Gratitude in Hindi Fiction Stories by Dr Mrs Lalit Kishori Sharma books and stories PDF | आभार

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आभार

सृष्टि में सौंदर्य का एक अनुपम एवं अद्वितीय स्थान है संस्कृत साहित्य में काव्य गुणों के शेट्टी की अनेक गुणों से संबंधित विषय सामग्री विपुल है संस्कृत के महान काव्य में अनामिका नाम को सार्थक करने वाला कालिदास ही है जिनका काव्य शारदी जोशना के समान यामिनी को कामिनी कृतार्थ करने वाला है कालिदास के गांव में सौंदर्य विधान शीर्षक द्वारा सौंदर्य की विविधता के परिपेक्ष में उनके काव्य का विश्लेषण किया गया है प्रस्तुत ग्रंथ सर्वथा मौलिक है सौंदर्य का स्वरूप उसकी विशेषताएं सौंदर्य संबंधी कालिदास की सूक्ष्म दृष्टि आदि सामग्री नितांत मौलिक है सौंदर्य के शारीरिक मानसिक अलौकिक आध्यात्मिक व्हाई एवं अभ्यांतर पक्ष संबंधी विविध सामग्री हेतु अनेक साहित्यिक शास्त्री वह दार्शनिक ग्रंथ एवं विभिन्न विद्वानों के लेखों का सदुपयोग किया गया है इसके अतिरिक्त प्राचीन एवं नवीन ग्रंथों से प्रसंग अनुकूल उद्धरण भी प्रस्तुत किए गए हैं इस ग्रंथ में जिन विद्वानों की कृतियों का लाभ प्राप्त किया गया है उनका निर्देशन परिशिष्ट टिप्पणी में कर दिया गया है मैं उनके लिए उपकृत हूं अनेकों वर्षों के अथक परिश्रम के पश्चात इस ग्रंथ को पूर्ण करने की यह चिर कालीन बेला सम उपस्थित हुई कि अपनी अदम्य लालसा को गुरुजनों की अप रमित अनुकंपा के फल स्वरुप साकार कर सकें वीणापाणि मां शारदा जिन की महती कृपा दृष्टि से यह कार्य पूर्णता को प्राप्त हुआ उनके अनुग्रह के प्रति वाणी मौन है परम श्रद्धेय डॉ श्रीकृष्ण गुप्त कि मैं हृदय से कृतज्ञ हूं जिनके विद्वता पूर्ण मार्गदर्शन में शोध कार्य सफलता की सीमा तक पहुंच सका सतत वंदनीय पृथ्वी एवं गगन स्वरूप पूजनीय माता जी एवं पिताजी की विशेष कृपा रही जिन्होंने समय-समय पर कार्य की मंद गति को तीव्र करने की प्रेरणा दी तथा उनके सहयोग से शोध कार्य में पूर्णरूपेण सहायता मिली प्रातः स्मरणीय पूज्य पतिदेव के चरणों में भी श्रद्धा नत हूं जो अनेक दुरु हो परिस्थितियों में भी अपने सांत्वना पूर्ण शब्दों द्वारा शोध कार्य की प्रगति हेतु प्रेरणा प्रदान करते रहे अग्रजा डॉक्टर हिम्मत ही शर्मा चीन के शोध कार्य मुझे भी इस दिशा में प्रेरित किया टंकण यंत्र की कतिपय सीमाओं के कारण आंग्ल भाषा के अंको का प्रयोग करना पड़ा अनुनासिक वर्णों के स्थान पर अनुस्वार का प्रयोग किया गया है इन विविध कमियों के फल स्वरुप जो त्रुटि सुधार करना पड़ा है विज्ञ पाठक उसके लिए क्षमा करने की कृपा करेंगे मैं अपनी पुत्री दर्शिका बदामा अभिषेक शर्मा एवं पुत्र उज्जवल गौर पुत्र वधू वसुंधरा की भी हृदय से आभारी हूं जिनकी प्रेरणा से मेरा यह कार्य ग्रंथ रूप में परिणत हो सका मेरी पोती कर्मणा के प्रति भी कृतज्ञ हूं जिसकी द्वितीय वर्षगांठ के अवसर पर ग्रंथ प्रकाशन की लालसा फलीभूत होने की दिशा में अग्रसर हो सके प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप में सहयोग देने वाले सभी सहयोगियों की भी आभारी हूं इस पायदान पर पहुंच कर अपने स्नेहिल अनिल प्रकाश शर्मा को भी धन्यवाद प्रेषित करना चाहूंगी जिन्होंने इस ग्रंथ के प्रकाशन हेतु इसका संपादन कर इसको ग्रंथ रूप तक पहुंचाया साथ ही मैं अपने प्रकाशक एवं प्रकाशन में सहयोगी सभी शुभचिंतकों के लिए भी हृदय से अपनी कृतज्ञता प्रकट करना चाहूंगी जिनके बिना यह ग्रंथ इस सुखद अवस्था को प्राप्त नहीं हो सकता था अंत में प्रभु कृपा के लिए हृदय श्रद्धा बनत एवं वाणी मौन है डॉ श्रीमती ललित किशोरी शर्मा m.a. संस्कृत साहित्य हिंदी साहित्य M.Ed साहित्य रत्न एवं पीएचडी सेवानिवृत्त प्राध्यापक शासकीय स्नातकोत्तर शिक्षा महाविद्यालय ग्वालियर मध्य प्रदेश भारत