Satya Harishchandra by Bhartendu Harishchandra

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सत्य हरिश्चन्द्र by Bhartendu Harishchandra in Hindi Novels
अथ सत्यहरिश्चन्द्र
(मंगलाचरण)
सत्यासक्त दयाल द्विज प्रिय अघ हर सुख कन्द।
जनहित कमला तजन जय शिव नृप कवि हरिचन्द1 ।। 1...
सत्य हरिश्चन्द्र by Bhartendu Harishchandra in Hindi Novels
स्थान राजा हरिश्चन्द्र का राजभवन।
रानी शैव्या1 बैठी हैं और एक सहेली2 बगल में खड़ी है।
रा. : अरी? आज मैंने ऐसे बुरे-बुर...
सत्य हरिश्चन्द्र by Bhartendu Harishchandra in Hindi Novels
स्थान वाराणसी का बाहरी प्रान्त तालाब।
(पाप1 आता है)
पाप : (इधर उधर दौड़ता और हांफता हुआ) मरे रे मरे, जले रे जले, कहां...
सत्य हरिश्चन्द्र by Bhartendu Harishchandra in Hindi Novels
स्थान: दक्षिण, स्मशान, नदी, पीपल का बड़ा पेड़,
चिता, मुरदे, कौए, सियार, कुत्ते, हड्डी, इत्यादि।
कम्मल ओढ़े...