Numbar Bole, Kismat Khole book and story is written by Astrovision in Hindi . This story is getting good reader response on Matrubharti app and web since it is published free to read for all readers online. Numbar Bole, Kismat Khole is also popular in Spiritual Stories in Hindi and it is receiving from online readers very fast. Signup now to get access to this story.
नंबर बोले, किस्मत खोले - Novels
by Astrovision
in
Hindi Spiritual Stories
आज के डिजिटल दौर की दुनिया में मेाबाइल नंबर से लेकर घर का नंबर, बैंक खाता नंबर, एटीएम पीनकोड नंबर, गाड़ी नंबर, बस नंबर, ट्रेन नंबर का महत्व बढ़ गया है। प्रत्येक व्यक्ति का रहन-सहन नंबरों से संचालित हो रहा है। हर पल साथ देने के लिए तत्पर सभी तरह के नंबर के बिना जिंदगी अधूरी, असहाय और अटकी हुई बन जाती है। इस तरह से देखें तो पाएंगे कि नंबर अर्थात अंक जितना वर्तमान से जुड़ा हुआ है उतना ही भविष्य से भी संबंध रखता है। यह अगर बीते दिनों के कामकाज को सहेज कर रखने में मददगार बनता है तो बर्तमान में भविष्य के लिए बुनियाद को मजबूत कर भाग्य का निर्माता भी बनता है। इस बारे में अंक ज्योतिष से विस्तृत जानकारी मिल सकती है।
आज के डिजिटल दौर की दुनिया में मेाबाइल नंबर से लेकर घर का नंबर, बैंक खाता नंबर, एटीएम पीनकोड नंबर, गाड़ी नंबर, बस नंबर, ट्रेन नंबर का महत्व बढ़ गया है। प्रत्येक व्यक्ति का रहन-सहन नंबरों से संचालित हो ...Read Moreहै। हर पल साथ देने के लिए तत्पर सभी तरह के नंबर के बिना जिंदगी अधूरी, असहाय और अटकी हुई बन जाती है। इस तरह से देखें तो पाएंगे कि नंबर अर्थात अंक जितना वर्तमान से जुड़ा हुआ है उतना ही भविष्य से भी संबंध रखता है। यह अगर बीते दिनों के कामकाज को सहेज कर रखने में मददगार बनता है तो बर्तमान में भविष्य के लिए बुनियाद को मजबूत कर भाग्य का निर्माता भी बनता है। इस बारे में अंक ज्योतिष से विस्तृत जानकारी मिल सकती है।
सभी मूल अंकों 1,2,3,4,5,6,7,8 और 9 का सभी ग्रहों से ठीक वैसा ही संबंध है, जैसा कि बारह राशियों के साथ होता है। ग्रहों की चर्चा किये बगैर किसी भी तरह के ज्यातिषीय प्रभाव की गणना नहीं की जा ...Read Moreहै। व्यक्ति जन्म से लेकर पूरे जीवन काल के दौरान ग्रहों के प्रभाव में बना रहता है। इसकी चाल और एक-दूसरे पर प्रभाव की दशा में व्यक्ति अपनी क्षमता और ऊर्जा को अर्जित करता है। किसी भी व्यक्ति के जन्म की तारीख, समय और स्थान के सीधा संबंध उन ग्रहों के साथ सीधे तौर पर खगोलिय गणना के अधार पर बन जाता है। उसके बाद जैसे-जैसे ग्रहों का परिभ्रमण होता है वैसे-वैसे व्यक्ति अपने ऊपर उन ग्रहों के प्रभाव को महसूस करता है। इसके आकलन के लिए ज्यातिष में राशियों से निकाला जाता है, तो एक अन्य तरीका अंक ज्योतिष में भी है। इसे समझने से पहले आइए पहले जानते हैं कि ग्रहों की चाल और दिशा कैसी होती है।
नोट: इस ई—बुक को पढ़ने से पहले पहला भाग भी अवश्य पढ़ें।
बारह राशियों और सप्ताह के सभी दिनों के लिए अंक ज्योतिष के अनुसार अलग—अलग अंक निर्धारित हैं। इसके आधार पर भाग्य और भविष्य का आकलन जन्म की तरीख से प्राप्त होने वाले मूल अंक और भाग्य अंक के साथ ...Read Moreजाता है।
राशि और अंकों का क्रम: इसके अनुसार राशियों के अंक उनके स्वामी ग्रह के आधार पर तय किये गए हैं। इन ग्रहों का रशियों पर स्पष्ट और विपरीत दोनों तरह के प्रभाव पड़ते हैं। स्पष्ट प्रभाव जहां व्यक्ति के शारीरिक गुणों-अवगुणों से दिखता है, वहीं विपरीत प्रभाव उसकी मानसिक दशा और मनोविज्ञान को दर्शाता है।
अंक और सप्ताह
सामान्यतः एक माह में चार सप्ताह होते हैं और एक सप्ताह में सात दिन। इन सात दिनों पर रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार और शनिवार से संबंधित ग्रहों और अंकों का असर भी व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है, जो ग्रहों के परिणाम से होता है। सप्ताह के प्रत्येक दिन पर नौ ग्रहों के स्वामियों मंा से क्रमशः पहले सात का राज चलता है. जैसे-
रविवार पर सूर्य, सोमवार पर चन्द्रमा, मंगलवार पर मंगल, बुधवार पर बुध, बृहस्पतिवार पर गुरु, शुक्रवार पर शुक्र और शनिवार पर शनि का प्रभाव रहता है। अन्तिम दो राहु और केतु क्रमशः मंगलवार और शनिवार के साथ संबंध रखते हैं।
अंक ज्योतिष में प्रत्येक अंक की अपनी विशेषता होती है, जिसके आधार पर व्यक्ति अपने बारे में बहुत कुछ आकलन कर सकता है। अपनी दिनचर्या से लेकर भविष्य तक का हिसाब लगा सकता है। यह अंक जन्म की तारीख ...Read More निकाला जा सकता है। आज पूरा संसार जिन भारतीय अंकों 1 से लेकर 9 के जरिये विज्ञान और गणित की गणनाएं बड़ी सहजता के साथ कर रहा है। वे सभी ब्रह्मांड के नौ ग्रहों से प्रभावित हैं। प्रत्येक ग्रह किसी न किसी अंक से जुड़ा हुआ है। अर्थात कोई एक नंबर किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। इनके अलावा सभी अंक उन्हीं की पुनरावृत्ति करते हैं। जैसे कि 10 के लिए 1 और 0 को जोड़कर 1 मिलता है, तो 11 के दोनों अंकों का जोड़ 2 है। इसी आधार पर बाकी के अंकों का संबंध मूल अंकों से निकाला जाता है। चाहे कितनी भी बड़ी संख्या क्यों न हो उनके अंकों को जोड़कर एक अंक में बदला जा सकता है। इस तरह से निकाले जाने वाले मूल अंक उस संख्या की आत्मा के समान होती है।
नोट: अंक ज्योतिष के कुछ और रहस्यों के बारे में जानने के लिए नंबर बोल, किस्मत खोले भाग—एक, दो और तीन अवश्य पढ़ें।