Jindagi ki Ujali Bhor book and story is written by Sonali Rawat in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Jindagi ki Ujali Bhor is also popular in Love Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
जिंदगी की उजली भोर - Novels
by Sonali Rawat
in
Hindi Love Stories
उदासी का अजब सा माहौल था, होंठ खामोश, आंखों से बेमौसम बरसात. समीर को बाहर गए 4 दिन हो गए थे. वैसे यह कोई नई बात न थी. वह अकसर टूर पर बाहर जाता था. रूना तनहा रहने की आदी थी. फ्लैट्स के रिहायशी जीवन में सब से बड़ा फायदा यही है कि अकेले रहते हुए भी अकेलेपन का एहसास नहीं होता. कल शाम रूना की प्यारी सहेली सीमा आई थी. वह एक कंपनी में जौब करती है. उस से देर तक बातें होती रहीं. समीर का जिक्र आने पर रूना ने कहा कि वह मुंबई गया है, कल आ जाएगा.
‘मुंबई’ शब्द सुनते ही सीमा कुछ उलझन में नजर आने लगी और एकदम चुप हो गई. रूना के बहुत पूछने पर वह बोली, ‘‘रूना, तुम मेरी छोटी बहन की तरह हो. मैं तुम से कुछ छिपाऊंगी नहीं. कल मैं बड़ौदा गई थी. मैं एक शौपिंग मौल में थी. ग्राउंडफ्लोर पर समीर के साथ एक खूबसूरत औरत को देख कर चौंक पड़ी. दोनों हंसतेमुसकराते शौपिंग कर रहे थे. क्योंकि तुम ने बताया कि वह मुंबई गया है, इसलिए हैरान रह गई.’’ यह सुन कर रूना एकदम परेशान हो गई क्योंकि समीर ने उस से मुंबई जाने की ही बात कही थी और रोज ही मोबाइल पर बात होती थी. अगर उस का प्रोग्राम बदला था तो वह उसे फोन पर बता सकता था.
उदासी का अजब सा माहौल था, होंठ खामोश, आंखों से बेमौसम बरसात. समीर को बाहर गए 4 दिन हो गए थे. वैसे यह कोई नई बात न थी. वह अकसर टूर पर बाहर जाता था. रूना तनहा रहने की ...Read Moreथी. फ्लैट्स के रिहायशी जीवन में सब से बड़ा फायदा यही है कि अकेले रहते हुए भी अकेलेपन का एहसास नहीं होता. कल शाम रूना की प्यारी सहेली सीमा आई थी. वह एक कंपनी में जौब करती है. उस से देर तक बातें होती रहीं. समीर का जिक्र आने पर रूना ने कहा कि वह मुंबई गया है, कल आ
वक्त गुजरने लगा. अब समीर पहले से ज्यादा उस का खयाल रखता. कभी चाचाचाची का जिक्र होता तो वह उदास हो जाती. ज्यादा न पढ़ सकने का दुख उसे हमेशा सताता रहता. लेकिन समीर उसे हमेशा समझाता व दिलासा ...Read Moreजब कभी वह उस के मांपापा के बारे में जानना चाहती, वह बात बदल देता. बस यह पता चला कि समीर अपने मांबाप की इकलौती औलाद है. 3 साल पहले मां बीमारी से चल बसीं. पढ़ाई अहमदाबाद में और उसे यहीं नौकरी मिल गई. शादी के बाद फ्लैट ले कर यहीं सैट हो गया.रूना को ज्यादा कुरेदने की आदत न
‘‘जरूरत और हालात ने दोनों को करीब कर दिया. उस का भी कोई न था, परेशान थी. वह प्रोग्राम में गाने गा कर जिंदगी बसर कर रही थी. दोनों की उम्र में फर्क होने के बाद भी आपस में ...Read Moreतालमेल हो गया तो शादी ही बेहतर थी.‘‘पापा अपनी जगह सही थे. यह भी ठीक था कि बीमारी से अम्मी चिड़चिड़ी और रूखी हो गई थीं. वे किसी से मिलना नहीं चाहती थीं. पर अम्मी का गम भी ठीक था. जो हो गया उसे तो निभाना था. बूआ का बेटा बाहर पढ़ने गया था. बूआ अकसर अम्मी के पास रहतीं.