Piya Basanti re book and story is written by Saroj Prajapati in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Piya Basanti re is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
पिया बसंती रे! - Novels
by Saroj Prajapati
in
Hindi Love Stories
भाग-1 छुट्टी का दिन था। खुशी अपने टेरेस गार्डन में पौधों की निराई गुड़ाई में लगी हुई थी। चंपा का पौधा जो उसने सर्दियों से पहले लगाया था। बसंत का मौसम आते ही उसमें व उसके साथ साथ दूसरे पौधों में नई नई कोंपले फूटने लगी थी। पुराने पत्ते झड़ गए थे और उनकी जगह नए चिकने हरे पत्तों ने ले ली थी। खुशी को इन पौधों के साथ समय बिताकर बहुत ही सुकून मिलता था। बसंत के मौसम ने फूल पत्तों पर एक अलग ही आभा बिखेर दी थी। कल तक जो पौधे उदासी की चादर ओढ़े हुए थे।
भाग-1 छुट्टी का दिन था। खुशी अपने टेरेस गार्डन में पौधों की निराई गुड़ाई में लगी हुई थी। चंपा का पौधा जो उसने सर्दियों से पहले लगाया था। बसंत का मौसम आते ही उसमें व उसके साथ साथ दूसरे ...Read Moreमें नई नई कोंपले फूटने लगी थी। पुराने पत्ते झड़ गए थे और उनकी जगह नए चिकने हरे पत्तों ने ले ली थी। खुशी को इन पौधों के साथ समय बिताकर बहुत ही सुकून मिलता था। बसंत के मौसम ने फूल पत्तों पर एक अलग ही आभा बिखेर दी थी। कल तक जो पौधे उदासी की चादर ओढ़े हुए थे।
भाग-2 5 घंटे के लंबे ऑपरेशन के बाद आखिर खुशी को इस बीमारी से निजात दिलाने में उन्होंने सफलता पाई। खुशी के मां-बाप की तो मानो खोई हुई सांसे वापस आ गई हो। वह दोनों हाथ जोड़ डॉक्टर्स का ...Read Moreकरते ना थक रहे थे। डॉक्टर ने कहा "यह सब आपकी दुआओं का फल है हमने तो बस अपना काम किया। हां देखिए, ऑपरेशन बड़ा था। जिसके कारण इसके पेट पर काफी टांके आए हैं और हां अब दर्द तो नहीं लेकिन भविष्य में कभी कभार थोड़ा बहुत दर्द हो सकता है। इसलिए आप आगे कोई लापरवाही ना करें। इसकी
भाग-3 "आप कहना क्या चाहती हो। साफ-साफ कहो। पहेलियां मत बुझाओ!" "पहली बात तो यह है कि 8 साल पहले मेरे पेट में पस (मवाद) पड़ गई थी जिसका एक बहुत ही बड़ा ऑपरेशन हुआ और डॉक्टर ने कहा ...Read Moreभविष्य में वह दर्द कभी भी उठ सकता है।" "देखिए दुख, तकलीफ और बीमारी पर किसी का जोर नहीं। अब भविष्य में मुझे क्या हो जाए, इसकी क्या गारंटी है। यह तो कोई दाग नहीं हुआ।" लड़का अपनी बात रखते हुए बोला। "दाग है! वह ऑपरेशन इतना बड़ा था कि मेरा पेट बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। उस
भाग-4 " ऐसे कैसे चल दिए भाईसाहब! मुंह तो मीठा कराइए। आज से आपकी बेटी हमारी हुई। हमें यह रिश्ता मंजूर है!!" यह वाक्य सुनते हैं, खुशी के पापा के कदम वही ठिठक गए!! "क्या ! क्या कहा आपने!!" ...Read Moreहम सबको आपकी बेटी बहुत पसंद है और हम जल्द से जल्द आपकी बेटी को बहू बनाकर अपने घर ले जाना चाहते हैं!" सिद्धार्थ के पापा हंसते हुए बोले। "सच! सच कह रहे हो भाई साहब आप! सब कुछ जानते हुए भी! !!!! आप नहीं जानते, आपने कितना बड़ा उपकार किया है हम पर। " खुशी के पापा उनके सामने