डोगी का प्रेम - Novels
by Captain Dharnidhar
in
Hindi Animals
मेरी दिन मे दो बार धर्म पत्नी से बात होती थी अक्सर फोन मै ही करता था किन्तु एक दिन मोबाईल पर घंटी बजी टर्न..टर्न मैने देखा कि पत्नी का फोन.. मै खुश हुआ खुशी का कारण यह था ...Read Moreजब भी पत्नी फोन करती थी तो कोई शुभ समाचार ही देती थी मैने फोन उठाया यह क्या आज पत्नी का नाराजगी से भरा स्वर .. एक ही श्वास मे बेटा व बेटी की डॉगी लाने की जिद, पत्नी ने फोन पर कह सुनाई पत्नी बोली उन्हे रोको वे डॉगी लाने गये है । हम पूजा पाठ करने वाले लोग
मेरी दिन मे दो बार धर्म पत्नी से बात होती थी अक्सर फोन मै ही करता था किन्तु एक दिन मोबाईल पर घंटी बजी टर्न..टर्न मैने देखा कि पत्नी का फोन.. मै खुश हुआ खुशी का कारण यह था ...Read Moreजब भी पत्नी फोन करती थी तो कोई शुभ समाचार ही देती थी मैने फोन उठाया यह क्या आज पत्नी का नाराजगी से भरा स्वर .. एक ही श्वास मे बेटा व बेटी की डॉगी लाने की जिद, पत्नी ने फोन पर कह सुनाई पत्नी बोली उन्हे रोको वे डॉगी लाने गये है । हम पूजा पाठ करने वाले लोग
डॉगी का नाम करण -मेरी ड्यूटी अरूणाचल में थी हमारे आर्मी के अंदर भी डॉग स्कॉट होती है , हमारे पास भी एक फेमेल डॉग था । मैने दूसरे दिन फोन किया तो बेटी ने कहा पापा..इसका नाम क्या ...Read Moreमैने कह दिया चेरी रख लो सभी को नाम अच्छा लगा उसे चेरी चेरी कहने लगे । चेरी (हमारा डॉगी) छोटी थी किन्तु पूरे घर के कोने कोने को सूंगती रहती थी दोनो बच्चों के पीछे पीछे घूमती रहती थी । जब भी उसे बाहर घुमाने लेकर जाते बच्चों का झुंड इकट्ठा हो जाता उसे हाथ मे लेकर खिलाने की
श्वानों में बहुत समझ होती है वे साथ रहते रहते अपनी इच्छा प्रगट करने के तरीके खुद ढूंढ लेते हैं । भगवान ने इंसानों की तरह उन्हें भाषा बोलने की क्षमता तो नही दी किन्तु वे हमारी भाषा बहुत ...Read Moreसे समझ ने लगते हैं । वे अपनी चाहत भी प्रगट करते हैं जैसे जैसे इनकी उम्र बढ़ती है इनकी समझ भी बढती जाती है । हम भी उनके इशारों को समझने लग जाते हैं । जब हम उनसे पूछते हैं तो वे इशारा हां का किसी न किसी रूप मे प्रगट कर देते हैं जैसे हम अपने छोटे बच्चों
जो भी श्वानों से प्रेम करते हैं वे उन्हें पालते हैं उनके साथ बहुत सा समय बिताते हैं । कई बार वे भी नहीं समझ पाते उनका श्वान क्या उनको अपना मालिक मानने लगा है । चलिए आज हम ...Read Moreकरते हैं श्वान की हरकतों से हम कैसे समझे कि वह अब आपको मालिक मानने लगा है । दरअसल यह शब्द कुछ ठीक नही लग रहा मालिक ..कहें या अतिप्रिय व्यक्ति .. खैर जो भी शब्द अच्छा लगे हम उपयोग कर सकते हैं ।01 जब श्वान आपके आदेश मानने लगे (डर से नही स्वेच्छा से) 02 आपके साथ रहने के
एक दिन बिटिया अपने काम से फोर व्हिलर लेकर बाजार में जा रही थी बाहर चेरी ने गाड़ी को पहचान लिया और गाड़ी के पीछे दौड़ती हुई पीछा करने लगी । पत्नी ने घर में आकर बताया कि चेरी ...Read Moreके पीछे पीछे गयी है हम आशंकाओं से घिर गये सोचने लगे ...कहीं सड़क पर दूसरे वाहनों से टकरा गयी तो ? कहीं आवारा डोगो ने काट लिया तो ? मैं झट से चेरी को लाने के लिए निकला ..लेकिन पीछे से पत्नी ने बिटिया को फोन किया कि.. चेरी तुम्हारी गाड़ी के पीछे पीछे गयी है । बेटी ने
मेरी पोस्टिंग अरूणाचल में गच्छम क्षेत्र में थी, रात्रि के लगभग 10 बजे होंगे ..मै तो सो गया था ..क्योकि अरूणाचल में सूर्यास्त जल्दी हो जाता है ..मोबाइल की घंटी बजी..मेरी नीन्द टूटी ..मैने फोन उठाया ..पत्नी की आवाज ...Read Moreथी..अरे राम ..चेरी को क्या हो गया..चेरी !..चेरी ! ..यह क्या हो गया..मै बोला हैलो.. हैलो ..क्या हो गया ? ..पत्नी बोली चेरी कोई जहरीले जानवर को खागयी लगती है यह ..तड़फ रही है ..मै बोला बेटे को उठाओ ! इसे किसी को दिखा के लाओ ।पत्नी बोली पास मे एक पशु चिकित्सक है.. जिनके घर से अपने यहां दूध
सत्य कहूँ तो चेरी को भगवान ने बात करने के लिए जबान नही दी ..बाकि समझती सब थी ..खुशी किसी की भी हो छुप नही सकती ..जानवर जब खुश होते है तो उछल कूद करना, इधर उधर भागना , ...Read Moreमारना यह सब करते हैं .. मौसम सुहावना हो तो मस्ती आ ही जाती है ..एक बार आसमान में बादल छाए हुए थे ..सुहावनी मन्द मन्द हवा चल रही थी ..हमारा खुद का मन भी बाहर जाकर मौसम का लुत्फ उठाने का हो रहा था ..हम बाहर पार्क के पास आकर खड़े हो गये ..मौहल्ले के लोग भी इकट्ठा हो
जिस तरह इंसान को किसी व्यक्ति से अनबन हो जाती है या शत्रुता हो जाती है तो..वह उन सबको शत्रु मानने लगता है जो उस व्यक्ति से संबंध रखते है, उसके मित्र, उसके भाई बहिन, परिवार के अन्य लोग ...Read Moreरिश्तेदार ..वह जब भी उनको देखेगा अंदर ही अंदर कूढता रहेगा । अपने शत्रु के शत्रु को मित्र मानकर उससे व्यवहार करेने लगता है । चेरी मौहल्ले के एक डोगी.. जो वह भी लेब्रा ही था उससे चिड़ती थी ..चिड़ने का कारण उसका सजातीय होना नही था ..क्योकि बाकि लेब्रा डोगी से खेलने का मन उसका होता था । बैर