Kshitij book and story is written by Rajesh Maheshwari in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kshitij is also popular in Poems in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
क्षितिज - काव्य संकलन - Novels
by Rajesh Maheshwari
in
Hindi Poems
माँ का स्नेह
देता था स्वर्ग की अनुभूति।
उसका आशीष
भरता था जीवन में स्फूर्ति।
एक दिन
उसकी सांसों में हो रहा था सूर्यास्त
हम थे स्तब्ध और विवेक शून्य
देख रहे थे जीवन का यथार्थ
हम थे बेबस और लाचार
उसे रोक सकने में असमर्थ
और वह चली गई
अनन्त की ओर
मुझे याद है
जब मैं रोता था
वह परेशान हो जाती थी।
जब मैं हँसता था
वह खुशी से फूल जाती थी।
वह हमेशा
सदाचार, सद्व्यवहार, सद्कर्म,
पीड़ित मानवता की सेवा,
राष्ट्र के प्रति समर्पण,
सेवा और त्याग की
देती थी शिक्षा।
माँ माँ का स्नेह देता था स्वर्ग की अनुभूति। उसका आशीष भरता था जीवन में स्फूर्ति। एक दिन उसकी सांसों में हो रहा था सूर्यास्त हम थे स्तब्ध और विवेक शून्य देख रहे थे जीवन ...Read Moreयथार्थ हम थे बेबस और लाचार उसे रोक सकने में असमर्थ और वह चली गई अनन्त की ओर मुझे याद है जब मैं रोता था वह परेशान हो जाती थी। जब मैं हँसता था वह खुशी से फूल जाती थी। वह हमेशा सदाचार, सद्व्यवहार, सद्कर्म, पीड़ित मानवता की सेवा, राष्ट्र के प्रति समर्पण, सेवा और त्याग की देती थी शिक्षा।
जन्मदिन आज मेरा जन्मदिवस है उम्र एक वर्ष और बढ गई मृत्यु और करीब आ गई जन्म के साथ ही निश्चित हो जाती है मृत्यु मृत्यु से क्या डरना मृत्यु का अर्थ है एक जीवन का अंत ...Read Moreदूसरे का प्रारंभ। बीत गये जो वर्ष उनमे हम अपनी सेवा, समर्पण, त्याग और सद्कर्मों को देखे फिर जलाए सद्भावों के दीप इन दीपों की रोशनी से जगमग करे स्वयं को भी और दूसरों को भी। और मनाएं अपना जन्मदिन। आभार शिशु का जन्म हुआ मन में प्रश्न उठा हम किसके प्रति आभारी हों
जीवन की राह गंगा, यमुना और सरस्वती का संगम पवित्र हो सकता है किंतु मोक्षदायक नही। मोक्ष निर्भर है धर्म एवं कर्म पर। संगम में डुबकी से भावना बदल सकती है किंतु बिना कर्म के ...Read Moreअसंभव है। हमारी सांस्कृतिक मान्यता है जैसा होगा कर्म वैसा ही होगा कर्मफल। जब हम मनसा वाचा कर्मणा सत्यमेव जयते को अपनायेंगें तो जीवन में होगा सुख, संपदा और स्नेह का संगम। सूर्य देगा ऊर्जा, प्रकाश दिखलाएगा रास्ता सुहावनी संध्या देगी शांति निशा देगी विश्राम चांदनी से मिलेगी तृप्ति की अनुभूति और हम पर बरसेगी परमात्मा की कृपा। हमारे जीवन में हो
प्रतिभा प्रतिभा नही होती है परिचय की मोहताज वह उभरती है सामने आती है, समय और भाग्य के कारण उसके सामने आने में हो सकता है विलम्ब लेकिन जहाँ होती है प्रतिभा वहाँ होती है रचनात्मकता वहाँ ...Read Moreहै सृजन प्रतिभा ईश्वर द्वारा मनुष्य को प्रदत्त प्राकृतिक सौन्दर्य है अनुकूल वातावरण में हेाता है इसका विकास और यह खिलता है। इसका रूप औरों को देता है प्रेरणा और इसकी सुगन्ध चारों ओर बिखरकर बिखराती है प्रसन्नता। अंधकार सुबह हुई और जाने कहाँ चला गया अंधकार। चारों ओर फैल गया प्रकाश । अंधेरे को हराकर विजयी होकर उजाला
सफलता का आधार जब मन में हो दुविधा और डिग रहा हो आत्म विश्वास तब तुम करो आत्म चिंतन और करो स्वयं पर विश्वास यह है ईश्वर का अद्भुत वरदान इससे तुम्हें मिलेगा कठिनाईयों से ...Read Moreकी राह का आभास ये जीवन के अंत तक देंगे तुम्हारा साथ कठिनाइयों और परेशानियों को दूर कर हर समय ले जाएंगे सफलता की ओर इनसे मिलेगी तुम्हें कर्म की प्रेरणा और तुम बनोगे कर्मयोगी लेकिन धर्म को मत भूलना धर्मयोग है ब्रह्मस्त्र वह हमेशा तुम्हारी मदद करेगा और विपत्तियों को जीवन में आने से रोकेगा सफलता सदैव मिलती है साहस, लगन