Haadsa aur Paheli book and story is written by S Sinha in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Haadsa aur Paheli is also popular in Fiction Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
हादसा और पहेली - Novels
by S Sinha
in
Hindi Fiction Stories
डोर बेल की आवाज सुन कर शांता ने अपनी कामवाली से कहा ¨ लक्ष्मी , जरा देख तो इस गर्मी की दोपहर में कौन आया है ? जरा देख कर दरवाजा खोलना . ¨
दरवाजा खोलते ही लक्ष्मी ने कहा ¨ छोटे बाबा आप , आईये . ¨
¨ कौन नितिन आया है क्या ? “
¨ हाँ , मांजी छोटे बाबा ही हैं ¨
नितिन ने पहले अपने सामान को अंदर रखा फिर माँ के पैर छूते हुए हंस कर कहा ¨ मम्मा , इसे सिखाओ . मुझे छोटे बाबा न कहा करे . ¨
¨ ये क्या , फिर तू अपने सामान के साथ आया है ? इसका क्या मतलब है ? ¨
¨ इसका मतलब है मैं अब तुम्हारे पास रहूँगा मम्मा . ¨
¨ वो तो ठीक है , इस बार क्या हुआ ? फिर कामिनी से झगड़ा हुआ है ? ¨ मैंने तो पहले ही कहा था वह लड़की जरूरत से ज्यादा स्मार्ट और महत्त्वाकांक्षी है . तुम्हारी उससे ज्यादा दिन निभेगी नहीं . ¨
कहानी - हादसा और पहेली डोर बेल की आवाज सुन कर शांता ने अपनी कामवाली से कहा ¨ लक्ष्मी , जरा देख तो इस गर्मी की दोपहर में कौन आया है ? जरा देख कर दरवाजा खोलना . ¨ ...Read Moreखोलते ही लक्ष्मी ने कहा ¨ छोटे बाबा आप , आईये . ¨ ¨ कौन नितिन आया है क्या ? “ ¨ हाँ , मांजी छोटे बाबा ही हैं ¨ नितिन ने पहले अपने सामान को अंदर रखा फिर माँ के पैर छूते हुए हंस कर कहा ¨ मम्मा , इसे सिखाओ . मुझे छोटे बाबा न कहा करे .
Part - 2 : पिछले भाग में आपने पढ़ा कि शुभ्रा नितिन के घर में पेइंग गेस्ट बन कर रह रही थी . एक रात जब दोनों अकेले थे एक हादसे में बहुत कुछ बदल गया …. कहानी - ...Read Moreऔर पहेली 2 इत्तफाक से उसी रात शुभ्रा को लौटने में भी देर हुई . लगभग ग्यारह बज रहे थे . नितिन बालकनी में बैठा था , उसे भी नींद नहीं आ रही थी . शुभ्रा टैक्सी से उतरी , उसे पैसे देकर लड़खड़ाते कदमों से घर की तरफ बढ़ी . नितिन दरवाजा खोल कर पहले से ही खड़ा था
. अंतिम भाग - 3 : पिछले भाग में आपने पढ़ा कि उस रात के हादसे के बाद जब पहली बार शुभ्रा और नितिन दोनों मिले तब शुभ्रा की बातें सुन कर नितिन कुछ डर सा गया था , ...Read Moreआगे पढ़ें .... कहानी - हादसा और पहेली 3 नितिन को खामोश देख कर वह बोली ¨ अगर तुम्हें शक है तो तुम पैटर्निटी टेस्ट करा सकते हो . फिर तुम्हें शक करने की कोई गुंजाइश न रहेगी . वैसे ऐसे किसी टेस्ट से मेरा कोई लेना देना नहीं है . नेहा को पापा का भरपूर प्यार मिला है .