Khimuli Kavya book and story is written by जयदीप पत्रिका in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Khimuli Kavya is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
खिमुली काव्य - Novels
by जयदीप पत्रिका
in
Hindi Poems
पहली कविता
लिखता हूँ एक कविता
लिखता हूँ एक कविता, कुछ लाइनों में,
ऐ मेरे वतन, तेरे उन जवानों के लिए।
जिन्होंने अपना सीना चीर दिया गोलियों से,
और नहीं आने दी तेरे आंगन में कोई दरार।।
मुझे भी शौक था तेरी रक्षा करने करने का,
पर साथ नहीं दिया इस शरीर ने।
ऐ मेरे वतन तेरे उन जवानें को मेरा सलाम,
जिन्होंने तेरे लिए अपनी कुर्बानी दी।।
उन पहाड़ों और जंगलों में रहने का शौक था मुझे
भी, पर क्या बताऊं मां ने मुझे कबूला नहीं।
ऐ मेरे वतन तेरे जवानों को मेरा नमन,
जिन्होंने तेरे लिए अपना बलिदान दिया।।
पहली कवितालिखता हूँ एक कविता लिखता हूँ एक कविता, कुछ लाइनों में, ऐ मेरे वतन, तेरे उन जवानों के लिए। जिन्होंने अपना सीना चीर दिया गोलियों से, और नहीं आने दी तेरे आंगन में कोई दरार।। मुझे ...Read Moreशौक था तेरी रक्षा करने करने का, पर साथ नहीं दिया इस शरीर ने। ऐ मेरे वतन तेरे उन जवानें को मेरा सलाम, जिन्होंने तेरे लिए अपनी कुर्बानी दी।। उन पहाड़ों और जंगलों में रहने का शौक था मुझे भी, पर क्या बताऊं मां ने मुझे कबूला नहीं। ऐ मेरे वतन तेरे जवानों को मेरा नमन, जिन्होंने तेरे लिए अपना