Samta Mulak Samaaj ki shiksha Pranali book and story is written by संदीप सिंह (ईशू) in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Samta Mulak Samaaj ki shiksha Pranali is also popular in Human Science in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
समता मूलक समाज की शिक्षा प्रणाली - Novels
by संदीप सिंह (ईशू)
in
Hindi Human Science
समतामूलक से तात्पर्य है कि जिसमें शोषण ना हो। भारत दुनिया का सबसे बड़ा जनतन्त्र है जनसंख्या की दृष्टि से भी विश्व में दूसरे स्थान पर है ।अरबों की आबादी को एक सूत्र में बाँधने का दृढ़ संकल्प की आवश्यकता है। इतने बड़े देश में विन्न - भिन्न भाषा बोल , सामाजिक संरचना भौगोलिक ऐतिहासिक सम्पदा को पिरोकर रखने के लिए शिक्षा एक शशक्त माध्यम है जिसमें भिन्न - भिन धर्म , जाति सामाजिक एवं सभ्यताओं से ओत - प्रोत है । समय - समय पर हमारे मनीषियों तथा पूर्वजों ने अपने चिन्तन के द्वारा इस विशाल भारत माता को पिरोय
समता मूलक समाज की शिक्षा प्रणाली - 1 समतामूलक से तात्पर्य है कि जिसमें शोषण ना हो। भारत दुनिया का सबसे बड़ा जनतन्त्र है जनसंख्या की दृष्टि से भी विश्व में दूसरे स्थान पर है ।अरबों की आबादी को ...Read Moreसूत्र में बाँधने का दृढ़ संकल्प की आवश्यकता है। इतने बड़े देश में विन्न - भिन्न भाषा बोल , सामाजिक संरचना भौगोलिक ऐतिहासिक सम्पदा को पिरोकर रखने के लिए शिक्षा एक शशक्त माध्यम है जिसमें भिन्न - भिन धर्म , जाति सामाजिक एवं सभ्यताओं से ओत - प्रोत है । समय - समय पर हमारे मनीषियों तथा पूर्वजों ने अपने
समतामूलक समाज की शिक्षा प्रणाली - 2 पिछले भाग मे आपने पढ़ा....... उसको अपने जीवन के शैशव मूल्यों में स्वतन्त्र विचरण करने दिया जाए । जिससे उसके जीवन की एक सीढ़ी सहज एवं सरल ढंग से व्यतीत हो सके ...Read Moreअब शेष आगे........ शिक्षा प्रणाली में एक रूपता लाने के लिए मेरे विचार से पाँच वर्ष से पंद्रह वर्ष की उम्र तक बच्चों पर पढ़ाई का बोझ न डालकर भाषा और गणित का हो ज्ञान कराया जाए। भाषा के माध्यम से उसको अपने देश की भिन्न - भिन्न विशेषताओं से अवगत कराया जाए । गणित के माध्यम से कठिन एवं
भाग - 2 शेष से आगे...... समता मूलक समाज की शिक्षा प्रणाली - 3 यह सब कार्य करने के लिए देश के सकल घरेलू उत्पाद का 10 प्रतिशत शिक्षा पर और 7 प्रतिशत स्वास्थ्य पर जब तक नियाजित नहीं ...Read Moreजायेगा हम नदी के किनारे बैठकर तमाशा देखते रहेंगें नदी को पार नहीं कर पायेगें । जब हम व्यावसायिक शिक्षा की बात करते है तब हम छोटे बड़े सभी घरेलू अतिलघु उद्योग , ग्रामीण उद्योग लघु उद्योग जैसे बढई , कुम्हार का काम तेल मशीनों का आना , हथकरथा उद्योग , कालीन उद्योग , गोबी , रंगाई आदि का विकास