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व्याधि - Novels
by Naresh Bokan Gurjar
in
Hindi Fiction Stories
जिंदगी हर रोज की तरह अपने हिसाब से चल रही थी। सुबह की ताजा ओस पेड़ पौधों के पत्तों को नयी ताजगी का एहसास करा रही थी। पक्षी चहचहाकर सबका मन मोह रहे थे। दूर के जंगलों से ठंडी हवा शहर में घुस आयी थी। शायद दूर जंगलों में बीती रात बारिश हुई होगी। जब भी शहर से लगते जंगलों में बारिश होती है तो ऐसी ही ठंडी ठंडी हवा शहर की तरफ दौड़ी चली आती है।
सुबह के आठ बज चुके थे। कोमल की जैसे ही आँख खुली उसका ध्यान दीवार पर लगी घड़ी की तरफ गया। वह उठ खड़ी हुई। उसके पास ही उसका पति रमेश सोया हुआ था। कल ही दोनों की शादी हुई थी। पिछले दो सालों से दोनों एक दूसरे को डेट कर रहे थे। रमेश एक चरम रोग स्पेशलिस्ट डॉक्टर है। कोमल उसी के हॉस्पिटल में एज ए नर्स काम करने आयी थी और वहीं से दोनों के प्यार की शुरूआत हुई।
व्याधि भाग 1जिंदगी हर रोज की तरह अपने हिसाब से चल रही थी। सुबह की ताजा ओस पेड़ पौधों के पत्तों को नयी ताजगी का एहसास करा रही थी। पक्षी चहचहाकर सबका मन मोह रहे थे। दूर के जंगलों ...Read Moreठंडी हवा शहर में घुस आयी थी। शायद दूर जंगलों में बीती रात बारिश हुई होगी। जब भी शहर से लगते जंगलों में बारिश होती है तो ऐसी ही ठंडी ठंडी हवा शहर की तरफ दौड़ी चली आती है। सुबह के आठ बज चुके थे। कोमल की जैसे ही आँख खुली उसका ध्यान दीवार पर लगी घड़ी की तरफ गया।
व्याधि भाग 2 रमेश और कोमल कस्बे वाले घर में पहुँच चुके थे। यह जगह वाकई बहुत खुबसुरत, शांत और पहाड़ो से घिरी हुई थी। लंबे सफर के कारण दोनों पूरी तरह थक गये थे। चौकिदार ने उनके लिये ...Read Moreनाश्ते का प्रबंध किया। रमेश तुमने कभी बताया नहीं कि इतनी खुबसुरत जगह पर तुम्हारा एक घर भी है, चाय की चुश्की लेते हुये कोमल ने कहा। मैं इसे तुम्हें शादी के तोहफे के रूप में देना चाहता था, यह घर मैंने बहुत पहले लिया था जब तक तो हम मिले भी नहीं थे। जब मैं अपने काम और काम