Main Sautan Nahi Hoon book and story is written by S Sinha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Main Sautan Nahi Hoon is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
मैं सौतन नहीं हूँ - Novels
by S Sinha
in
Hindi Fiction Stories
“ शेखर , हमारी पढ़ाई खत्म हुई और आज हमदोनों को डिग्री भी मिल गयी . इसके बाद न जाने तुम कहाँ होगे और मैं कहाँ रहूंगी . तुम जानते हो हमारा रिश्ता मुमकिन नहीं है . इसलिए अब हमें मजबूरन एक दूसरे से जुदा होना ही पड़ेगा . “
“ खुशबू , मेरी तरफ से ऐसी कोई मजबूरी नहीं है . मैंने अपने मम्मी पापा से बात कर ली है . उन्हें दूसरे धर्म की लड़की से परहेज नहीं है . “
“ पर मेरे मम्मी डैडी को है . दीदी का जो हश्र हुआ मुझे अभी तक याद है . उन्हें भी दूसरे धर्म के लड़के से प्यार हो गया था . पापा का कहना था कि अगर लड़का धर्म बदल दे तो उन्हें यह रिश्ता मंजूर है , वरना विधर्मी से शादी की तो माता पिता के लिए वह मरी समझी जाएगी . दीदी ने भाग कर लव मैरेज तो कर लिया पर उसके बाद आज तक दुबारा घर में कदम नहीं रख सकी . हमने सोचा था कि शायद दी को बच्चा होने पर मम्मी पापा नाती को देख कर अपना विचार बदल देंगे . पर दो दो नन्हें मुन्ने नातियों के फोटो तक देखना उन्हें गंवारा न था . और मुझे मालूम है तुम भी अपना धर्म नहीं बदल सकते हो , इसलिए हमारी लव स्टोरी का यहीं द एन्ड हुआ . “
“ पर अभी कुछ ही दिनों पहले तक तुमने ऐसी कोई बात नहीं की थी और मुझे याद है तुमने भी कहा था कि अपनी दीदी की तरह लव मैरेज कर लोगी . और इसी इरादे के चलते इसी के चलते तुमने खुद को ख़ुशी ख़ुशी मुझे समर्पित भी कर दिया था , याद है न . “
कहानी - मैं सौतन नहीं हूँ “ शेखर , हमारी पढ़ाई खत्म हुई और आज हमदोनों को डिग्री भी मिल गयी . इसके बाद न जाने तुम कहाँ होगे और मैं कहाँ रहूंगी . तुम जानते हो हमारा रिश्ता ...Read Moreनहीं है . इसलिए अब हमें मजबूरन एक दूसरे से जुदा होना ही पड़ेगा . “ “ खुशबू , मेरी तरफ से ऐसी कोई मजबूरी नहीं है . मैंने अपने मम्मी पापा से बात कर ली है . उन्हें दूसरे धर्म की लड़की से परहेज नहीं है . “ “ पर मेरे मम्मी डैडी को है . दीदी का जो
कहानी - मैं सौतन नहीं हूँ डिनर समाप्त होने पर वह बिल ले कर शेखर के टेबल पर गयी . उसी समय मीरा उठ कर वाश रूम जाने लगी . शेखर ने कहा “ तुम्हारे यहाँ का खाना बहुत ...Read Moreथा और तुम्हारी सर्विस भी . यू डिजर्व बिग टिप . “ “ मुझे भी आप टिप दोगे . मुझे टिप नहीं चाहिए . मैं इस होटल की ओनर हूँ , खास लोगों को मैं खुद सर्व करती हूँ . “ “ मैं आपके लिए खास आदमी हूँ , सुन कर अच्छा लगा . मैं एक सप्ताह के लिए श्री
Part - 3 अब तक आपने पढ़ा कि शेखर और खुशबू दोनों अलग धर्म के होने के चलते शादी नहीं कर सके और अलग हो गए . करीब दस वर्षों के बाद जब वे मिलते हैं तो खुशबू ने ...Read Moreको बताया कि उसकी बेटी मीना उनके पहले प्रेम की देन है , अब आगे पढ़ें …. कहानी - मैं सौतन नहीं हूँ ( 3 ) “ सही कह रही हूँ . तुम डरो नहीं तुमसे कोई फेवर नहीं मांग रही हूँ . मेरे पति चल बसे वरना वो रहते तो मीना को देख कर शायद उन्हें मुझ पर शक
Final Part - 4 पिछले अंक में आपने पढ़ा कि शेखर और खुशबू दोनों अलग धर्म के होने के चलते शादी नहीं कर सके और अलग हो गए . शेखर को जब पता चला कि खुशबू की बेटी मीना ...Read Moreदोनों के पहले मिलन की देन है तब उसने मीना को आगे पढ़ने के लिए चेन्नई भेजने की पेशकश की , अब आगे पढ़ें …. कहानी - मैं सौतन नहीं हूँ ( 4 अंतिम भाग ) इस घटना के करीब दो साल बाद कोलंबो के निकट अमूल की मदद से एक डेयरी प्लांट बन रहा था . इत्तफाक से दो