Anokhe Rahashya book and story is written by Kartik Arya in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Anokhe Rahashya is also popular in Anything in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
अनोखे रहस्य - Novels
by Kartik Arya
in
Hindi Anything
दोस्तों, आज हम बात करेंगे महाभारत के कर्ण की जिसे लोग दानवीर कर्ण के नाम से जानते हैं। जिसे परशुराम जी ने श्राप दिया था। आज हम आपको बताएंगे की अखिर परशुराम जी ने कर्ण को श्राप क्यों दिया था ? ऐसी क्या वजह थी कि परशुराम जी को श्राप देना पड़ा? तो चलिए शुरू करते हैं -
महाभारत काल में, युद्ध कला में सिर्फ मल्ल-युद्ध ही नहीं होता था, बल्कि सभी तरह के शस्त्रों को चलाना भी सिखाया जाता था। इसमें ख़ास रूप से तीरंदाजी पर जोर दिया जाता था। कर्ण जानता था कि परशुराम सिर्फ ब्राह्मणों को अपने शिष्य के रूप में स्वीकार करेंगे। सीखने की चाहत में उसने एक नकली जनेऊ धारण किया और एक ब्राह्मण के रूप में परशुराम के पास चला गया। दोहरे श्राप के साथ, कर्ण आगे बढ़ा। उसे पता नहीं था कि उसे कहां जाना चाहिए। वह धुल के एक कण पर भी अपने बाणों से निशाना साध सकता था।
महाभारत : परशुराम ने कर्ण को श्राप क्यों दिया? दोस्तों, आज हम बात करेंगे महाभारत के कर्ण की जिसे लोग दानवीर कर्ण के नाम से जानते हैं। जिसे परशुराम जी ने श्राप दिया था। आज हम आपको बताएंगे की ...Read Moreपरशुराम जी ने कर्ण को श्राप क्यों दिया था ? ऐसी क्या वजह थी कि परशुराम जी को श्राप देना पड़ा? तो चलिए शुरू करते हैं - महाभारत काल में, युद्ध कला में सिर्फ मल्ल-युद्ध ही नहीं होता था, बल्कि सभी तरह के शस्त्रों को चलाना भी सिखाया जाता था। इसमें ख़ास रूप से तीरंदाजी पर जोर दिया जाता था।
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शिव का त्रिशुल, तीसरी आंख और नंदी – का क्या है रहस्य? तीसरी आंख का मतलब है कि आपका बोध जीवन के द्वैत से परे चला गया है। तब आप जीवन को सिर्फ उस रूप में नहीं देखते जो ...Read Moreजीवित रहने के लिए जरूरी है। बल्कि आप जीवन को उस तरह देख पाते हैं, जैसा वह वाकई है।शिव को हमेशा त्रयंबक कहा गया है, क्योंकि उनकी एक तीसरी आंख है। तीसरी आंख का मतलब यह नहीं है कि किसी के माथे में दरार पड़ी और वहां कुछ निकल आया! इसका मतलब सिर्फ यह है कि बोध या अनुभव का