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वह जो नहीं कहा - Novels
by Sneh Goswami
in
Hindi Book Reviews
बहुत कुछ कहता 'वह जो नहीं कहा' (लघुकथा संग्रह : स्नेह गोस्वामी )==================000 ॥ पूर्वकथन : नई किताबें डाक में मेरे पास बहुत आती हैं। नये और उदयीमान लेखकों की विशेषकर। कुछ किताबें पूरी नहीं पढ़ पाता, पर कुछ होती हैं जो अपने आप को पढ़वा ले जाती हैं। पर मैं उन पर लिख नहीं पाता। दरअसल मैं समीक्षक हूँ ही नहीं, समीक्षा करना मुझे आता ही नहीं। मेरे पास समीक्षकों वाली भाषा भी नहीं है। मैं प्राय: किसी की किताब पर कुछ समीक्षात्मक लिखने से कतराता रहता हूँ। इसके चलते बहुत से नये-पुराने लेखक मित्र मुझसे नाराज
बहुत कुछ कहता 'वह जो नहीं कहा' (लघुकथा संग्रह : स्नेह गोस्वामी ) ...Read More 000 ॥ पूर्वकथन : नई किताबें डाक में मेरे पास बहुत आती हैं। नये और उदयीमान लेखकों की विशेषकर। कुछ किताबें पूरी नहीं पढ़ पाता, पर कुछ होती हैं जो अपने आप को पढ़वा ले जाती हैं। पर मैं उन पर लिख नहीं पाता। दरअसल मैं समीक्षक हूँ ही नहीं, समीक्षा करना मुझे आता ही नहीं। मेरे पास समीक्षकों वाली भाषा भी नहीं है। मैं प्राय: किसी की किताब पर कुछ समीक्षात्मक लिखने से कतराता रहता हूँ। इसके चलते बहुत से नये-पुराने लेखक मित्र मुझसे नाराज
वह जो नहीं कहा जनवरी 5 सुबह 6 बजे सुनो जानू ! आज तुम टूर पर हो तो लग रहा है आज यह घर पूरा का पूरा मेरा है . लग रहा है मैं आज सच्चे अर्थो में घरवाली ...Read Moreवर्ना तो शाम के समय पूरे घर में तुम्हारी ही आवाजें सुनाई देती हैं -सुनती हो चाय बनाओ .जल्दी से खाना लाओ . चादर नहीं झाडी अब तक .भई ! तुम तो सारा दिन सोयी रहती हो और अब आधी रात तक बर्तन बजाती रहोगी . अब दूध क्या एक बजे रात दोगी . - पूरा दिन यही सब
वह जो नहीं कहा स्नेह गोस्वामी की लघुकथा वह जो नहीं कहा लघुकथा की दुनिया में नये प्रतिमान घङती है ।इस दृष्टि से इस लघुकथा का बङा महत्व है ।इसके कुछ पहलुओं पर चर्चा करना जरुरी है ...Read Moreपत्नी का एकालाप कह लें या डायरी में लिखे एक दिन का वर्णन कह लें ,घर का अपेक्षित उल्लेख इसमें इस प्रकार से आ गया है कि विषय को लेकर और कुछ कहने की संभावना नहीं लगी । 2 यह लघुकथा बने बनाए प्रतिमानों के चुनौती देती है । इसकी शब्दसंख्या 750 – 800 है । पंचकुला के सम्मेलन में
वह जो नहीं कहा सीख नसीहत और प्रेरणा से भरपूर है – वह जो नहीं कहा लघुकथा संग्रह श्रीमती स्नेह गोस्वामी का लघुकथा संग्रह वह जो नहीं कहा अभी अभी 2018 में प्रकाशित हुआ है। सबसे ...Read Moreबात यह है कि यह संग्रह आज के महिला वर्ग के समर्पित किया गया हैजो समय की माँग है। इनकी लघुकथाएँ सामाजिक परिवेश में नारी के दायित्वों ,पारिवारिक द्वंद्वों , वर्तमान की विसंगतियों , दिन भर मशीन बनी काम में निमग्न नारी अथवा पति-पत्नि संबंधों में व्यापक असंतोष की व्यथा कथा कहती है ।उक्त लघुकथा संग्रह को समीक्षा की कसौटी पर