Bahubali-3 book and story is written by सोमराज in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Bahubali-3 is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
बाहुबली-3 - Novels
by सोमराज
in
Hindi Fiction Stories
एक परछाई तहखाने में कदमों की आहट के साथ बढ़ रही थी यह कटप्पा थे ,कटप्पा के हाथों में खाने की थाली थी दोनों तरफ सलाखें थी तहखाने में कोई शोरगुल नहीं था ,यहां पर मंद अंधेरा था ,कटप्पा आगे से दाएं और मुड़े, सामने की सलाखों के पीछे एक सक्ष अधमरी - सी हालत में जमीन पर पड़ा था ,खुले केशो ने उसके चेहरे को ढक रखा था कटप्पा उस व्यक्ति के पास जाकर रुक गया और सलाखों के नीचे से उस थाल को धीरे से उस व्यक्ति की तरफ धकेल दिया "खाना खा लीजिए "- कटप्पा ने कहा
एक परछाई तहखाने में कदमों की आहट के साथ बढ़ रही थी यह कटप्पा थे ,कटप्पा के हाथों में खाने की थाली थी दोनों तरफ सलाखें थी तहखाने में कोई शोरगुल नहीं था ,यहां पर मंद अंधेरा था ,कटप्पा ...Read Moreसे दाएं और मुड़े, सामने की सलाखों के पीछे एक सक्ष अधमरी - सी हालत में जमीन पर पड़ा था ,खुले केशो ने उसके चेहरे को ढक रखा था कटप्पा उस व्यक्ति के पास जाकर रुक गया और सलाखों के नीचे से उस थाल को धीरे से उस व्यक्ति की तरफ धकेल दिया "खाना खा लीजिए "- कटप्पा ने कहा
"और महारानी से मिलना तो दूर उनसे उनको देखने पर भी दंड मिलता है जब वह गांव की गलियों से गुजरती है तो सबकी नजरें झुकी हुई होती हैं "-उस आदमी ने अपनी बातें जारी रखी महेंद्र बाहुबली ने ...Read Moreकी तरफ देखा उनका चेहरा उतरा हुआ था "क्या हुआ मां "-बाहुबली ने पूछा देवसेना का ध्यान बाहुबली की तरफ हुआ -"कुछ नहीं पुत्र"- कुछ छुपाते हुए देव सेना ने जवाब दिया बाहुबली सिंहासन से नीचे उतर कर अपनी मां के घुटनों के पास बैठ गया -"मां ,आपका पुत्र हूं आपके चेहरे के भाव को समझ सकता हूं बताइए क्या