Wo Tum the ??? book and story is written by Darshana in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Wo Tum the ??? is also popular in Horror Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
वो तुम थे??? - Novels
by Darshana
in
Hindi Horror Stories
सर सर्र की आवाज़ से तूफानी हवाओं की बढ़ती गति से और काले बादलों में चांद के बार बार छिप जाने से माहौल और डरावना हो गया है। चांद के साथ जैसे रात को भी ग्रहण लग गया है। न्यूज़ में साफ चेतावनी दी जा रही है कि सभी घर पर रहे क्योंकि मौसम बहुत तेजी से खराब हो रहा है। इस न्यूज़ को देखकर हर किसी के इस माहौल में रोंगटे खड़े हो जाएं। कोई घर से बाहर ना जाए। पर रोंगटे के भी रोंगटे खड़े कर दे ऐसी हिम्मत इस कहानी में रखने वाली सिर्फ एक है और
सर सर्र की आवाज़ से तूफानी हवाओं की बढ़ती गति से और काले बादलों में चांद के बार बार छिप जाने से माहौल और डरावना हो गया है। चांद के साथ जैसे रात को भी ग्रहण लग गया है। ...Read Moreमें साफ चेतावनी दी जा रही है कि सभी घर पर रहे क्योंकि मौसम बहुत तेजी से खराब हो रहा है। इस न्यूज़ को देखकर हर किसी के इस माहौल में रोंगटे खड़े हो जाएं। कोई घर से बाहर ना जाए। पर रोंगटे के भी रोंगटे खड़े कर दे ऐसी हिम्मत इस कहानी में रखने वाली सिर्फ एक है और
खौफ़ की रात में अगर अपनों का साथ हो तो वो आसानी से कट जाती है। पर सोचिए अगर किसी का नाता ही इस खौफ की रात से हो तो क्या होगा??? इस कहानी में अब दस्तक दे रहा ...Read Moreइस कहानी का साया समीर........। हवा के झोंके के साथ जब समीर आता है तो उसके आने पर पेड़ो से पत्ते गिर जाते है। पंछी भी अपने घोसलो में अपना मुंह छिपाते है, सांप भी अपने बिल में वापिस लौट जाते है। लेकिन?? जब वो शिवल्या की जिंदगी में आने को है तो शिवल्या की जिंदगी कैसे उथल पुथल से
जंगल के सामने गाड़ी खराब हो जाने पर शिवल्या और विक्रम दोनों ही परेशान है पर दूसरी तरफ समीर खुश है ये सोचकर की आज उसका दिन है। विक्रम गाड़ी से बाहर निकलकर नज़रे घुमाता है कि कहीं कोई ...Read Moreकी दुकान दिख जाएं पर कोई दुकान नहीं दिखती। शिवल्या भी कुछ समय बाद कार से बाहर निकल कर कोई दुकान ढूंढती है पर बड़े बड़े पेड़ो के सिवा कुछ नहीं दिखता। दोनों ही कुछ समय में हार ही मान लेते है कि तभी एक काला कम्बल लपेटे एक बूढ़ा आदमी लालटेन लाता हुआ उन्हें दिखाई देता है जिसे देखकर
आगाज़ हो रहा है मिलने का..... सालो से रुके समय के हिलने का... शिवल्या और विक्रम दोनों ही उस बूढ़े आदमी के साथ जंगल में घुस जाते है। थोड़ी देर चलने पर ही एक पुराने मंदिर की आकृति और ...Read Moreदूर से ही नज़र आ रही होती है। उस मंदिर को देखकर ना जाने कुछ धुंधली यादे शिवल्या को दिखाई और सुनाई देने लगती है, जैसे एक लड़की की बुलंदी से कहती हुई आवाज़ कि हम अपना कर्तव्य निभाएंगे?? और फिर से वही आवाज़ कि तुम्हारे लिए हम अपना कर्म स्थान छोड़ रहे है पर अपने कर्तव्य से चूकेंगे नहीं!!!
शिवल्या के चेहरे की लाल सुर्खीयत देखकर विक्रम उससे पूछता है:- हम यहां कैसे आए शिवी? जरूर तुम लेकर अाई हो ना!! शिवल्या मन ही मन :- क्या फनी ️ बात कर रहा है विक्रम। पहले मुझे यहां लेकर ...Read Moreहै फिर शायरी सुनाता है और फिर अब फिल्मी हीरो की तरह मज़ाक कर रहा है। ठीक है अगर वो मज़ाक कर सकता है तो मै क्यों नहीं?? विक्रम चुटकी बजाते हुए:- यार....... क्या खोने का डिपार्टमेंट पूरे वर्ल्ड में तुमने ही लेे रखा है क्या शिवी। शिवल्या:- नहीं वो तो मै नहीं जानती।। पर fool बनाने का डिपार्टमेंट किसने