Karmaa book and story is written by Sushma Tiwari in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Karmaa is also popular in Adventure Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कर्मा - Novels
by Sushma Tiwari
in
Hindi Adventure Stories
देश का दिल दिल्ली, कई सपनों का रंग महल.. सत्ता के गलियारों से लेकर तंग गलियों तक.. कई जिन्दगियों की गवाह दिल्ली, आज भीड़ वाली सड़क पर एम्बुलेंस पूरी तेजी में साइरन बजाते दौड़ी चली आ रही थी। उस साइरन से निकलती आवाज जो बिलकुल अच्छी नहीं लगती सुनने में एक अस्पताल के आगे थमती है जहां आनन-फानन में कुछ लोग जिंदगी से जंग हारते एक इंसान को आईसीयू तक पहुंचा देते है। कुछ ही पल के रोने चीखने की आवाज़ों के बाद सिर्फ मशीनों की आवाज आ रही थी जो यह सुनिश्चित कर रही थी कि जिंदगी हारी नहीं है.. इन आड़ी टेढ़ी लकीरों के सहारे पर है।
दिलवालों के शहर में सपनों की उड़ानदेश का दिल दिल्ली, कई सपनों का रंग महल.. सत्ता के गलियारों से लेकर तंग गलियों तक.. कई जिन्दगियों की गवाह दिल्ली, आज भीड़ वाली सड़क पर एम्बुलेंस पूरी तेजी में साइरन बजाते ...Read Moreचली आ रही थी। उस साइरन से निकलती आवाज जो बिलकुल अच्छी नहीं लगती सुनने में एक अस्पताल के आगे थमती है जहां आनन-फानन में कुछ लोग जिंदगी से जंग हारते एक इंसान को आईसीयू तक पहुंचा देते है। कुछ ही पल के रोने चीखने की आवाज़ों के बाद सिर्फ मशीनों की आवाज आ रही थी जो यह सुनिश्चित कर
पैसा ये पैसा.. हाय पैसा... (गतांक से आगे) जसपाल फोन पर सिर्फ ह्म्म ह्म्म करता है.. जी भाई, हाँ भाई के अलावा पूनम को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। फिर वो फोन रख कर आकर कुर्सी पर बैठ ...Read More" क्या हुआ कुछ बताओ तो सही? कौन भाई.. कहाँ का भाई.. और तुम्हें क्या साँप सूँघ गया?" पूनम बेचैनी में पूछे जा रही थी और मासूम सिद्धार्थ कोने में सहमा खड़ा था। झकझोरने पर जसपाल पूनम की तरफ मुस्कराता हुआ बोला " अरे पुन्नी ! सीधे विदेश से भाई का फोन था.. भाई मेरे आंकड़ों को समझने से बहुत
भागता जाए ये समय का पहिया... (गतांक से आगे) जसपाल! क्या तुम मुझे साफ-साफ बताओगे कि सिद्धार्थ कहां है? अगर तुम जानते हो तो प्लीज मुझे बता दो.. इस तरह से मुझे जीते जी मत मारो.. " पूनम ने ...Read Moreहुए कहा। " पुन्नी में पहले से बहुत परेशान हूं और उस पर तुम ऐसी बातें मत करो.. हां मैं जानता हूं यह मेरी गलती है पर मुझे क्या पता था कि वह लोग सिद्धू को उठा लेंगे?.. और तुम पुलिस में जाने की बात कर रही हो? " " हां तो पुलिस में नहीं जाए तो क्या करें? तुम
स्वागत नहीं करोगे हमारा... (गतांक से आगे) प्रिया और चंदन सिद्धार्थ को घूर रहे थे। चंदन ने सिद्धार्थ के पीठ पर थपकी देते हुए उसे विचारों के भंवर से बाहर निकाला " अबे कहां खोया हुआ है तू.. सामने ...Read More" सिद्धार्थ उन जादू भरी आंखों के माया जाल से निकल हकीकत की दुनिया में आ चुका था। " आई..आई एम सॉरी मैं वो कुछ नहीं.. मेरा मतलब.. हाय आई एम सिद्धार्थ " कहते हुए वह चेयर से उठ गया। "तो? तो क्या करूं मैं पूछ रही हूं कि आप मुझे इस तरह से क्यों घूर रहे हो? " फिर
जादू है नशा है.. मदहोशियां... (गतांक से आगे) सिद्धार्थ अभी भी उन लड़कों को घूर कर देख रहा था। अब ऐसा भी क्या कह दिया था उसने? मैच में तो हर कोई अंदाजा लगा सकता है.. इसमें ऐसी कौन ...Read Moreनई बात है। उनमें से एक लड़का अंकित जो सिद्धार्थ से पहले भी बातचीत करता था, कुर्सी लेकर पास में आकर बैठ गया। "सच यार तू तो कमाल है! इतना परफेक्ट अंदाजा.. तू तो मास्टर है इस गेम का, अब तक कितना जीत चुका है?" सिद्धार्थ सच में कुछ नहीं समझ पा रहा था। " क्या जीत चुका हूं? मैच?"