खिमुली काव्य - Novels
by जयदीप पत्रिका
in
Hindi Poems
पहली कविता
लिखता हूँ एक कविता
लिखता हूँ एक कविता, कुछ लाइनों में,
ऐ मेरे वतन, तेरे उन जवानों के लिए।
जिन्होंने अपना सीना चीर दिया गोलियों से,
और नहीं आने दी तेरे आंगन में कोई दरार।।
मुझे भी शौक था तेरी रक्षा करने ...Read Moreका,
पर साथ नहीं दिया इस शरीर ने।
ऐ मेरे वतन तेरे उन जवानें को मेरा सलाम,
जिन्होंने तेरे लिए अपनी कुर्बानी दी।।
उन पहाड़ों और जंगलों में रहने का शौक था मुझे
भी, पर क्या बताऊं मां ने मुझे कबूला नहीं।
ऐ मेरे वतन तेरे जवानों को मेरा नमन,
जिन्होंने तेरे लिए अपना बलिदान दिया।।
पहली कवितालिखता हूँ एक कविता लिखता हूँ एक कविता, कुछ लाइनों में, ऐ मेरे वतन, तेरे उन जवानों के लिए। जिन्होंने अपना सीना चीर दिया गोलियों से, और नहीं आने दी तेरे आंगन में कोई दरार।। मुझे ...Read Moreशौक था तेरी रक्षा करने करने का, पर साथ नहीं दिया इस शरीर ने। ऐ मेरे वतन तेरे उन जवानें को मेरा सलाम, जिन्होंने तेरे लिए अपनी कुर्बानी दी।। उन पहाड़ों और जंगलों में रहने का शौक था मुझे भी, पर क्या बताऊं मां ने मुझे कबूला नहीं। ऐ मेरे वतन तेरे जवानों को मेरा नमन, जिन्होंने तेरे लिए अपना