दुल्हन का हत्यारा - Novels
by ravindra thawait
in
Hindi Thriller
सिर कटी दुल्हनकेशलपुर थाना इंचार्ज विजय प्रताप,एक फाइल में उलझे हुए थे। उसके माथे की शिकन बता रही थी कि वह बेहद परेशान है। वह फाइल का पन्ना पलट पलट कर देखते हुए लगातार माथा खुजला रहा था। इसी ...Read Moreसामने मेज में रखी हुई टैलीफोन की घंटी ने उसका ध्यान भंग किया। इंस्पेक्टर ने टेलीफोन को घूरते हुए,हाथ आगे बढ़ा कर रिसिवर उठाया और माउथपीस को मुंह के समीप लाते हुए कहा हैला,केशलापुर थाना से प्रभारी विजय प्रताप सिंह। इतना सुनते ही दूसरी ओर से एक हड़बड़ाई हुई आवाज विजय को सुनाई दी - साहब,यहां केशला घाट में एक
सिर कटी दुल्हनकेशलपुर थाना इंचार्ज विजय प्रताप,एक फाइल में उलझे हुए थे। उसके माथे की शिकन बता रही थी कि वह बेहद परेशान है। वह फाइल का पन्ना पलट पलट कर देखते हुए लगातार माथा खुजला रहा था। इसी ...Read Moreसामने मेज में रखी हुई टैलीफोन की घंटी ने उसका ध्यान भंग किया। इंस्पेक्टर ने टेलीफोन को घूरते हुए,हाथ आगे बढ़ा कर रिसिवर उठाया और माउथपीस को मुंह के समीप लाते हुए कहा हैला,केशलापुर थाना से प्रभारी विजय प्रताप सिंह। इतना सुनते ही दूसरी ओर से एक हड़बड़ाई हुई आवाज विजय को सुनाई दी - साहब,यहां केशला घाट में एक
सुबह के 9 बजे थे। सुजॉय घोष इस समय अपने घर मे बने छोटे से जिम से कसरत कर निकले ही थे। शरीर पसीना से लथपथ था। कंधे में एक नीले रंग का टॉवल था। चेहरे को पोछते हुए,दर्पण ...Read Moreसामने खड़ा हुआ था। इसी समय उसकी मोबाइल की घण्टी बजी। सुजॉय ने अपने निक्कर के जेब मे हाथ डाल कर मोबाइल निकाला और स्क्रीन पर एक नजर डालते हुए बड़बड़ाया - हुजूर आते आते बहुत देर कर दी। मोबाइल को कान में लगाते हुए सुजॉय ने कहा - गुड मॉर्निंग सर। दूसरी ओर से आ रही आवाज को सुनकर
सुजॉय,इस समय तेजी से अपने समान समेट रहा था। वह जल्दी से अपने सरकारी मकान को खाली कर अपने घर नादिया लौट जाना चाहता था। यहां,उसकी बड़ी पैतृक संपत्ति थी। पिता और भाई का बड़ा कपड़े का कारोबार था। ...Read Moreमें भर्ती वह अपने सोच को साकार रूप देने के लिए हुआ था की न्याय और अपराध में जीत हमेशा न्याय की होती है। इसी समय,दरवाजे पर दस्तक की आवाज सुनकर वह चौका। आगे बढ़ कर दरवाजा खोला तो उसने सामने एसपी अजित मेनन को खड़ा पा कर हड़बड़ा गया। उसने जल्दी से सेल्यूट मारते हुए पूछा - स सर,आप
विधायक और भीड़ को विदा करने के बाद एसपी मेनन और घोष,वापस चैंबर में लौटे। घोष ने एसपी से घटना स्थल से बरामद किए गए समान को देखने का अनुरोध किया। एसपी के इशारे पर इंस्पेक्टर विजय जब्त किए ...Read Moreसमानों के लेकर आया। सभी समान चार अलग अलग पैकेट में बन्द थे।हाथ मे दस्ताने पहन,घोष ने एक एक समान को गौर से देखा। समान को वापस पैकेट में रखते हुए,घोष ने कहा - सर,मैं विपतपुर जाना चाहूंगा। जहां की ये चौथी मृतिका शालिनी रहने वाली थी। फिर उसने विजय से पूछा - मृतिका के परिजनों का बयान हो पाया?
सुजाय घोष,इस समय एसपी मेनन और इंस्पेक्टर विजय प्रताप के साथ वन विभाग के विश्राम गृह के लान में बैठा हुआ था। एसपी को विपतपुर में की गई जांच का विवरण दे रहा था।सर,शालिनी की हत्या का मामला और ...Read Moreउलझ गया है। विपतपुर में उसके ससुराल के फार्म हाउस,जहां से वह गायब हुई थी। वहां हमें जो सबूत मिलें हैं,वह उसके पति राजेश के खिलाफ हैं। एसपी मेनन ने चौकते हुए कहा - क्या मतलब घोष? शालिनी की हत्या राजेश ने की है? घोष ने कहा - नहीं सर। जब मैं फार्म हाउस के बेडरूम की तलाशी ले रहा
केशला घाट में पुलिस का कड़ा पहरा था। घाट के दोनों छोर में पुलिस का बेरियर लगा दिया गया था। हर आने जाने वाले वाहनों की तलाशी ली जा रही थी। एसपी अजित मेनन के साथ सुजॉय घोष,भैरव पहाड़ ...Read Moreबेरियर में उसने आने जाने वाली गाड़ियों की लिस्ट खंगाली। लेकिन उसे कहीं भी,एम्बुलेंस की एंट्री नही दिखी। उसने पास खड़े हुए सिपाही से पूछा - इस घाटी को पार करने का कोई दूसरा रास्ता है क्या? सिपाही ने न में उतर देते हुए कहा - सर, फोर व्हीलर तो छोड़िये,बाइक तक,इसके अलावा कहीं से पार नहीं हो सकती है।
इंस्पेक्टर विजय प्रताप विमला देवी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल पहुँचा। रिसेप्शन पर अस्पताल के प्रबंशक डॉक्टर अजय चेतलानी के पास पहुँचा। डॉक्टर चेतलानी इस पतले दुबले शरीर का मालिक था। इस समय उसके शरीर मे सफेद रंग का ओवर कोट ...Read Moreकंधे में स्टेथेस्कोप लटक रहा था। नाक में एक पावर चश्मा टिकी हुई थी। देखने मे वह पूरी तरह से किसी पुरानी फ़िल्म का कमेडियन लग रहा था। इंस्पेक्टर विजय उसे ऊपर से नीचे गौर से देखे जा रहा था। इंस्पेक्टर को अपनी ओर इस तरह से देखता हुआ पाकर,असहज होते हुए डॉक्टर चेतलानी ने कहा - इस तरह से
वन विभाग के विश्राम गृह में इस समय एसपी,डीएसपी घोष,इंस्पेक्टर विजय की बातों को सुन रहे थे। विमला देवी अस्पताल में हुई पूरी घटना और हासिल हुई जानकारी का ब्यौरा देने के बाद इंपेक्टर विजय ने सीसीटीवी फुटेज की ...Read Moreऔर उससे हासिल हुई कुछ तस्वीरों का प्रिंट सामने रखा। तस्वीरों को उठा कर,घोष उसे देखने लगा। बहुत शातिर है। हत्यारे को इस बात की अच्छे से खबर है कि अस्पताल में सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है। इसलिए,उसने हुलिया बदल रखा है। तस्वीरों को देखते हुए घोष ने कहा। लेकिन अपना कद काठी नही छिपा सका। इस फुटेज से हमें
सब इंस्पेक्टर लवलीना,आठनेर पहुँची। यहां,मृतक अनिल सालगांवकर का घर,डीसेंट कालोनी में स्थित था। घर के मुख्य द्वार पर इस समय ताला लटक रहा था। घर की हालत देख कर लग रहा था,कई सालों से यह बन्द था। लवलीना ने ...Read Moreवाले घर मे झांका। सामने लगे हुए नेम प्लेट पर देव लाल सिन्हा लिखा हुआ था। उसने काल बेल दबाया। कुछ देर बाद एक लगभग 50 साल की महिला ने दरवाजा खोला। सामने,अपरिचित चेहरे को देख कर महिला ने कहा - जी कहिए?लवलीना ने कहा - जी मेरा नाम लवलीना है। मैं मुंबई से अपनी सहेली मालिनी सालगांवकर से मिलने