Tirathpur book and story is written by Narayan Mahale in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Tirathpur is also popular in Thriller in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
तिरथपुर - Novels
by Narayan Mahale
in
Hindi Thriller
घने जंगल मे आधी रात को गाँववालों से छिपकर विजय खास शालिनी को मिलने के लिए आया था। शालिनी भी उसे मिलने के लिए अपने कुटिया से दूर तक आयी थी। शायद ये उनके बीच का प्यार होगा या कोई जरूरी गुप्त संदेशा। जो पहुंचाना जरूरी था। अभी भी शालिनी की कुटिया बोहत दूर थी। "इन गरीब की कुटिया मे आप क्या आयोगे सहाब?, आंखो से नशा और ओंठो से प्यारिसी स्माईल देकर शालिनी 'विजय' को अपने कुटिया आने का नेवता दे रही थी।
ये वही शालिनी थी जिसे गाँववालोंने शापित बोलकर गाव से बाहर निकाला था। अब शालिनी कुछ लोगो का काबिला बनाकर जंगल के उन क्षेत्र में रहती थी जहा तीरथपूर गाँव को आना सख्त मना था। विजय उसी सीमा पे खड़ा था जहाँ से अंदर आना बोहत ही खतरनाक था।
घने जंगल मे आधी रात को गाँववालों से छिपकर विजय खास शालिनी को मिलने के लिए आया था। शालिनी भी उसे मिलने के लिए अपने कुटिया से दूर तक आयी थी। शायद ये उनके बीच का प्यार होगा या ...Read Moreजरूरी गुप्त संदेशा। जो पहुंचाना जरूरी था। अभी भी शालिनी की कुटिया बोहत दूर थी। "इन गरीब की कुटिया मे आप क्या आयोगे सहाब?, आंखो से नशा और ओंठो से प्यारिसी स्माईल देकर शालिनी 'विजय' को अपने कुटिया आने का नेवता दे रही थी। ये वही शालिनी थी जिसे गाँववालोंने शापित बोलकर गाव से बाहर निकाला था। अब शालिनी कुछ