय बदन्त गया।मेरी बीमारी भी बढ़ती गयी और घर वालो का प्यार और नफरत भी ।डाक्टर्स बदले लेकिन मेरी बिमारी सही नई हुई।मेरे जन्म के कुछ दिन बाद ही मेरी माँ की
13 जनवरी रुद्रपुर के एक हॉस्पिटल में मेने इस दुनिया को पहली बार देखा।बहुत यादगार था वो पल लेकिन बहुत दुखदायी भी।मेरी हालत बहुत दयनीय थी।डाक्टर्स ने मुझे एमरजेंसी वार्ड में सिफत किया। वहां 21 दिन काच के बॉक्स ...Read Moreबंद रहने के बाद मुझे घर भेज गया। वहां पहुंच कर मेने पहली बार दुनिया को जाना। कितने सारे लोग वहां मेरा इंतेज़ार कर रहे थे। धीरे धीरे समय बदन्त गया।मेरी बीमारी भी बढ़ती गयी और घर वालो का प्यार और नफरत भी ।डाक्टर्स बदले लेकिन मेरी बिमारी सही नई हुई।मेरे जन्म के कुछ दिन बाद ही मेरी माँ की
जब मैं 9वी का छात्र था तभी मेरे नाना सेवानिवृत्त हो गए और वापस गांव आ गए और साथ मे आई मेरी मामी।यहां आकर उन्होंने देखा कि ये यहां बहुत चैन से रह रहा है। अपने स्कूल का टॉपर ...Read Moreऔर उस क्षेत्र में इसकी जान पहचान बहुत है तो उन्होंने मुझे अंदर से खत्म करना चाहा। उस समय उन्होंने मेरे बारे में सिर्फ पता किया। तबतक मेने हाई स्कूल पास कर लिया था। फिर मेने भगवंत पाण्डे इंटर कॉलेज में गणित संकाय से प्रवेश लिया। फिर लगभग 1हफ्ता पढ़ने गया। इसी दौरान मेरी बीमारी बहुत ज्यादा होने लगी। और