Nayi Subah book and story is written by Pallavi Pandey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Nayi Subah is also popular in Women Focused in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
नई सुबह - Novels
by Pallavi Pandey
in
Hindi Women Focused
"दीदी, पहचाना ?"
कुछ क्षण लगे, पर उन ऊपर को मुड़ी रेशमी पलकों ने परिचय सूत्र स्वयं ही थमा दिया।
"धृति हो ना? इधर कैसे? " मेरे स्वर में सामान्य शिष्टाचार ही था, पर धृति , वो तो पन्द्रह वर्ष पूर्व की दित्तू बनी टहुकने लगी।
" हां दीदी, धृति ही हैं, इधर लॉ कॉलेज में एलएलबी कर रहे, थर्ड ईयर। हर्षिता दीदी भी वहीं है, फिफ्थ ईयर में। शिवाजी नगर में पी जी में रहते हैं। पर आप इधर कैसे? "
अपने जन्मस्थान के बाजारों का मोह बचपन के घर से कम किधर होता है। मां तो कहती थी " इस लड़की ने एफ सी सिर्फ स्ट्रीट शॉपिंग के लिए चुना ।"
कितना रही थी एफ सी में? जूनियर कॉलेज के दो साल । वोही बेफिक्री खोजने आई थी । और इस से टकरा गई ।
"दीदी, पहचाना ?"कुछ क्षण लगे, पर उन ऊपर को मुड़ी रेशमी पलकों ने परिचय सूत्र स्वयं ही थमा दिया।"धृति हो ना? इधर कैसे? " मेरे स्वर में सामान्य शिष्टाचार ही था, पर धृति , वो तो पन्द्रह वर्ष ...Read Moreकी दित्तू बनी टहुकने लगी।" हां दीदी, धृति ही हैं, इधर लॉ कॉलेज में एलएलबी कर रहे, थर्ड ईयर। हर्षिता दीदी भी वहीं है, फिफ्थ ईयर में। शिवाजी नगर में पी जी में रहते हैं। पर आप इधर कैसे? "अपने जन्मस्थान के बाजारों का मोह बचपन के घर से कम किधर होता है। मां तो कहती थी " इस लड़की ने
पापा कार निकाल कर दोनो को छोड़ने गए तो मैंने दांतों से जीभ काट ली। क्या मूढ़ता कर बैठी थी मैं? कौन सी सुखद स्मृति थी उस घर की इन दोनो के पास ?उन दोनों के जाने के बाद ...Read Moreअन्यमनस्क सी हो गई। शायद उनको भी वो पन्द्रह वर्ष पुराना समय याद आ गया , जब इन लड़कियों के नन्हे पैरों से हमारे घर में भी चहल पहल रहती थी।हर्षिता दो माह की थी, जब नीता आन्टी का परिवार हमारे बगल के घर में रहने आया। आन्टी की शादी को कुल एक वर्ष हुआ था, पर नव विवाहिता का