Jalan book and story is written by Ashwajit Patil in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Jalan is also popular in Detective stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
जलन (रहस्य रोमांच कथा ) - Novels
by Ashwajit Patil
in
Hindi Detective stories
आलीशान बंगले के सामने दो हजार वर्ग फुट तक फैले आलीशान लॉन के बीचो-बीच घास पर साक्षी मृतावस्था में पड़ी हुई थी. इन्स्पेक्टर यशोमी लाश का मुआयना करने नीचे बैठी. यशोमी ने लाश के करीब बैठकर चारों ओर नजरे दौड़ायी. लॉन में काफी लाइटिंग की हुई थी. एक कोने में बार काउन्टर बना हुआ था तो उससे थोड़ी दूरी पर पूरी सजावट के साथ मखमली कपड़े से आच्छादित टेबल पर वेज-नॉन-वेज खाना बर्तनों में रखा हुआ था जिसमें कई तरह के पकवान रखे हुए थे. लॉन में यहां वहां कुछ बोतले, गिलास, और प्लेटे बिखरी हुई थी. लाश के थोड़ा करीब ही एक गोल मेज पर बड़ा सा केक तकरीबन आधा कटा हुआ रखा था.
लॉन में थोड़ी-थोड़ी दूरी पर लोग तीन-तीन, चार-चार का ग्रुप बनाकर खड़े एकदूसरे से कानाफूसी कर रहे थे. लाश के मुंह से झाग निकलकर उसके कानों तक फैला हुआ था. शरीर का रंग हलका नीला हो गया था. स्पष्ट लग रहा था कि साक्षी की मौत जहर से हुई है.
यशोमी लाश का मुआयना करने के बाद अपने घुटनों पर हाथों का जोर देते हुए उठ कर सीधे खड़ी हो गई और एक सरसरी निगाह सभी लोगों पर डालते हुए बोली, “मुझे किसने फोन किया था”.
यशोमी से थोड़ी ही दूरी पर उसके एकदम सामने खड़ा एक आदमी एक कदम आगे बढ़ाता हुआ आगे आया और बोला, “मैडम मैंने ही आपको कॉल किया था”
आलीशान बंगले के सामने दो हजार वर्ग फुट तक फैले आलीशान लॉन के बीचो-बीच घास पर साक्षी मृतावस्था में पड़ी हुई थी. इन्स्पेक्टर यशोमी लाश का मुआयना करने नीचे बैठी. यशोमी ने लाश के करीब बैठकर चारों ओर नजरे ...Read Moreलॉन में काफी लाइटिंग की हुई थी. एक कोने में बार काउन्टर बना हुआ था तो उससे थोड़ी दूरी पर पूरी सजावट के साथ मखमली कपड़े से आच्छादित टेबल पर वेज-नॉन-वेज खाना बर्तनों में रखा हुआ था जिसमें कई तरह के पकवान रखे हुए थे. लॉन में यहां वहां कुछ बोतले, गिलास, और प्लेटे बिखरी हुई थी. लाश के थोड़ा
अब तक आपने पढ़ा – साक्षी का उसके जन्मदिन के पार्टी में खून हो जाता है. इन्सपेक्टर यशोमी साक्षी की मां मालती, उसका भाई आरूप, बहन रूपल से सवाल जवाब करते हुए साक्षी के मर्डर केस को सुलझाने की ...Read Moreकर रही है अब आगे….. थोड़ी ही देर में दामले घर की नौकरानी को बुला लाया. वह साठ साल की बूढ़ी औरत थी. पर अब भी उसका शरीर सीधा और चालीस साल के औरत की तरह गठीला था. यशोमी ने उसे अपने सामने बिठाकर सवाल करने शुरू किये. नौकरानी को उस घर में सभी अम्मा कहते थे. वह अपने