प्यार के लिए - Novels
by Ashish Kumar Trivedi
in
Hindi Love Stories
(1) सुज़ैन की कैब अपार्टमेंट में दाखिल हुई। उसने सीट पर पड़ा अपना बैग निकाला। पेमेंट करके लिफ्ट की तरफ बढ़ गई। लिफ्ट से अपने फ्लोर पर पहुँच कर उसने फ्लैट का दरवाज़ा खोला। दरवाज़ा खुलते ही जैसे भावनाओं ...Read Moreएक तूफान सा उमड़ पड़ा। आँखों से आंसू बहने लगे। एक हफ्ते के बाद वह घर लौटी थी। वह निढाल सी सोफे पर लेट गई। फ्लैट की शांति में बीते समय की ना जाने कितनी आवाज़ें सुनाई पड़ने लगीं। धीरे धीरे उन आवाज़ों ने रूप ले लिया। अब अतीत की घटनाएं किसी फिल्म की तरह उसके सामने घटित हो रही
(1) सुज़ैन की कैब अपार्टमेंट में दाखिल हुई। उसने सीट पर पड़ा अपना बैग निकाला। पेमेंट करके लिफ्ट की तरफ बढ़ गई। लिफ्ट से अपने फ्लोर पर पहुँच कर उसने फ्लैट का दरवाज़ा खोला। दरवाज़ा खुलते ही जैसे भावनाओं ...Read Moreएक तूफान सा उमड़ पड़ा। आँखों से आंसू बहने लगे। एक हफ्ते के बाद वह घर लौटी थी। वह निढाल सी सोफे पर लेट गई। फ्लैट की शांति में बीते समय की ना जाने कितनी आवाज़ें सुनाई पड़ने लगीं। धीरे धीरे उन आवाज़ों ने रूप ले लिया। अब अतीत की घटनाएं किसी फिल्म की तरह उसके सामने घटित हो रही
(2) सुज़ैन एड्रियन के बेड के पास बैठी थी। वह जानती थी कि एड्रियन कोई प्रतिक्रिया नहीं देगा। फिर भी उससे बातें कर रही थी। उसने एड्रियन से कहा, "तुमने तो मुझे इतने सारे सपने दिखाए थे। कहते थे ...Read Moreजब मैं देश का माना हुआ सिंगिंग स्टार बनूँगा तब तुम्हारे लिए गोवा में एक खूबसूरत सा घर खरीदूँगा। अब तो तुम जल्दी ही सिंगिंग स्टार बनने वाले थे। फिर हॉस्पिटल के बेड पर आकर क्यों लेट गए।" यह सवाल पूछते हुए सुज़ैन भावुक हो गई। उसकी आँखों में आंसू आ गए रोते हुए बोली, "तुम्हें इस तरह देखकर कुछ
(3) सुज़ैन अपने पापा के घर जा रही थी। उसके मन में बहुत सी बातें चल रही थीं। उसका पहली बार एड्रियन से मिलना। उनके बीच प्यार होना। उसके पापा का नाराज़ होना सबकुछ जैसे दोबारा उसके सामने घटित ...Read Moreरहा था। चर्च की तरफ से एक चैरिटी कॉन्सर्ट आयोजित किया गया था। सुज़ैन अपने पापा फिलिप गोम्ज़ के साथ कॉन्सर्ट सुनने गई थी। चर्चा थी कि एक नया उभरता हुआ सिंगर कॉन्सर्ट में गाने वाला है। सुज़ैन इस नए सिंगर को सुनने के लिए उत्सुक थी। कॉन्सर्ट शुरू हुआ तो एक खूबसूरत लंबा नौजवान स्टेज पर आया। अपने लंबे
(4) सुज़ैन ने अपना फैसला डॉ. प्रवेश दबस को सुना दिया था। डॉ. प्रवेश दबस गंभीर थे। वह कुछ सोच रहे थे। कुछ पलों के बाद उन्होंने कहा, "सुज़ैन फैसला लेने का आपको अधिकार है। हॉस्पिटल उस फैसले को ...Read Moreकरेगा।" उन्होंने सुज़ैन की तरफ देखकर कहा, "लेकिन एक डॉक्टर होने के नाते मैं कह सकता हूँ कि आपने जिस उम्मीद में यह फैसला लिया है वह पूरी नहीं होगी। आपने जिन लोगों के बारे में बताया है उनका केस चमत्कार था। पर यहाँ चमत्कार की उम्मीद नहीं है।" "क्यों ? अगर ऐसा हुआ है तो एड्रियन के साथ भी
(5) सुज़ैन की आँख खुली तो साइड टेबल पर रखी एड्रियन की तस्वीर पर नज़र गई। तस्वीर में उसकी खूबसूरत मुस्कुराहट दिखाई पड़ रही थी। उसकी आँखों में चमक दिखाई पड़ रही थी। ऐसा लग रहा था कि जैसे ...Read Moreचमक अंदर की जिजीविषा की है। सुज़ैन लेटे हुए उस तस्वीर को निहारने लगी। उस तस्वीर को निहारते हुए बोली, "ग्रेस आंटी का कहना है कि तुम इस तरह हॉस्पिटल के बेड पर पड़े ज़िंदगी जीना नहीं चाहते हो। डॉ. प्रवेश दबस का कहना है कि कोई उम्मीद नहीं है। पर मुझे लगता है कि तुम किसी भी हालत में