Kahaani ya Sach ? book and story is written by Arvind Meghwal in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Kahaani ya Sach ? is also popular in Thriller in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
कहानी या सच ? - Novels
by Arvind Meghwal
in
Hindi Thriller
इंस्पेक्टर सुखी सुबह के 6 बजे शुख की नींद में थे, कि अचानक उनके मोबाइल की रिंग बजी..आँखें मलते हुए..हाथ में मोबाइल लेकर बोले “नाम सुखी है लेकिन दुनिया शुख से रहने नहीं देती..इस मोबाइल की घंटी ने..जिंदगी का घंटा बजा रखा है”..
मोबाइल पर उन्हें एरिया के बाहरी इलाके में मर्डर की इनफार्मेशन मिली..कुछ ही देर में मर्डर स्पॉट पर पुलिस के बड़े अधिकारी भी पहुँच रहे थे..क्यों कि ये हाई प्रोफाइल केस था..और जिन लोगो का मर्डर हुआ..वे नामी व्यक्ति थे..
आम व्यक्ति और नामी व्यक्ति की सुख सुविधा..उनकी स्पेशल ट्रीटमेंट में अन्तर ..जिन्दा रहते ही नहीं ..मौत के बाद भी दिखता है.. ..नामी व्यक्ति की मौत भी स्पेशल तौर तरीके से ली जाती है..
बड़े अधिकारीयों ने सब विजिट करने के बाद..इंस्पेक्टर सुखी से..डिटेल इनफार्मेशन साम तक चाहिये..ऐसा आर्डर दे कर चले गए..
इंस्पेक्टर सुखी “जितना टाइम आज तक मर्डर केस सोल्व करने में लगाया है ..उसका आधा समय भी लड़की खोजता तो शादी हो गयी होती मेरी” अपनी गर्दन हिलाते हुए मन ही मन सोच रहे थे..
इंस्पेक्टर सुखी सारी डिटेल के साथ अपने सीनियर ऑफिसर के पास पहुँचे..
सीनियर ऑफिसर ”दोनों मर्डर की इनिशियल इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट क्या है”
इंस्पेक्टर सुखी सुबह के 6 बजे शुख की नींद में थे, कि अचानक उनके मोबाइल की रिंग बजी..आँखें मलते हुए..हाथ में मोबाइल लेकर बोले “नाम सुखी है लेकिन दुनिया शुख से रहने नहीं देती..इस मोबाइल की घंटी ने..जिंदगी का ...Read Moreबजा रखा है”..मोबाइल पर उन्हें एरिया के बाहरी इलाके में मर्डर की इनफार्मेशन मिली..कुछ ही देर में मर्डर स्पॉट पर पुलिस के बड़े अधिकारी भी पहुँच रहे थे..क्यों कि ये हाई प्रोफाइल केस था..और जिन लोगो का मर्डर हुआ..वे नामी व्यक्ति थे..आम व्यक्ति और नामी व्यक्ति की सुख सुविधा..उनकी स्पेशल ट्रीटमेंट में अन्तर ..जिन्दा रहते ही नहीं ..मौत के बाद
इंस्पेक्टर सुखी इन्वेस्टीगेशन में आगे नहीं बढ़ पा रहे थे..सिपाही पोस्टमार्टम रिपोर्ट ले कर आया..इंस्पेक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़नी शुरु की....मि.कुमार कि रिपोर्ट में जो अजीब था वो ये कि विक्टिम के शरीर पर जिस हथियार से वार किया ...Read Moreवो नुकीला कोन के आकार का का था ..घाव के आस पास का एरिया ठंडा होने की वजह से खून तुरंत जम गया..उस घाव की वजह से उसकी जान गयी....मि.जलाल के पैर किसी ठंडी सतह पर थे और रस्सी उसके गले में धीरे धीरे कसी..जिससे उसकी जान गयी..इंस्पेक्टर सुखी अपने सीनियर को इनफार्मेशन देने जाने ही वाला था कि उसे