Vedvani book and story is written by Aastha Rawat in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Vedvani is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
वेदवाणी - Novels
by Aastha Rawat
in
Hindi Love Stories
? नमस्कार ? में आस्था रावत ऐसी कहानी लेकर आयी हूं ।जो प्रेम का मार्मिक रुप प्रदर्शित करती है । और साथ में दिल छू लेने वाली है।प्रेम क्या है प्रेम वो अमृत है जो जितना बांटे दुगना वापस मिलता है।पर आजकल कि जनरेशन का प्रेम केवल सोशल मीडिया के लिए है। जिसमे प्रेमी प्रेमिका को उपहार देता है प्रेमिका फोटो सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करती है। और इस बंधन को नाम दिया गर्लफ्रेंड एंड बॉयफ्रेड । और तो और इस रिश्ते की सार्वजनिक घोषणा
? नमस्कार ? में आस्था रावत ऐसी कहानी लेकर आयी हूं ।जो प्रेम का मार्मिक रुप प्रदर्शित करती है । और साथ में दिल छू लेने वाली है।प्रेम क्या है प्रेम वो अमृत है जो ...Read Moreबांटे दुगना वापस मिलता है।पर आजकल कि जनरेशन का प्रेम केवल सोशल मीडिया के लिए है। जिसमे प्रेमी प्रेमिका को उपहार देता है प्रेमिका फोटो सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करती है। और इस बंधन को नाम दिया गर्लफ्रेंड एंड बॉयफ्रेड । और तो और इस रिश्ते की सार्वजनिक घोषणा
अखबार में इस्तेहार देखते ही देवयानी के मुख पर मुस्कान सी खिल गईपरन्तु मुस्कान साथ एक दुख भी था। जो दुख अपनी बेटी की विदाई के बारे में सोच हर मां के मन मे उत्पन्न है जाता हैं। ...Read Moreक्षण भर के लिए हवेली कि दीवारों में गूंजती रौनक। को महसूस करने लगी जो वाणी के होने से घर के कोने कोने में है। भैया बस यहीं पर रोक दो।जी दीदी वाणी , आप घर चले जाना मुुझे आज ज्यादा टाइम लगेगा। ड्राईवर , नहीं नहीं दीदी मालकिन ने बोला है। आप को साथ लेकर ही आए।वाणी -मां भी ना चलो ठीक है।हे वााणी दिशा हाए दिशाहाउ आर यू दििशा - आई एम्
आओ बेटाबैठो भोजन करलो फिर जल्दी सो जाना सर मैं दर्द है ना हा मांआप भी खा लिजिए ना मांना ना बेटा तू तो जानती है तुम्हारे पिताजी अभी लौटे नहीं है।ठीक है मां हम चलते है बहुत नींद ...Read Moreरही है देवयानी - ठीक है बेटा तुम सो जाओ । गुड नाईट मॉमशुभ रात्रि बेटा देवयानी -आज इतनी देर हो गई कहां रह गए ये।गाड़ी का हॉर्न बजता हैऔर देवयानी कुर्सी पर से खड़ी हो जाती हैं।लगता है आ गए।रामू रामू सुनो द्वार खोल दो मालिक आ गएनौकर द्वार खोलते है और देवयानी एक आदर्श पत्नी जैसेपति के स्वागत में द्वार पर खड़ी मार्ग तकती