Kabul karna mushkil tha book and story is written by MANISH SINGH in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kabul karna mushkil tha is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कबूल करना मुश्किल था - Novels
by MANISH SINGH
in
Hindi Love Stories
Exams के बाद की छुट्टियां शुरु हो चुकी थी बी टेक का थर्ड ईयर भी ना कमाल का गुजरा। अब हम बहुत दिनों से सोच ही रहे थे कि ट्रिप पर जाना है, प्लेन भी हम चार दोस्तों ने बहुत पहले से ही बना रखा था।
'दीपसी' मेरी closest friend जो कॉलेज के पहले दिन से ही मुझसे जुड़ी हुई है, ऊपर से बेहद मासूम दिखती है पर अंदर से मुझे यह पता है क्या-क्या बातें सोचती है। हम दोनों एक दूसरे के secret keeper भी है कोई भी बात मन में चल रही होती है बेझिझक एक दूसरे से बांट सकते हैं, वह दर्पण को बहुत ज्यादा पसंद करती है। अपने ग्रुप का तीसरा मेंबर 2 साल से उसने उसे क्रश ही बना रखा है कहती है दोस्ती ना टूट जाए बोलकर। वैसे मैं भी तो दीपसी से अलग नहीं हूं, मैं भी कहां प्रज्ञा से कुछ बोल पाता हूं।
Exams के बाद की छुट्टियां शुरु हो चुकी थी बी टेक का थर्ड ईयर भी ना कमाल का गुजरा। अब हम बहुत दिनों से सोच ही रहे थे कि ट्रिप पर जाना है, प्लेन भी हम चार दोस्तों ने ...Read Moreपहले से ही बना रखा था।'दीपसी' मेरी closest friend जो कॉलेज के पहले दिन से ही मुझसे जुड़ी हुई है, ऊपर से बेहद मासूम दिखती है पर अंदर से मुझे यह पता है क्या-क्या बातें सोचती है। हम दोनों एक दूसरे के secret keeper भी है कोई भी बात मन में चल रही होती है बेझिझक एक दूसरे से बांट
Queen of hills मसूरी, यह पहाड़ तो मानो सीधा जाकर सूरज को ही छू रहे थे, हल्की हल्की सी ठंडी हवा बिल्कुल साफ नीला आसमा खुशनुमा सा मौसम था एक खुलापन सा था। यहां टेढ़े मेढ़े से रास्ते जिनप ...Read Moreघूमते हम आए थे, मैं कवि होता ना तो यहां बैठकर पूरी किताब लिख सकता था। हममें से कोई कुछ बोल ही नहीं रहा था, अभी फिलहाल इन पहाड़ों को ही देख रहे थे नोएडा से यहां तक 6 - 7 घंटे के ट्रेवल से हमें थक जाना चाहिए था ना पर excitement के मारे हम थके ही नहीं थे हम