शायरी - Novels
by pradeep Kumar Tripathi
in
Hindi Love Stories
1.परिंदों के जो पऱ आये तो निकल पड़े जिंदगी का एहतराम करने को। उन्हें क्या मालूम था शिकारी घात लगा के बैठे हैं कत्ले आम करने को।।2माँ ज़िन्दगी का हर हिस्सा है, माँ से सुरू इस सृष्टि का हर ...Read Moreहै।माँ के बिना तो शृष्टि का निर्माण अधूरा है, माँ से ही ईश्वर का हर ग्यान भी पूरा है।।माँ से ईश्वर भी गाली खाने आता है, माँ को वो बनाने नहीं, खुद माँ से कुछ बनने आता है।माँ जीवन की हर सच्चाई है, जिसको भी जन्नत मिलि यहां वो माँ की हीं रहनुमाई है।माँ के चरणों में दुनिया भर का
1.परिंदों के जो पऱ आये तो निकल पड़े जिंदगी का एहतराम करने को। उन्हें क्या मालूम था शिकारी घात लगा के बैठे हैं कत्ले आम करने को।।2माँ ज़िन्दगी का हर हिस्सा है, माँ से सुरू इस सृष्टि का हर ...Read Moreहै।माँ के बिना तो शृष्टि का निर्माण अधूरा है, माँ से ही ईश्वर का हर ग्यान भी पूरा है।।माँ से ईश्वर भी गाली खाने आता है, माँ को वो बनाने नहीं, खुद माँ से कुछ बनने आता है।माँ जीवन की हर सच्चाई है, जिसको भी जन्नत मिलि यहां वो माँ की हीं रहनुमाई है।माँ के चरणों में दुनिया भर का
1. मेंरे वास्ताए तन्हाई से वास्ता हि कुछ यू हुआ।मैंने मुफलिस ही कुछ ऐसा चुना जिससे रास्ता हि न तय हुआ।।2. ज़िंदगी के हर तजुर्बेकार से पूँछा है मैंने।मौत में सुकून ना हो तो हर कोई जीना छोड़ दे।।3.मोहब्बत ...Read Moreखता है ये जमाने को कहा पता है।मोहब्बत में दिल जिगर जान ही नहीं रूहों का भी बिछड़ना मना है।।4.एक प्यार करने वाला हद से ज्यादा प्यार कर गया।मेरे दर्द को ना मिटा सका तो मुझे ज़हर दे गया।।5. गुलाब के फूलों पर पड़े शबनम की मोतियों की तरह है मुस्कान उसकी।आंखों से दिल में उतार लिया मगर हाँथ लगाने से डर लगता
1. गज़लतुम को अपनी जाने वफ़ा मानता है दिल।तुम हिं हो बेवफा ये जनता है दिल।।तुम को अपनी....तुमने दिया जो धोखा तो क्या गलत किया।दिखावे के प्यार को तो पहचानता है दिल।।तुम को अपनी.....तुम हो हसीन दिलरुबा जानेंजा जाने ...Read Moreहो।तुम्हारी हसीन मुलाकात को अब पहचानता है दिल।।तुम को अपनी...तुम हो अमीर जाने जिगर इस कायनात में।हम भी बजीर कायनात के ये मानता है दिल।।तुम को अपनी....तुम हो नसीली जाम सी आंखों में झील है।हम भी तो इन आंखों में डूबा हुआ है दिल।।तुम को अपनी जाने वफ़ा मानता है दिल।2.गीत- मैं तेरे दर पेमैं तेरे दर पे आकर बैठा
कोई इश्क की खातिर मेरे दिल को झिझोड़ रखा हैदिल से पूंछा तो पता चला वो रिश्ता हीं हमसे तोड़ रखा हैतुम कहो तो ज़िन्दगी को गला देता हूंउससे तुम्हारे लिए एक रुमाल बना देता हूंमैं जीते जी तुम्हें ...Read Moreतक नहीं पायातुम्हारे आंसू रुमाल को ना छुए ये दुआ देता हूंमौत अब सुनहरी हो गई हैज़िन्दगी अब गहरी हो गई हैतू छोड़ कर गई है जब सेमुझे लगता है दुनिया बहरी हो गई हैअगर इश्क में दिल टूटने की दवा जाम है, तो मैं पूरा मैयखना पी जाऊंमुझे तो फिकर इस बात की है, नशा तब भी नहीं हुआ
मैं जुर्म घोर रात के सन्नाटे में कर रहा थामुझे भ्रम था कि अब मुझे देखेगा यहां कौनजुर्म करते हुए देखा नहीं मेरे सिवा कोई औरजब पेसे दर हुआ तो गवाह मेरा दिल निकलावो सवर कर गई मेले में ...Read Moreकयामत आ गईकोई मेला खाक देखेगा जब मेला खुद उन्हें देखेवो जुर्म करने वाला तो अंधा निकलावो जुर्म करके सोचा वो देखता नहींवो देखता मुझे तो आवाज देताजब पेस दरबार में हुआ तो हिसाब सब निकलावो कितना मासूम है जो परिंदो के लिए आशियाना बना रहा हैकुछ लोग प्रदीप उसे चाल बाज कहते है जोमौत से ज़िन्दगी का बहाना बना
अब तक मेरा इश्क बहुत छोटा था अब बड़ा होने जा रहा है।पहले वो आशिक था अब बेवफ़ा होने जा रहा है।।वो आइने के पीछे से हर चेहरा पहचानता हैलोग उसे अंधा समझते हैं वो दिल के आंखों से ...Read Moreहै और सब कुछ जानता है उसकी नजरों का ज़ख्म जो मेरे दिल में है लाइलाज होता तो मेरा उसकी हांथो से ही इलाज होतादुनिया के सारे हकीम मेरी बीमारी से हार जातेउसकी नज़रों से मेरा इलाज होताउनकी जुल्फें भी मेरी शोहरत की आशिक़ निकलीमैं जरा सा बदनाम क्या हुआ वो घटा बन कर छाना छोड़ दियावो दर्द को बेदर्द कह कर
कुछ इस तरह हो गई है ज़िन्दगी किमीठी तो सुगर थी और तारीफ चाय की होती रहीये कैसा दस्तूर है दुनिया का ये देख कर प्याला भी हैरान हैलोग जिसके बिना चाय को पी भी नहीं सकता अक्सर उसे ...Read Moreके तोड़ देता हैइस ज़िन्दगी से ज़िंदगी भर का इकरार करना हैअब बहुत हुई आशिक़ी कुछ यार करते हैं।।वो बरबाद कर के खुश हो रहा था।खुद की बरी आई तो सर पीटने लगा।।ये आशिक़ी नहीं है प्रकृति है।जितना भी दिया है हिसाब कर के लेगी।।उनकी आंखों में काली घटाए उतार आई है।काजल की तो इतनी गहराई हो नहीं सकती।।ये नज़र
ब्राह्मण कौन है? ब्राह्मण वह है जो वशिष्ठ के रूप में केवल अपना एक दंड जमीन में गाड़ देता है,जिससे विश्वामित्र के समस्त अस्त्र शस्त्र चूर हो जाते हैं और विश्वामित्र लज्जित होकर कह पड़ते हैं-धिक बलं क्षत्रिय बलं,ब्रह्म ...Read Moreबलं बलं।एकेन ब्रह्म दण्डेन,सर्वस्त्राणि हतानि में।(क्षत्रिय के बल को धिक्कार है।ब्राह्मण का तेज ही असली बल है।ब्राह्मण वशिष्ठ का एक ब्रह्म दंड मेरे समस्त अस्त्र शस्त्र को निर्वीर्य कर दिया)ब्राह्मण वह है जो परशुराम के रूप में एक बार नहीं,21 बार आततायी राजाओं का संहार करता है।जिसके लिए भगवान राम भी कहते हैं-विप्र वंश करि यह प्रभुताई।अभय होहुँ जो तुम्हहिं डेराई।जिनके
दिल को अब दरिया बनाना है, अब मुझे खुद में ही डूब जाना है।तुम्हारी खामोशी से मै परेशान हूं, अब अपना आसिया कबरिस्तान में बनाना है।।क्या अजब की सान है मोला, गज़ब पहचान है ...Read Moreका वो बादशाह है, उसे बादशाहत पर गुमान है मोला।।इश्क है तो इश्क सरे अंजाम होना चाहिएनही तो ये सारा जहां वीरान होना चाहिएइश्क है तो इश्क सरे अंजाम होना चाहिएनही तो ये सारा जहां वीरान होना चाहिएउससे कहो कि आकर मुझसे माफ़ी मांगेनहीं तो ये सर कलम सरे बाजार होना चाहिएअब इश्क़ में माफ़ी नहीं होनी चाहिएअगर हो गुस्ताखी तो फिर फांसी
ये चाय भी बिल्कुल तुम्हारे जैसी हो गई है,जब तक लबों को ना छू ले ज़िन्दगी बिस्तर पर ही पड़ी रहती है।अब वो मुझसे बिछड़ जाने के बाद मोहब्बत का हिंसाब मांगते हैं,मना कर दिया, अगर देदेते तो दोबारा ...Read Moreहो जाती उन्हें हमसे।अभी हम उस मोहब्ब्त के हिसाब में उलझे हुए हैं तो जिंदा है,उन्हें दे कर हम अपनी रात दिन की कमाई क्या जिंदा रहते नहीं, मर जाते।।ये तो उनकी आंखों की चमक है जो हमे रात दिन दिखाई देता है,वरना हमने तो कबकी मूंद ली थी अपनी आंखे।हमें मोहब्बत का नशा था, अब चाय से है।हमें उनका
ऐ दिल तु मुझे प्रेम के बंधनों में मत उल्हजा, ये जिससे हो जाता है वही छोड़ जाता है।।अजीब मुसीबत है रूठे हुए को मनाना भीमान जाए तो छोड़ता हिं नहीं और न माने तो छूटता ही नहीं।।ये एक ...Read Moreउन्हें भी रुलाती होगी ,इश्क़ उन्हें भी होता होगा याद उन्हें भी आती होगी।।हम ही यहां तड़पते है ऐसा नहीं होता होगा,वो भी किसी की बांहों में तड़प तड़प के सिसकती होगी।।एक यही वाक्या उनके साथ न होता होगा,मैं हांथ पकड़ने की इजाजत लेता वहां तो खुद बांहों में जाती होगी।।हम क्या जाने अब उनका क्या क्या होता होगा,हम कंधे