Office - Office book and story is written by R.KapOOr in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Office - Office is also popular in Comedy stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
ऑफ़िस - ऑफ़िस - Novels
by R.KapOOr
in
Hindi Comedy stories
सूचना - ये एक काल्पनिक कहानी है और इसका जीवित यां मृत किसी व्यक्ति से कोई लेनादेना नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो ये महज़ एक संयोग है। इस कहानी को केवल पाठकों के मनोरंजन हेतु लिखा गया है।
ऑफ़िस - ऑफ़िस
भाग - 1
ऑफ़िस के बाहर लगे बोर्ड को पढ़ कर मुझे ख़ुशी हुई, लिखा था
"हिंदी राष्ट्र को जोड़ती है, कृपया अपना काम हिंदी में करें"
बोर्ड को पढ़ कर मेरे चेहरे पर प्रसन्नता थी, क्योंकि मुझे भी अंग्रेजी नहीं आती थी, इसलिये अपनी अर्ज़ी भी मैं हिंदी में ही लिख कर लाया था।
अंदर जा कर केबिन के बाहर बैठे चपरासी से साहब के बारे में पूछा तो वो बोला "साहब अभी चाय पी रहे हैं, थोड़ी देर इंतज़ार करो"
सूचना - ये एक काल्पनिक कहानी है और इसका जीवित यां मृत किसी व्यक्ति से कोई लेनादेना नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो ये महज़ एक संयोग है। इस कहानी को केवल पाठकों के मनोरंजन हेतु लिखा गया ...Read More- ऑफ़िस भाग - 1 ऑफ़िस के बाहर लगे बोर्ड को पढ़ कर मुझे ख़ुशी हुई, लिखा था"हिंदी राष्ट्र को जोड़ती है, कृपया अपना काम हिंदी में करें"बोर्ड को पढ़ कर मेरे चेहरे पर प्रसन्नता थी, क्योंकि मुझे भी अंग्रेजी नहीं आती थी, इसलिये अपनी
मेरे पास पहुंचते ही उसने अपने पांव के पास पड़ा पीकदान उठाया और एक पिचकारी दे मारी उसमें और वापस पीकदान को अपने पांव के पास रख दिया। मुझे बाहर चपरासी के कहे शब्द याद आ गये "साहब बड़े ...Read Moreकड़क हैं उनके सामने मुंह में कुछ ठूंस के जाना....तभी मेरी नज़र उसके ठीक पीछे दीवार से चिपके एक स्टिकर पर पड़ी, जिसपर लिखा था..."अपने आसपास सफ़ाई बनाये रखने की आदत ही हमें अपने शहर को स्वच्छ बनाये रखने के लिये प्रेरित करती है" जी में आया कि उसे अपने पीछे लगे स्टिकर की याद दिलाऊं मग़र मैं चुप रहा। मुझे लग
मोबाईल पर हाथ रख कर धीमी आवाज़ में मुस्कुराते हुए मुझसे पूछा "कैसी लगी रिंगटोन ?" मैं कुछ जवाब देता उससे पहले ही वो फ़िर बोला "मुझे इतनी अच्छी लगती है ना, तभी पूरी रिंगटोन बजने पर ही मैं ...Read Moreउठाता हूं" उसने अजीब सी हंसी चेहरे पर लाते हुए कहा ।मैं बेचारा क्या करता मुस्कुरा कर उंगली और अंगूठे को जोड़ ॐ वाली मुद्रा बना कर इशारे में ही कह दिया बहुत अच्छी है ।मगर दिल में सोच रहा था ये किससे पाला पड़ गया । "अबे साले तू ?" वो सामने से आवाज़ सुनते ही अपनी भौहें चढ़ा कर इतनी
लेकिन अक्सर लोग अपनी पत्नी के साथ बहुत लंबी बात नहीं करते, शॉर्ट में ही निपटा देते हैं, उसने भी वैसा ही किया।"यार सब्ज़ी लेकर आने को बोल रही थी..."उसने बैल बजायी और चपरासी को बुलाया और उससे कहा ...Read Moreएक काम कर फ़टाफ़ट जा कर एक किलो मटर ले आ.... और बाहर से मैडम को अंदर भेज दे, गप्पे ही मार रहे हैं बैठ कर, तो अच्छा नहीं लगता वो बाहर अकेली बैठी रहें, और जा तू मटर लेकर जल्दी आ ""गप्पे मार रहे हैं !" मैं बड़ा हैरान था कितना शातिर चालाक बंदा है ये ।मैं अपनी कोई