ब्लाइंड डेट - Novels
by Jitin Tyagi
in
Hindi Short Stories
विकास शर्मा गोरखपुर यूनिवर्सिटी से पर्यावरण में अपना मास्टर पूरा करकर, दिल्ली एक NGO में इंटर्नशिप प्रोग्राम करने के लिए आया था। हालांकि दिल्ली में वो पहली बार आया था। पर दिल्ली आने तक और उसके बाद दिल्ली में एडजस्ट होने तक उसे कोई परेशानी नहीं हुई थी। क्योंकि उसके पापा के एक दोस्त ने खुद निजी रूप से उसे पहले स्टेशन पर जाकर रिसीव किया। और बाद में हर जगह साथ में जाकर उसके रहने से लेकर खाने-पीने का इंतज़ाम किया था। वो बात अलग है। इस ज़िम्मेदारी को निभाने के बाद विकास दिल्ली में है। भी या नहीं, इसका संज्ञान लेना उन्होंने जरूरी नहीं समझा था।
विकास को दिल्ली में रहते हुए। एक महीना बीत चुका था। और इस एक महीने में इंटर्नशिप प्रोग्राम ग्रुप के अंदर उसका जो एकमात्र दोस्त बना था। वो राजन था। राजन मूल रूप से दिल्ली का ही रहने वाला था। इसलिए उसे दिल्ली से कुछ ज़्यादा ही प्यार था।
विकास शर्मा गोरखपुर यूनिवर्सिटी से पर्यावरण में अपना मास्टर पूरा करकर, दिल्ली एक NGO में इंटर्नशिप प्रोग्राम करने के लिए आया था। हालांकि दिल्ली में वो पहली बार आया था। पर दिल्ली आने तक और उसके बाद दिल्ली में ...Read Moreहोने तक उसे कोई परेशानी नहीं हुई थी। क्योंकि उसके पापा के एक दोस्त ने खुद निजी रूप से उसे पहले स्टेशन पर जाकर रिसीव किया। और बाद में हर जगह साथ में जाकर उसके रहने से लेकर खाने-पीने का इंतज़ाम किया था। वो बात अलग है। इस ज़िम्मेदारी को निभाने के बाद विकास दिल्ली में है। भी या नहीं,
शनिवार की शामकनॉट प्लेस मैरियन होटल के सामनेसमय; 7:00विकास, ‘क्या पागलपन हैं। क्यों खड़ा कर रखा हैं। यहाँ पर, तूने मुझे…इससे अच्छा तो मैं घर पर कोई फ़िल्म देख लेता आराम से बैठकरराजन, ‘ये ही परेशानी हैं। छोटे शहर ...Read Moreबंदों की, सरप्राइज जैसी चीज़ों में यकीन ही नहीं रखते। हर चीज़ आँखों के सामने चाहिए…. हद हैं।….खैर, अब जब तूने पूछ ही लिया हैं। तो बता देता हूँ। हम यहाँ ब्लाइंड डेट के लिए खड़े हैंविकास, ‘ मतलब आज रात हम अपना टाइम यहाँ गुजारेंगे। वो भी अंधे लोगों को डेट करते देखते हुए। राजन,’ अरे नहीं पागल, हम
आने वाला शनिवार तक विकास ने जो ज़िन्दगी जी वो बेमतलब सी थी। पहले प्यार में मिले धोखे जैसी उसे कुछ होश नहीं था। कि वो क्या कर रहा हैं। वो घर पर होने के वक़्त सड़क पर होता ...Read Moreसड़क पर होने के वक़्त घर पर, लेकिन जो बात सबसे ज्यादा मुख्य थी वो ये थी कि उसने इंटर्नशिप प्रोग्राम में जाना छोड़ दिया था। अगर वो वहाँ आ रहा होता तो शायद राजन को कोई फिक्र नहीं होती, लेकिन जब वो नहीं आया तो पाँच दिन बाद शुक्रवार की रात को राजन, विकास के कमरे पर उसका हालचाल