Kahaniyon Ka Rachna Sansar book and story is written by Dr Yogendra Kumar Pandey in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kahaniyon Ka Rachna Sansar is also popular in Short Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कहानियों का रचना संसार - Novels
by Dr Yogendra Kumar Pandey
in
Hindi Short Stories
रवि एक रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स में सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी करता है। यह एक बड़ी रहवासी सोसायटी है जो शहर के बाहरी हिस्से में है ।रवि तथा उसके दो अन्य साथी 24 घंटे शिफ्टवाईज ड्यूटी पर रहते हैं। सुरक्षा गार्ड की ड्यूटी बड़ी मुश्किल है। कौन जा रहा है और कौन आ रहा है, इसकी एंट्री गेट पर रखे रजिस्टर में करनी होती है। प्रायःरवि की ड्यूटी नाइट में ही लगती है।चाहे सर्दी हो या गर्मी या फिर मूसलाधार बारिश , इन सुरक्षाकर्मियों को अपनी ड्यूटी करनी होती है। कहने को तो वह सुरक्षा गार्ड है ।गश्त लगाता है,लेकि
रवि एक रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स में सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी करता है। यह एक बड़ी रहवासी सोसायटी है जो शहर के बाहरी हिस्से में है ।रवि तथा उसके दो अन्य साथी 24 घंटे शिफ्टवाईज ड्यूटी पर रहते हैं। सुरक्षा गार्ड ...Read Moreड्यूटी बड़ी मुश्किल है। कौन जा रहा है और कौन आ रहा है, इसकी एंट्री गेट पर रखे रजिस्टर में करनी होती है। प्रायःरवि की ड्यूटी नाइट में ही लगती है।चाहे सर्दी हो या गर्मी या फिर मूसलाधार बारिश , इन सुरक्षाकर्मियों को अपनी ड्यूटी करनी होती है। कहने को तो वह सुरक्षा गार्ड है ।गश्त लगाता है,लेकिन सुरक्षा के
कहानी कहानी क्वॉरेंटाइन कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन की खबरों से वृंदा परेशान रहने लगी है। उसका बेटा तुषार अपनी कंपनी की ओर से काम के सिलसिले में दुबई गया हुआ था कि 21 दिनों के लिए जैसे सब ...Read Moreथम जाने की घोषणा हुई। बहू मालती पर इस खबर का कोई असर ही नहीं हुआ।मानो उसे पहले से ही आभास था कि ऐसा होने जा रहा है।-सुन रही हो बहू!लॉकडाउन के कारण तुषार भारत नहीं लौट पाएगा।-हाँ माँ जी! पर आप चिंता मत करो।वे कंपनी के होटल में ठहरे हैं और पूरी व्यवस्था है वहां।-फिर भी परदेस तो परदेस
नयी बहू डोला परिछन के बाद नयी बहू के रूप में ससुराल पहुंचने वाली रामेश्वरी को ससुराल वालों ने हाथों हाथ लिया।मुंह दिखाई के लिए मोहल्ले की औरतों की भीड़ लग गई। यूनिवर्सिटी से एमएससी अंतिम वर्ष की परीक्षा ...Read Moreचुकी रामेश्वरी के बारे में पहले से ही लोगों को ज्ञात था कि पढ़ी लिखी बहू आ रही है। सुंदर नाक, नक्श और गौरवर्णा रामेश्वरी को देखकर औरतें उसकी सास से कहती ‘बहुत चुनकर बहू लाई हो फूलबती' 'तुम्हारी बहू तो बड़ी सुंदर है' 'बातचीत में भी व्यावहारिक है।' अपनी बहू की ऐसी प्रशंसा सुनकर फूलवती खुश हो जाती। यह
राधे कृष्ण साथ तेरा मेरा मथुरा जाते हुए श्री कृष्ण ने राधाजी से भेंट की।वृंदावन में कृष्ण के जाने से पूर्व ही जैसे सब कुछ उदास हो गया हो। यहां के नर- नारी,वृंदावन की लताएं और यहां तक कि ...Read Moreसब उदास हैं।कालिंदी का जल भी मानो ठहर गया हो।आज वृंदावन और ब्रज क्षेत्र में श्री कृष्ण की सुमधुर बांसुरी की भी आवाज नहीं गूंज रही है,लेकिन इस नीरवता में भी एक अद्भुत राग है।श्रीकृष्ण भले यहां वापस न लौटने वाले हों,उनकी बांसुरी से निकली मोहक तान जो आज भी वायुमंडल में व्याप्त है और जिसने समस्त ब्रज वासियों को
माता सीता के बिना(ऐतिहासिक फिक्शन: भगवान राम ,भगवान विष्णु के अवतार होने के साथ-साथ भारत के प्रेरक इतिहास पुरुष भी हैं।यह कथा भारतीय इतिहास के भगवान राम व माता सीता के रामायण काल की है।) माता सीता अभी कुछ ...Read Moreपहले ही धरती में समाई हैं।लव और कुश की रुलाई नहीं रुक रही है।महल में अपने निज कक्ष में आकर भी भगवान राम बार-बार लव-कुश को गले लगाते हैं।ढाढ़स बंधाते हैं लेकिन वे दोनों बार-बार ‘मां को वापस लाओ’ ‘मां तुम कहां चली गई’ ‘पिताश्री, हमें हमारे गुरु वाल्मीकि के आश्रम में छोड़ दो’ इस तरह की रट लगाए हुए