उपन्यास वाली लड़की - Novels
by Kishanlal Sharma
in
Hindi Adventure Stories
"सर् यह जमा कर लीजिए।,आवाज सुनकर मैने किताब से नज़रे उठाकर देखा था।मेरे सामने आकर्षक व्यक्तित्व का युवक सूटकेस लेकर खड़ा था।
"लॉक है?"मैं किताब मेज पर रखते हुए बोला
"लॉक है।"वह बोला,"वेसे इसमें सिर्फ कपड़े है।"
"इसके अंदर क्या है।यह हम ...Read Moreदेखते।रेलवे के नियम के अनुसार क्लॉकरूम में ताला लगा सामान ही जमा होता है।"मैं रसीद की किताब खोलते हुए बोला,"आपका नाम?"
निशांत उसने अपना नाम,पता और फोन नंबर बताया था।
"सर् यह जमा कर लीजिए।,आवाज सुनकर मैने किताब से नज़रे उठाकर देखा था।मेरे सामने आकर्षक व्यक्तित्व का युवक सूटकेस लेकर खड़ा था।"लॉक है?"मैं किताब मेज पर रखते हुए बोला"लॉक है।"वह बोला,"वेसे इसमें सिर्फ कपड़े है।""इसके अंदर क्या है।यह हम ...Read Moreदेखते।रेलवे के नियम के अनुसार क्लॉकरूम में ताला लगा सामान ही जमा होता है।"मैं रसीद की किताब खोलते हुए बोला,"आपका नाम?"निशांत उसने अपना नाम,पता और फोन नंबर बताया था।मैने रसीद बुक से दो प्रतिया फाड़ी।एक प्रति निशान्त को और दूसरी जयराम को पकड़ाई थी।जयराम ने प्रति को सूटकेस पर चिपकाकर उसे अंदर रख दिया था।रसीद जेब मे रखते हुए निशान्त
"अरे आप तो भीग गई।" सलवार कुर्ता भीगकर उसके गोरे बदन से चिपक गया था।भीगे कपड़ो में उसके शरीर के उभार साफ नजर आ रहे थे।"बरसात से अपने को बचाने की कोशिश तो बहुत की लेकिन"बैठ जाइए"वह युवती स्टूल ...Read Moreबैठ गई।जयराम चाय लेकर लौट आया था।वह दो कप मेज पर रख गया।मैं एक कप उसकी तरफ बढ़ाते हुये बोला,"गरमा गरम चाय पीजिये।""आप पीजिये।""मैं भी पिऊंगा।"उसने चाय का कप उठा लिया।मैं भी चाय पीने लगा।चाय पीते हुए मैं अपने सामने बैठी युवती को निहार रहा था।वह मझले कद की सुंदर युवती थी।चाय पीकर उसने रसीद और पैसे दिए थे।जयराम ने