Kahaani ya Sach ? - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

कहानी या सच ? - भाग 2

इंस्पेक्टर सुखी इन्वेस्टीगेशन में आगे नहीं बढ़ पा रहे थे..सिपाही पोस्टमार्टम रिपोर्ट ले कर आया..इंस्पेक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़नी शुरु की..

..मि.कुमार कि रिपोर्ट में जो अजीब था वो ये कि विक्टिम के शरीर पर जिस हथियार से वार किया गया वो नुकीला कोन के आकार का का था ..घाव के आस पास का एरिया ठंडा होने की वजह से खून तुरंत जम गया..उस घाव की वजह से उसकी जान गयी..

..मि.जलाल के पैर किसी ठंडी सतह पर थे और रस्सी उसके गले में धीरे धीरे कसी..जिससे उसकी जान गयी..

इंस्पेक्टर सुखी अपने सीनियर को इनफार्मेशन देने जाने ही वाला था कि उसे पता चला कि..केस एसीपी रवि को हैंडओवर कर दिया गया है..चार लोगो की टीम बनायीं गयी है जिसमे इंस्पेक्टर सुख भी है.. ..तभी खबर आई कि कातिल ने विडियो रिलीज़ किया है..जिसकी एक कॉपी उसके पुलिस डिपार्टमेंट में भी आई है..

एसीपी रवि ने अपनी पूरी टीम को विडियो के साथ ऑफिस में बुलाया..विडियो को चालू किया गया.. ..मास्क से पूरे चेहरे को ढके हुए ”आप सबको जल्लाद का नमस्कार..जल्लाद का काम है अपराधी को सजा देना..जो मै दे रहा हूँ ..शराफत का जामा पहने सभी..शरीफ नहीं होते ..और सभी जल्लाद बुरे नहीं होते” ..तभी विडियो बदल जाता है और आगे चलता है..विडियो में..एक कमरे में तीन लोग दिखते है मि.कुमार, मि.जलाल, मि.राबर्ट..और वो कमरा मि.राबर्ट का फार्महाउस था जहाँ जल कर उनकी मौत हुई थी..

..विडियो आगे बढता है..तीनो नशे में डूबे हुए एक दूसरे से बात कर रहे थे..जिसमे छोटे बच्चो के (मानव) अंगो की डील की बात चल रही थी..इससे हुई पूरे साल की बड़ी कमाई की बात करते हुए तीनो ठहाका लगाते हुए हँस रहे थे.. ..तभी एक आदमी कुछ बच्चो को ले कर आया और बोला साहब पसन्द कर लें..बच्चो में कुछ लड़के और लडकियाँ थी..तीनो ये बोलते हुए हँसते हैं कि ‘आज रात का इंतजाम हो गया’..

..’आप सब को क्या लगता है..ये अब आप का फैसला है कि ये सराफत का नकाब पहन कर मानव अंगो की तस्करी करने वाले..उसके लिए छोटे बच्चो की जान लेने वाले..खूनी दरिंदे है..या उनको..उनके अंजाम तक पहुँचाने वाला कातिल है..बच्चो का यौन शोषण करने वाले वहशी कुत्तो के साथ क्या होना चाहिये’..


..विडियो आगे बढता है..तीनो नशे में बाते करते हैं कि हर साल बिज़नेस बढता जा रहा है दो गुने बच्चो की जरुरत पड़ेगी..मि.कुमार हँसते हुए मजाक में पूछता है “जिंदगी तो हम अपने हिसाब से अय्यासी वाली जी रहें हैं..अगर मौत अपनी मर्जी की चुननी हो तो वो कैसी होनी चाहिये”..

..”मै नार्मल मौसम में बर्फ पर खड़े हो कर मर जाऊ..” मि.जलाल हँसते हुए बोला.. ..मि.कुमार “तब तो बर्फ का छोटा सा टुकड़ा..मुझे लगे और मै..” हँसते हुए बातों बातों में बोला.. ..मि.राबर्ट “मै तो अपने पूरे होश में अपने आप को मरते हुए देख कर फील करना चाहता हूँ..बताओ कैसे करवाओगे फील” ठहका लगाते हुए बोला..

..विडियो बदलता है..जल्लाद “ख्वाहिस किसी की भी हो..पूरी हो जाए तो अच्छा है.. ..आरजू पूरी कर दी मैंने उनकी..जो नफरत के काबिल भी न थे..” शांत आवाज में बोला ..विडियो आगे बढता है ..

..जलाल के गले में फंदा था और वह बर्फ की सिल्ली पर खड़ा था..उसके हाथ बंधे हुए थे..वो फंदे की गाँठ खोलने की कोशिश करता लेकिन खोल नहीं पाता ..कुमार कुर्सी पर बैठा था उसके हाथ पैर बंधे हुए थे.. ..जल्लाद बार-बार उन्हें अपना जुर्म कबूल करने के लिए कहता ..कुमार चिल्लाता कि कुछ नहीं बोलना..मेरे लोग आते ही होंगे..इसका काम अब तमाम..

..जल्लाद एक झटके में घुमा..कोन के आकार के धातु के टुकड़े से कुछ निकाला और कुमार के सीने में घुसा दिया ..कोन के आकार का बर्फ का नुकीला टुकड़ा..कुमार के सीने में घुस चुका था..दर्द से कुमार चिल्ला रहा था..

..जलाल डर के मारे गिड़गिड़ाने लगा कि मुझे छोड़ दो मै सब बताता हूँ..उसने बच्चो के अंगो की तस्करी..उनके यौन शोषण..और उन्हें देह व्यापार के लिए दूसरे देशो में तस्करी करने की बात कबूल की..इसमें सामिल लोगो के नाम भी बताये..उनमे कुछ पुलिस के छोटे और बड़े लोग भी थे.. ..जलाल के पैरो के नीचे की बर्फ पिघलती जा रही थी ..जिससे उसके गले का फंदा कसता जा रहा था..मुझे छोड़ दो..ये आवाज सुनने वाला वहाँ कोई नहीं था.. ..जल्लाद शांत खड़ा था ..कुमार की चीखने की आवाज धीमे हो रही थी ..जलाल के चीखने की आवाज तेज हो रही थी.. ..जलाल के पैर पिघलते बर्फ का सहारा लेने की कोशिश करते ..लेकिन पिघलती बर्फ और कसते फंदे में ..फंदा जीत गया ..जलाल फंदे पर लटक रहा था..जल्लाद शांत खड़ा था..

..विडियो आगे बढ़ा..राबर्ट कुर्सी पर बैठा था..वो जिस कमरे में दिख रहा था वो उसका फार्महाउस था..राबर्ट चिल्ला रहा था कि उससे दुश्मनी लेना महंगा पड़ेगा..जल्लाद शांत बैठा था..उसने इंजेक्शन निकाला और उसके पैर..हाथ..शरीर पर लगा दिया..और जलाल के हाथ पैर खोल दिए ..जलाल ने खड़े होने की कोशिश की..वो गिर गया ..उसने हाथ के सहारे खड़े होने के लिए हाथ उठाना चाहा..उसका पूरा शरीर..सुन्न हो चुका था ..वो सिर्फ देख बोल सुन सकता था..वो चिल्लाने लगा कि तुमने मेरे साथ क्या किया..मै तुम्हे जान से मार दूंगा..जल्लाद को इसका कोई असर नहीं पड़ा..वो पूरे कमरे में पानी जैसा कुछ तरल डालता रहा..और कुछ राबर्ट के शरीर पर भी डाल दिया..
..अगले पल कमरे में आग लगी हुई थी..राबर्ट के हाथ पैर जल रहे थे ..वो हिल भी नहीं पा रहा था..अपने आप को जलते हुए देखना और मौत को करीब से महसूस करने का डर इनता था कि उसकी आवाज भी निकलना भी बंद हो गयी..गर्दन के नीचे का शरीर जल रहा था..राबर्ट दहशत से भरी आँखों से खुद को जलते देख रहा था..


..जल्लाद कमरे के टॉयलेट में जाता है और वहाँ की खुली खिड़की से बाहर जा कर खिड़की की ग्रिल को फिर से बड़ी सावधानी से पेंच से कस देता है..खिड़की वैसे ही हो जाती है..जैसे वो पहले थी..

..विडियो आगे बढता है..जल्लाद “ये वो दरिन्दे है जो अनाथालय के अनाथ बच्चो का जिन्हें कोई पूछने वाला नहीं ..उनका अपहरण कर उनके अंगो का सौदा कर उन्हें मार देते थे..जो बच्चे देखने और शरीर में अच्छे होते उन्हें विदेशों में बेंच देते..जहाँ उनका यौन शोषण होता..पसन्द आने पर ये कहीं से बच्चे उठा लेते थे.. ..कितने लोगो ने पुलिस कम्प्लेंन के अलावा अपने बच्चो को अपने दम पर खोजने की कोशिश की..कुछ दिन रो कर..सब उपर वाले की मर्जी मान कर सो गए.. ..हमारे बच्चे इनका शिकार होते रहे..और हम सोते रहे..

..मैंने अपने दर्द के साथ जीने से इंकार कर दिया..अपनी जिंदगी के एक साल दिए इन तक पहुँचने के लिए..इन तक पहुचने में चार गोलियां लगी..तीन बार ये मेरे बनाये ट्रैप में फसने से बच गए..लगा मै हार जाऊंगा ..लेकिन हार नहीं मानी..मै कौन हूँ ये जानने के लिए कई गैंग मेरे पीछे लगी.. ..लेकिन इनको इनके अंजाम तक पंहुचा दिया..इनके गैंग के बीच की लिंक तोड़ दी..लेकिन इनके बड़े आका अभी भी घूम रहें हैं.. ..लेकिन वो बचेंगे नहीं.. ..मेरा अगला शिकार जल्द ही मिलेगा आपको”

..तभी पुलिस को खबर मिलती है कि मि.प्रीत की कार का एक्सीडेंट हो गया है..कार ब्रिज से नीचे नदी में गिर गयी है..कार में दो लोग सवार थे..

..कार को नदी से निकाला गया ..कार में सिर्फ मि.प्रीत की डेड बॉडी थी..जो जली हुई थी.. ..लेकिन वहाँ मौजूद लोगो ने बताया कि कार गिरने से पहले मि.प्रीत सही सलामत थे.. ..तो पानी के अंदर प्रीत की बॉडी कैसे जल गयी.. ..मिस्ट्री कॉनटिन्यू..